कोख चीर रहे प्राइवेट अस्पताल : हर चौथी डिलिवरी ‘सिजेरियन’

सरकारी में 13.47 लाख प्रसव पर एक लाख भी नहीं, प्राइवेट में 4 लाख पर ही 1.08 लाख ऑपरेशन से प्रसव

  कोख चीर रहे प्राइवेट अस्पताल : हर चौथी डिलिवरी ‘सिजेरियन’

एक्सपर्ट बोले : मोटी कमाई के साथ सुरक्षित प्रसव का फोबिया बड़ा कारण

जयपुर। राजस्थान में प्रसव के सरकारी अस्पतालों में नि:शुल्क के साथ सामान्य प्रसव के आंकड़े सुखद हैं। हर 13-14 प्रसव में से केवल एक प्रसव सिजेरियन हो रहा है। लेकिन प्राइवेट अस्पतालों में इसका आंकड़ा डराने वाला है। हर चौथा प्रसव सिजेरियन ही करवाया जा रहा है। हालांकि जांचों में गर्भ में जटिलताएं एक कारण हो सकता है,लेकिन सामान्य के मुकाबले सिजेरियन प्रसव से मोटी कमाई को भी प्रदेश के सरकारी डॉक्टर इसका एक बड़ा कारण मानते हैं।

राजस्थान में सालाना करीब 17.50 लाख गर्भवती महिलाओं का प्रसव हो रहा है। चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के अनुसार इनमें से 77 फीसदी यानी 13 लाख 47 हजार 500 प्रसव सरकारी अस्पतालों में हो रहा है। नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे के मुताबिक इनमें से 7.2 फीसदी मतलब 97,020 हजार की ही जटिलताओं के कारण मजबूरन सिजेरियन कर प्रसव कराया जा रहा है। जबकि प्राइवेट अस्पतालों में सरकारी के मुकाबले प्रसव का आंकड़ा तीन चौथाई (23 फीसदी) 4,02,500 ही है, लेकिन आॅपरेशन से 26.9 फीसदी यानी एक चौथाई से ज्यादा 1.08 लाख का प्रसव सालाना हो रहाी है। एक्सपर्ट डॉक्टर प्राइवेट अस्पतालों के पैसा कमाने के लिए सिजेरियन प्रसव कराने को अधिक प्रायिकता देने के साथ ही गर्भवती, परिजन और डॉक्टरों में सुरक्षित प्रसव के पैदा हुए फोबिया को भी इसका बड़ा कारण मानते हैं।


प्राइवेट में इलाज के साथ पैसा कमाने का प्रोफेशनलिज्म तो होता ही है। इससे इनकार नहीं किया जा सकता है, लेकिन प्रसूता-परिजनों और डॉक्टरों में सुरक्षित प्रसव का यहां फोबिया ज्यादा होता है। गर्भवती, परिजन भी डॉक्टरों पर बिना परेशानी प्रसव कराने का दबाव बनाते हैं। -डॉ.पुष्पा नागर, अधीक्षक, जनाना अस्पताल

प्राइवेट अस्पतालों में व्यावसायिकरण ज्यादा सिजेरियन का कारण मान सकते हैं, लेकिन दोषी तो परिजन-गर्भवती खुद हैं। परिजन-प्रसूता चाहती हैं कि प्रसव बिना दर्द के आसानी से हो। परिजन पैसे देकर चिकित्सा सुविधा ले रहे हैं, इसलिए डॉक्टर उनकी इस संतुष्टि को ज्यादा महत्व देता है। -डॉ.विमला जैन, पूर्व अधीक्षक, महिला चिकित्सालय

प्राइवेट अस्पतालों में सिजेरियन प्रसव ज्यादा क्यों हो रहे हैं। बिना वजह तो नहीं हो रहे, इसकी समीक्षा करेंगे।
-आशुतोष ए.टी पेंडणेकर, शासन सचिव, चिकित्सा विभाग

Post Comment

Comment List

Latest News

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब केवल बीएस-4 और उससे ऊपर के मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, दिल्ली में अब केवल बीएस-4 और उससे ऊपर के मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि दिल्ली में केवल बीएस-4 या उससे ऊपर मानक वाले वाहन ही चल सकेंगे। बीएस-3...
भारत–अर्जेंटीना कृषि सहयोग को नई मजबूती, कार्य योजना 2025-2027 पर किये हस्ताक्षर
मोदी के नेतृत्व एवं भजनलाल की मेहनत से राजस्थान कर रहा है विकास के नए आयाम स्थापित:​ डिप्टी सीएम दियाकुमारी
रेलयात्री कृपया ध्यान दें...लोकसभा में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव का बड़ा एलान, ज्यादा सामान ले जाने पर देना होगा इतना शुल्क, जानें पूरा मामला
बुकिंग शुरू होते ही टाटा सिएरा ने बाज़ार में मचाया तहलका: पहले ही दिन 70,000 से ज्यादा ऑर्डर कन्फर्म
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु वेल्लोर दौरे पर, श्रीपुरम स्वर्ण मंदिर में किए दर्शन
गुणवत्ता में  5 दवाएं, एक मेडिकल प्रोडक्ट फैल, बेचने पर रोक लगाई