अदालती आदेश के बावजूद सरकारी जमीन पर भारी वाहनों की पार्किंग
17 लोगों को अवमानना नोटिस जारी
जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने अदालती रोक के बावजूद चौमूं तहसील की ग्राम पंचायत हाड़ौता में सरकारी भूमि पर भारी चारा वाहनों की पार्किंग कराने पर मुख्य सचिव, पंचायती राज आयुक्त, प्रमुख राजस्व सचिव, कलक्टर, यातायात उपायुक्त, एसडीएम और स्थानीय सरपंच सहित कुल 17 लोगों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया हैं। जस्टिस इन्द्रजीत सिंह और जस्टिस प्रमिल कुमार माथुर की खंडपीठ ने यह आदेश रामेश्वर प्रसाद व अन्य की अवमानना याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए। अवमानना याचिका में अधिवक्ता पीसी देवंदा ने अदालत को बताया कि स्थानीय ग्राम पंचायत के सरपंच ने ग्राम पंचायत और पंचायत समिति के अधिकारियों से मिलीभगत कर चारागाह भूमि तथा आम रास्ते को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए भारी चारा वाहनों के लिए पार्किंग का ठेका दे दिया।
हाईकोर्ट ने गत 8 नवंबर को यहां पार्किंग करने पर रोक लगाते हुए संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा था। इसके बावजूद इस जमीन पर पार्किंग ठेकेदार से मिलीभगत कर अवैध पार्किंग कराई जा रही है। याचिका में कहा गया कि काश्तकारी अधिनियम, पंचायती राज अधिनियम और भू-राजस्व अधिनियम के तहत चारागाह भूमि और आम रास्ते की जमीन जमीन का अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं हो सकता है। इसके अलावा अदालती रोक होने के बाद भी अधिकारी जानबूझकर आदेशों की अवमानना कर रहे हैं। ऐसे में दोषी अफसरों को अवमानना के लिए दंडित किया जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।
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