राजेन्द्र गुढ़ा मंत्री पद से बर्खास्त, सरकार को विधानसभा में कटघरे में किया था खड़ा
राजभवन ने इसकी पुष्टि कर दी है
गुढ़ा ने राजस्थान विधानसभा में न्यूनतम आय गारंटी विधेयक पर बहस के दौरान अपनी ही सरकार को महिला सुरक्षा को लेकर कटघरे में खड़ा किया था।
जयपुर। राज्य सरकार के खिलाफ बयान को लेकर सैनिक कल्याण, होमगार्ड, नागरिक सुरक्षा एवं ग्रामीण एवं पंचायती राज राज्य मंत्री राजेन्द्र गुढ़ा को पद से बर्खास्त कर दिया गया। उन्हें मंत्री पद से बर्खास्त करने को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल को अभिशंषा भेजी थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया। राजभवन ने इसकी पुष्टि कर दी है। गुढ़ा ने राजस्थान विधानसभा में न्यूनतम आय गारंटी विधेयक पर बहस के दौरान अपनी ही सरकार को महिला सुरक्षा को लेकर कटघरे में खड़ा किया था। गुढ़ा के बयान को प्रतिपक्ष भाजपा के सदस्यों ने मुद्दा बनाया था और नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने कहा था कि सरकार के एक मंत्री ने सरकार के कामकाज की कलई खोल दी।
राठौड़ ने कहा कि सदन में एक मंत्री का बोलने का मतलब सरकार बोल रही है। इस मुद्दे को लेकर संसदीय मंत्री शांति कुमार धारीवाल और राजस्व मंत्री रामलाल जाट को सरकार के बचाव के पक्ष में बोलना पड़ा। बहस के दौरान धारीवाल और राठौड़ के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई। इस पर विपक्ष ने हंगामा भी किया। एक बार, तो सरकार बैकफुट पर भी आती नजर आई। गुढ़ा के कृत्य को गंभीरता से लिया गया और उसे मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया। गुढ़ा पिछले कुछ महीनों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनकी सरकार के खिलाफ सार्वजनिक मंचों पर बयान कर चुके हैं। कई मंत्रियों के खिलाफ भी तीखी टिप्पणियां की है। गुढ़ा इस सरकार में मंत्रिपरिषद के सदस्य है और वह नियम और प्रक्रिया के तहत सदन और सदन के बाहर अपनी सरकार के विरोध में ऐसा कोई बयान नहीं दे सकते और कृत्य नहीं कर सकते, जो सरकार के खिलाफ हो।
सदन में गुढ़ा ने यह बोला
सदन में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने मणिपुर में उपद्रवियों की ओर से महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना के विरोध में तख्तियां लहराई थी। इस पर गुढ़ा ने खड़े होकर कहा कि राजस्थान में इस बात में सच्चाई है कि हम यहां महिलाओं की सुरक्षा में विफल हो गए। राजस्थान में जिस तरह से महिलाओं पर अत्याचार बढ़े है। ऐसे में हमें मणिपुर के बजाय अपने प्रदेश में देखना चाहिए।
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