बिजली दरों में बदलाव की तैयारी : डिस्कॉम्स ने विद्युत विनियामक आयोग में पेश की याचिकाएं, शुल्क कम करने का प्रस्ताव
टैरिफ याचिकाओं के स्लैब में बदलाव
अलग-अलग स्लैब के नए प्रावधान से मुफ्त बिजली के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वालों को नुकसान होगा
जयपुर। प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं को फिर से बिजली बिलों में दर बढ़ोतरी का मामूली झटका लग सकता हैं। राजस्थान डिस्कॉम्स ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए राजस्थान विद्युत नियामक आयोग के समक्ष टैरिफ याचिका लगाई है। इसके तहत सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं के बिजली टैरिफ की अलग-अलग स्लैब में संशोधन करने के याचिकाएं दायर की गई हैं। घरेलू, कृषि और औद्योगिक श्रेणी कनेक्शनों की स्लैब में बदलाव किए गए हैं तो विद्युत शुल्क कम करने का प्रस्ताव भी रखा गया है। कुल मिलाकर एक तरफ उपभोक्ताओं को राहत देने के लिए कदम उठाए गए हैं तो दूसरी तरफ स्थाई शुल्क बढ़ोतरी से मामूली बिजली बिल बढ़ सकते हैं।
अलग-अलग स्लैब के नए प्रावधान से मुफ्त बिजली के लिए रजिस्ट्रेशन नहीं करवाने वालों को नुकसान होगा। घरेलू श्रेणी उपभोक्ताओं की अब दो ही स्लैब होंगी, जिसमें 150 यूनिट तक बिजली उपभोग पर छह रुपए प्रति यूनिट और 150 रुपए प्रतिमाह स्थाई शुल्क और 150 से 500 यूनिट तक सात रुपए प्रति यूनिट का प्रस्ताव है। 500 यूनिट से अधिक उपभोग वाले चौथी श्रेणी के उपभोक्ताओं को 7.50 रुपए प्रति यूनिट वसूलने का प्रस्ताव हैं। इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग स्टेशनों की दरें नहीं बढेंगी। दस किलोवाट से ज्यादा लोड वाले उपभोक्ताओं के लिए पहली बार टीओडी टैरिफ लागू होगा, जिसमें दस किलोवाट लोड वाले और स्मार्ट मीटर लगे उपभोक्ताओं को दायरे में लाया जाएगा। कृषि उपभोक्ता इस दायरे में नहीं होंगे। कृषि उपभोक्ताओं को सुबह छह से आठ बजे दो घंटे के लिए पांच प्रतिशत पैसा ज्यादा देना होगा। दोपहर 12 से चार बजे तक दस प्रतिशत सस्ती बिजली मिलेगी और शाम छह बजे से रात दस बजे तक दस प्रतिशत ज्यादा पैसा देना पड़ेगा।
घरेलू स्लैब में बीपीएल और आस्था कार्डधारकों का विलय
घरेलू श्रेणी में 17 लाख बीपीएल और आस्था कार्डधारकों की स्लैब का विलय किया हैं। विलय घरेलू स्लैब पर पहले से सब्सिडी जारी है, इसलिए बिलों पर असर नहीं आएगा। घरेलू श्रेणी के करीब 1.35 करोड़ उपभोक्ताओं में से 1.04 करोड़ को सब्सिडी मिलती हैं, इनमें से 62 लाख का बिजली बिल शून्य आता है। एसटी उद्योग श्रेणी में दरें कम करने का प्रस्ताव है। अब एमआईपी एचटी की रेट 55 पैसे प्रति यूनिट से घटाकर 20 पैसे प्रति यूनिट और एलआईपी श्रेणी में 85 पैसे प्रति यूनिट से घटाकर 30 पैसे प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव है। एचटी श्रेणी के घरेलू कनेक्शन में 50 केवीए से ऊपर पर 6.50 रुपए और बिलिंग डिमांड पर हर महीने 300 रुपए प्रति केवीए का प्रस्ताव है। अघरेलू पांच किलोवाट तक एलटी सप्लाई में 100 यूनिट तक सात रुपए, 100 से 500 तक 8.50 रुपए और 160 रुपए प्रति किलोवाट स्थाई शुल्क का प्रस्ताव है। पांच किलोवाट से ज्यादा में 500 यूनिट से ज्यादा पर 8.50 रुपए प्रति यूनिट और 200 रुपए प्रति किलोवाट या प्रतिमाह बिलिंग डिमांड का 320 रुपए स्थाई शुल्क प्रस्तावित हैं। अघरेलू में 50 केवीए से ज्यादा की संविदा मांग में 8.50 रुपए प्रति यूनिट और बिलिंग डिमांड का 320 रुपए प्रति माह स्थाई शुल्क प्रस्तावित है। लघु उद्योग श्रेणी में 30 रुपए प्रति एचपी स्थाई शुल्क बढ़ाने का प्रस्ताव है।

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