सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर वन विभाग के अधिकारियों में मचा हड़कम्प, वन्यजीव विशेषज्ञों ने कहा- यह अधिकारियों की आंखें खोलने जैसा
फोरेस्ट स्टाफ ने वीडियो डिलीट कराया, जिन्हें हमने वापस रिकवर किया
जयपुर के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क की टाइगर सफारी का वीडियो वायरल होने से वन विभाग में हड़कंप मच गया। पर्यटक उज्जवल शर्मा ने दावा किया कि स्टाफ ने उनसे वीडियो डिलीट करवाया था। सफारी के दौरान वाहन खड्डे में फंस गया था। विशेषज्ञों ने ट्रैक की जांच की मांग की। सीसीएफ टी. मोहनराज ने जांच के निर्देश दिए हैं।
जयपुर। नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित टाइगर सफारी का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद वन विभाग के अधिकारियों में हड़कम्प मच गया है। वीडियो बनाने वाले पर्यटक उज्जवल शर्मा का कहना है कि फोरेस्ट डिपार्टमेंट के स्टाफ ने मेरे से वीडियो डिलीट करवाए थे। लेकिन मैंने अपने दोस्त की मदद से इन्हें रिकवर कर लिया। इससे पहले 26 अक्टूबर को सफारी के दौरान जो हमारे साथ वाक्या हुआ था। उस दौरान हमें 30 मिनट बाद दूसरा सफारी व्हीकल लेने आया, लेकिन उसे कुछ दूरी पर खड़ा कर दिया था। उसके बाद हम खढ्ढे में धंसे वाहन से उतरकर दूसरे वाहन में गए। इस दौरान वन विभाग की गाड़ी भी थी, जिसमें अधिकारी थे, लेकिन वे अपनी गाड़ी से नीचे नहीं उतरे। वो सारा वाक्या वीडियो में दिखाई दे रहा है। उस दौरान एक व्यक्ति पतली सी डंडी लिए हमारे पास आया और दूसरे सफारी व्हीकल में बिठाया। ये सारा वाक्या मैंने मोबाइल कैमरे में कैद किया था। इससे पहले दैनिक नवज्योति ने 29 अक्टूबर को ‘वायरल वीडियो : टाइगर सफारी में गाडी का टायर धंसा, 30 मिनट तक फंसे रहे पर्यटक’ शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। दूसरी ओर वन्यजीव विशेषज्ञ दिनेश दुर्रानी का कहना है कि सफारी के ट्रैक्स की जांच होनी चाहिए। सफारी के दौरान गाइड का होना बेहद जरूरी है। वहीं वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट सुनील मेहता का कहना है कि सफारी ट्रैक दुरुस्त होने के बाद सफारी करानी चाहिए। ये अधिकारियों की आंखें खोलने वाली घटना है।
इनका कहना...
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क स्थित टाइगर सफारी की घटना की जानकारी ली जा रही है। अगर पर्यटक से स्टाफ ने वीडियो डिलीट करवाए हैं तो ये गलत है। जांच की जाएगी।
-टी. मोहनराज, सीसीएफ, वाइल्ड लाइफ

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