राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा में राजस्थान नंबर-वन, उपमुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों को दी बधाई

छत्तीसगढ़ 9 लाख एंट्रीज से पीछे छूट गया

राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा में राजस्थान नंबर-वन, उपमुख्यमंत्री ने विभागीय अधिकारियों कर्मचारियों को दी बधाई

राजस्थान ने यह दिखा दिया है कि यदि इच्छाशक्ति समर्पण और जनसहभागिता हो तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

जयपुर। पोषण पखवाड़ा 2025' के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राज्य ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जबकि दूसरे स्थान पर छतीसगढ़ रहा है। प्रथम स्थान मिलने पर उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने ICDS के सभी अधिकारी -कर्मचारियों और प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। यह उपलब्धि राज्य सरकार आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं स्वास्थ्य कर्मियों तथा समाज के सभी जागरूक नागरिकों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी के प्रयास रंग लाए हैं। गौरतलब है कि राष्ट्रीय पोषण पखवाड़ा के सम्बन्ध में 3 अप्रैल 2025 को बैठक आयोजित कर उपमुख्यमंत्री द्वारा आईसीडीएस (महिला एवं बाल विकास विभाग) के अधिकारियों को सकारात्मक प्रयासों के लिए निर्देश दिए गए थे।

राज्य में बच्चों, किशोरियों, गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के पोषण स्तर को सुधारने के लिए चलाए गए विभिन्न अभियानों, जैसे सुपोषण अभियान, जन जागरूकता रैलियाँ, तथा स्थानीय पोषण आहार को बढ़ावा देने जैसे नवाचारों ने इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। पहले स्थान पर रहें राजस्थान के 33 जिलों द्वारा इस बार 11860962 गतिविधियों की एंट्रीज की गई। जबकि दूसरे स्थान पर रहें छत्तीसगढ़ के 33 जिलों द्वारा 10951961 गतिविधियों की एंट्रीज की गई है। वहीं तीसरे स्थान पर रहें महाराष्ट्र के 36 जिलों द्वारा 6712236  गतिविधियों की एंट्रीज की गई है।इस बार राजस्थान के मुकाबले छत्तीसगढ़ 9 लाख एंट्रीज से पीछे छूट गया है। 

राजस्थान के 33 जिलों द्वारा 25 अप्रैल 2025 तक की गतिविधियों के अनुसार चूरू - 1536980 एंट्रीज कर प्रथम, श्रीगंगानगर - 1673684 एंट्रीज कर द्वितीय हनुमानगढ़ - 921718 एंट्रीज कर तृतीय टोंक - 909097 एंट्रीज कर चतुर्थ और बीकानेर - 890367 एंट्रीज कर पांचवा स्थान प्राप्त किया। इन जिलों ने लक्ष्य से कई गुना अधिक प्रदर्शन किया। पूरे प्रदेश में ’’जन भागीदारी और विभागीय समन्वय’’ का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। यह सम्मान हमारे लिए न केवल गर्व का विषय है, बल्कि भविष्य में और बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरणा भी है। राजस्थान ने यह दिखा दिया है कि यदि इच्छाशक्ति, समर्पण और जनसहभागिता हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता।

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