विपक्षी नेता दे रहे हैं बेतुके बयान : अविनाश 

भाजपा सरकार के फैसलों का स्वागत करना चाहिए था

विपक्षी नेता दे रहे हैं बेतुके बयान : अविनाश 

कांग्रेसी नेताओं की ओर से राजनीतिक लाभ के लिए आनन-फानन में उठाए गए फैसले से यह स्पष्ट हो गया था कि उनकी सोच एक थी कि हम तो डूबेंगे, तुम्हें भी डूबाएंगे।

जयपुर। भजनलाल सरकार के कैबिनेट के फैसलों पर कांग्रेस नेताओं के बयानों पर पलटवार करते हुए कैबिनेट मंत्री अविनाश गहलोत और सुमित गोदारा ने कहा कि विपक्ष बचकाना और बेतुकी बयान दे रहा है। गहलोत ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस की भ्रष्ट सरकार ने कभी सोचा तक नहीं कि आजादी के 67 साल में केवल 7 नए जिले बनाए गए, जबकि इन्होंने राजनीतिक लाभ प्राप्त करने के चलते चुनावी साल के अंतिम 6 माह में 17 नए जिले और 3 संभाग बनाने की घोषणा कर दी। कांग्रेसी नेताओं की ओर से राजनीतिक लाभ के लिए आनन-फानन में उठाए गए फैसले से यह स्पष्ट हो गया था कि उनकी सोच एक थी कि हम तो डूबेंगे, तुम्हें भी डूबाएंगे।

बीजेपी मुख्यालय में अविनाश गहलोत ने कहा कि सरकार के निर्णयों पर प्रतिक्रिया नेता प्रतिपक्ष को देनी चाहिए थी, लेकिन डोटासरा ने यहां भी अतिक्रमण करते हुए पहले प्रेसवार्ता की। डोटासरा, जूली और गहलोत विपक्ष की भूमिका में रहते हुए भी बेतुके बयान दे रहे है, उन्हें भाजपा सरकार के फैसलों का स्वागत करना चाहिए था। प्रदेश में विपक्ष के पास अब धरने, प्रदर्शन के अलावा कुछ नहीं बचा। विपक्ष के नेताओं की उम्र हो रही है, ऐसे में वो राजनीति में रहने के लिए इस तरह के बयान दे रहे है। अब कांग्रेस विपक्ष में ही रहने वाली है।

जनता सब जानती-समझती है : गोदारा
कैबिनेट मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार का उद्देश्य प्रदेश की 8 करोड़ जनता को लाभ पहुंचाना है। इस दिशा में लगातार जनहितैषी कार्य किए जा रहे है। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की मंशा जनता के हित में नहीं थी, अगर जनता के हितों को ध्यान में रखकर जिले बनाए जाते तो गहलोत 15 साल तक मुख्यमंत्री रहे है, उन्होंने 14 साल तक जिलों के बारे में चर्चा तक नहीं की और जब सरकार जाने वाली थी, उस दौर में चुनाव से कुछ माह पूर्व बिना किसी योजना के 17 नए जिले बना दिए। प्रदेश की जनता है सब जानती है और सब समझती है, जनता ने कांग्रेस को विधानसभा चुनावों में आइना दिखा दिया। पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार का फैसला राजनीतिक स्वार्थ था, जबकि भजनलाल सरकार का फैसला जनहितार्थ है। सरकार के पहले ही साल में भाजपा संकल्प पत्र के 50 फीसदी से अधिक वादों को पुरा करने का ऐतिहासिक कार्य किया है, ऐसे में विपक्ष सरकार के कार्यों को देखकर बौखला गया है।

 

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