श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना: 8 रुपए की थाली में घोटाला
फोटो से फोटो खींचकर फर्जी कूपन काटे, प्रति थाली उठाया सरकारी अनुदान
तीन साल में रसोई संचालक 39 संस्थाएं ब्लैकलिस्ट, 36 पर एक-एक लाख की पेनल्टी
जयपुर। आठ रुपए में जरुरतमंदों को भोजन करवाने की श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना में फोटो से फोटो खींचकर फर्जी कूपन काटने के मामले सामने आए हैं। इन कूपन के जरिए प्रति थाली सरकारी अनुदान उठाया। पिछले तीन साल में मामले सामने आने के बाद 39 रसोई संचालक फर्मों को ब्लैकलिस्ट किया गया। इन संस्थाओं में 36 पर एक-एक लाख की पेनल्टी लगाई गई, जबकि बामनवास व जहाजपुर में दो संस्थाओं पर 48-48 हजार और भरतपुर में एक संस्था पर 86 हजार रुपए की पेनल्टी लगाई गई। हालांकि राज्य सरकार की ओर से दो अगस्त, 2020 को एक आदेश जारी कर कलक्टर की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय व निगरानी समिति का गठन भी किया था। स्वायत्त शासन विभाग की ओर से विधानसभा में एक सवाल के जवाब में यह जानकारी मुहैया करवाई गई हैं।
पूर्ववर्ती सरकार में एक व्यक्ति को दो कूपन की छूट
कांग्रेस सरकार में 28 अगस्त, 2020 को एक आदेश के जरिए लाभार्थी की आवश्यकता के अनुसार दो कूपन की राशि प्राप्त कर दो भोजन की थाली दिए जाने का प्रावधान किया गया था, जिस अब मौजूदा भाजपा सरकार ने रोक लगा दी हैं। योजना के अन्तर्गत भोजन की मात्रा में बढ़ोतरी करके भोजन की थाली का वजन 600 ग्राम कर दिया गया है। अब एक लाभार्थी को एक समय के भोजन के लिए एक कूपन की दिया जा सकेगा।
लागत 30 रुपए, ले रहे आठ रुपए
योजना के लाभार्थियों को खिलाए जाने वाले खाने की लागत 30 रुपए प्रति थाली आ रही है, लेकिन लाभार्थियों से प्रति थाली आठ रुपए ही लिए जाते हैं। इसमें प्रति थाली राज्य सरकार की ओर से रसोई संचालक संस्था को 22 रुपए की सब्सिडी देय हैं।
प्रतिदिन 2.30 लाख थाली का लक्ष्य
श्री अन्नपूर्णा रसोई योजना के लिए राज्य सरकार ने प्रतिशत 250 करोड़ का प्रावधान किया है। योजना के माध्यम से प्रतिदिन 2.30 लाख व्यक्ति एवं प्रतिवर्ष 9.25 करोड़ लोगों को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया हैं। योजना में पहले थाली में 450 ग्राम भोजन की मात्रा तय थी, जिसे बढ़ाकर अब 600 ग्राम प्रति थाली भोजन की मात्रा कर दी गई हैं।

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