कोचिंगों सेंटरों के नियंत्रण के लिए कानून : प्रावधानों पर सहमति के बाद कानून लाने पर फैसला, प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति के सदस्य विधायक भी हुए शामिल
कई सुझाव दिए
राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 को लेकर विधानसभा में प्रवर समिति की दूसरी बैठक हुई।
जयपुर। राजस्थान कोचिंग सेंटर नियंत्रण और विनियमन विधेयक 2025 को लेकर विधानसभा में प्रवर समिति की दूसरी बैठक हुई। समिति के अध्यक्ष डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा की अध्यक्षता में हुई बैठक में समिति के सदस्य विधायक भी शामिल हुए। समिति में सत्ता और विपक्ष दोनों दलों के विधायक शामिल हैं। बीते बजट सत्र में कोचिंग सेंटरों के नियंत्रण और कोचिंग छात्रों की बढ़ती आत्महत्या को रोकने को लेकर यह विधेयक सदन में पेश हुआ था, लेकिन चर्चा के बाद बिल को लेकर सत्ता और विपक्ष दोनों और के सदस्यों ने विधेयक में शामिल प्रावधानों में कमियां बताई थी। कई सुझाव दिए थे, जिन्हें विधेयक में शामिल किए जाने की मांग की गई थी। इसके बाद विधेयक को पास कर कानून बनाने की जगह सरकार ने इसे प्रवर समिति को भेज दिया था, ताकि विधेयक में आवश्यक सुझावों को शामिल किया जा सके।
विधानसभा में हुई बैठक में समिति में शामिल विधायकों ने बिल में शामिल किए जाने वाले प्रावधानों को लेकर सुझाव दिए हैं। इन सुझावों को लेकर 15 सदस्यीय समिति में गहन विचार विमर्श हुआ है। हालांकि, यह अभी तय नहीं हुआ है कि किन सुझावों को इसमें शामिल किया जाए। विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों की इस विधेयक में शामिल किए जाने को लेकर चर्चा में रखे गए सुझावों पर भी आगामी बैठक में चर्चा करने का फैसला किया गया है। समिति संशोधित प्रावधानों के साथ अपने सुझाव की रिपोर्ट बनाकर विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को सौंपेगी। इसके बाद ही विधेयक को फिर से आगामी सत्र में रखने और ना रखने का फैसला किया जाएगा। समिति की आगामी बैठक 2 जुलाई को होगी। समिति में डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा इस समिति के सभापति हैं। इसके अलावा समिति में विधायक फूल सिंह मीणा, राधेश्याम बैरवा, संदीप शर्मा, दीप्ति माहेश्वरी, कालीचरण सराफ, नौक्षम, राजेन्द्र गुर्जर, बाबू सिंह राठौड़, राजेन्द्र पारीक, श्रवण कुमार, जाकिर हुसैन गैसावत, कांति प्रसाद, अशोक कुमार कोठारी और उमेश मीणा शामिल हैं।

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