शिक्षकों को एसआईआर में लगाया : स्कूलों में कोर्स पर ‘संकट के बादल’, अर्द्धवार्षिक परीक्षा सिर पर; कैसे होगा कोर्स पूरा
मतदाता सूची के निरीक्षण में लगे होने से शिक्षण कार्य भगवान भरोसे है
परीक्षा निर्धारित तिथि से पहले हो रही है और विषय के शिक्षकों के मतदाता सूची के निरीक्षण में लगे होने से शिक्षण कार्य भगवान भरोसे है।
जयपुर। राज्य में मतदाता सूची पुनरीक्षण अभियान (एसआईआर) 4 नवम्बर से शुरू होने पर उसमें करीब 55 हजार से अधिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाने से अर्द्धवार्षिक परीक्षा के कोर्स पर ‘संकट के बादल’ मंडरा रहे हैं। इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के बीएलओ और सुपरवाइजर के रूप में लगाने से स्कूलों में पठन-पाठन का कार्य बुरी तरह गड़बड़ा गया है, जबकि परीक्षाएं 20 नवम्बर से शुरू होगी। अव्वल तो अर्द्धवार्षिक परीक्षाएं शिविरा में दी गई तिथि से करीब 22 दिन पहले हो रही है और अब एसआईआर में शिक्षकों की ड्यूटी ने ‘कोढ़ में खाज’ का काम किया है। शिक्षकों की हालत खराब बनी हुई कि कोर्स पूरा नहीं कराएंगे तो रिजल्ट कमजोर होगा, रिजल्ट कमजोर होने पर विभाग उन्हें नोटिस सर्व करेगा। जबकि विद्यार्थियों की दुविधा है कि परीक्षा निर्धारित तिथि से पहले हो रही है और विषय के शिक्षकों के मतदाता सूची के निरीक्षण में लगे होने से शिक्षण कार्य भगवान भरोसे है।
कितने कम समय में कैसे होगा कोर्स पूरा
पिछले माह 28 अक्टूबर को ही द्वितीय परक (सैकण्ड टेस्ट) पूरे हुए हैं। शिक्षकों को चिंता सता रही है कि 28 अक्टूबर से 20 नवम्बर के बीच तीन रविवार और पांच नवम्बर को गुरु नानक जयंती का अवकाश होने से महज 19 दिन में इतना भारी भरकम कोर्स कैसे पूरा करा पाएंगे?
इनका कहना
‘बहुत ही दुखद है कि शिक्षा विभाग बिना रणनीति के नए-नए आदेश जारी करता रहता है। 20 नवम्बर से अर्द्धवार्षिक परीक्षा होगी लेकिन बड़ी संख्या में शिक्षकों को मतदाता सूची के कार्य में लगा रहा है। शिक्षा विभाग को पाठ्यक्रम में कटौती करनी चाहिए, जिससे की समय पर कोर्स पूरा हो सकें।’
- विपिन प्रकाश शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष राजस्थान माध्यमिक एवं माध्यमिक शिक्षक संघ

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