दस साल से 4 हजार किमी लंबे स्टेट हाईवे अधरझूल में, 5 साल में 365 किमी ही एनएच में किए शामिल
राज्य ने कई बार चिट्ठी लिखी, फिर भी केन्द्र से नहीं मिली मंजूरी
राज्य के सड़कों के नेशनल हाइवे में परिवर्तित किए जाने की राज्यों की ओर से समय-समय पर केन्द्र को अर्जी भेजी जाती हैं
जयपुर। राज्य के सड़कों के नेशनल हाइवे में परिवर्तित किए जाने की राज्यों की ओर से समय-समय पर केन्द्र को अर्जी भेजी जाती हैं, लेकिन उनमें अधिकतर प्रस्तावों को लंबे समय तक स्वीकृति नहीं मिल पाती है। राजस्थान के पिछले दस साल से करीब चार हजार किमी लंबाई के स्टेट हाइवे को एनएच में परिवर्तित करने के प्रस्ताव केन्द्र में अधरझूल हैं। जबकि पिछले पांच सालों में महज 365 किमी राज्य की सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्गों में परिवर्तित किया गया, इसमें भी वर्ष 2019-20 और 2023-24 में तो किसी हाइवे को एनएच में परिवर्तित नहीं किया गया अर्थात जीरो स्थिति हैं। ये जानकारी सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार हैं।
क्या हैं प्रस्ताव लंबित
राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2013-2018 में करीब 50 सड़कों को एनएच में परिवर्तित करने के लिए चार हजार किमी से अधिक लंबाई की सड़कों के प्रस्ताव भेजे गए, जिन पर मंत्रालय की सहमति भी बन चुकी थी, लेकिन उसका फायदा राज्य को नहीं मिल सका। इन सड़कों को लेकर राजस्थान सरकार की ओर से भी कई बार आग्रह पत्र लिखे गए, लेकिन स्थिति जस की तस रही। मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार साफ है कि राज्य की इन सड़कों के प्रस्तावों पर अमल नहीं हो सका।
क्या है नियम
सरकार यातायात को कम करने और राष्ट्रीय राजमार्गों पर जाम-भीड़ की समस्या को कम करने के लिए राज्य सरकारों के परामर्श से प्रमुख शहरों में रिंगरोड, बाइपास और एलीवेटेड कॉरिडोर का विकास भी करती हैं। यातायात सघनता, गति में कमी, शहर में प्रवेश करने, बाहर निकलने वाली सड़कों की संख्या, सड़कों की स्थिति, परस्पर प्राथमिकता और पीएम गतिशक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के साथ तालमेल के आधार पर निर्णय लिए जाते हैं।
सड़क का इन पर खरा उतरना जरूरी
मंत्रालय के अनुसार राज्य सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग के रूप में घोषित करने से पूर्व कई मापदण्डों की जांच की जाती है अर्थात 100 किलोमीटर के राष्ट्रीय राजमार्ग ग्रिड की उपलब्धि में योगदान देने वाली सड़कें, वे सड़कें जो पिछडे और पहाड़ी क्षेत्र के बडेÞ भू-भाग को आवागमन के लिए खोलने में मदद करती हैं, मुख्य सड़कें जो यात्रा की दूरी में उल्लेखनीय कमी लाती हैं और पर्याप्त आर्थिक विकास हासिल करती हैं तथा ऐसी सड़कें, जो राजधानी क्षेत्र के औद्योगिक एवं पर्यटन केन्द्रों को जोड़ती हैं।
पिछले 5 वर्ष में एनएच में अधिसूचित राज्य सड़कों का राज्यवार ब्यौरा
राज्य 2019-20 2020-21 2021-22 2022-23 2023-24
गुजरात 265 844 141 0 214
हरियाणा 0 71 23 132 0
मध्यप्रदेश 0 178 121 93 0
महाराष्ट्र 174 265 122 142 -13
राजस्थान 0 8 127 230 0
बिहार 0 413 169 0 162
उत्तर प्रदेश 0 94 414 54 -129
पश्चिम बंगाल 0 0 9 0 235
(लंबाई किलोमीटर में)
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