इमरजेंसी विभागों में महिला डॉक्टरों की रुचि कम, गायनी और ऐनिस्थीसिया को देती हैं तरजीह
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के गायनोकॉजी विभाग में सबसे ज्यादा महिला डॉक्टर
ऑर्थोपेडिक्स, नेफ्रोलॉजी, यूरोलॉजी, एंडोक्राइनोलॉजी में एक भी महिला डॉक्टर नहीं
जयपुर। चिकित्सा के क्षेत्र में भले ही महिलाओं की रूचि पहले से ज्यादा बढ़ गई हो, लेकिन अब भी अधिकांश मेडिकल स्टूडेंट्स इमरजेंसी वाले विभागों में सर्विस देने से कतराती हैं। यही कारण है कि ऑर्थोपैडिक्स, नेफ्रोलॉजी, प्लास्टिक सर्जरी जैसे विभागों में महिला मेडिकल स्टूडेंट्स करियर नहीं बनाती और न ही पीजी में स्पेशलाइजेशन करती है। एसएमएस मेडिकल कॉलेज में मौजूद डॉक्टर्स और टीचिंग फैकल्टी की बात करें तो गायनोकोलॉजी विभाग में सबसे ज्यादा महिला डॉक्टर्स हैं, क्योंकि ये पूरा मामला महिलाओं के इलाज से जुड़ा है। इस सेक्शन में कुल फैकल्टी की 95 फीसदी महिला डॉक्टर्स हैं। वहीं दूसरे नंबर पर ऐनिस्थीसिया डिपार्टमेंट आता है जहां 40 के करीब टीचिंग और नॉन टीचिंग फैकल्टी है। इनके अलावा जनरल मेडिसन, जनरल सर्जरी, पीडियाट्रिक, पैथोलॉजी, एनाटॉमी, रेडियालॉजी में महिलाओं की ज्यादा दिलचस्पी देखी गई है।
35 साल में केवल 2 ने की पीजी
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के ऑर्थोपैडिक्स डिपार्टमेंट की रिपोर्ट देखे तो पिछले 35 साल में यहां केवल 2 ही महिला स्टूडेंट्स ने अब तक पीजी की है। इससे पहले डॉ. पूर्णिमा पाटनी ऐसी महिला डॉक्टर थी, जिन्होंने ऑर्थो यानी अस्थि रोग विभाग में स्पेशलाइजेशन किया। ऑर्थोपेडिक्स डिपार्टमेंट के सीनियर प्रोफेसर डॉ. डीएस मीणा की मानें तो करीब 4 साल पहले पंजाब से आई एक महिला स्टूडेंट ने यहां से पीजी की और वापस चली गई। वर्तमान में हरियाणा से आई एक एमबीबीएस स्टूडेंट ऑर्थो में पीजी कर रही है।
इसलिए कम आती हैं इमरजेंसी डिपार्टमेंट में महिलाएं
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के सीनियर प्रोफेसर की मानें तो इसके पीछे कारण इमरजेंसी सर्विस में 24 घंटे ड्यूटी के लिए अलर्ट रहना है। ऑर्थो में ज्यादातर मामले इमरजेंसी ट्रोमा के आते हैं, जिसमें कई बार डॉक्टर्स को देर रात या अलसुबह सर्जरी करनी पड़ती है। इसके साथ ही इस विभाग में प्लास्टर बांधने, हड्डी जोड़ने जैसे कामों में शारीरिक श्रम भी ज्यादा लगता है। वहीं पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण भी महिलाएं इमरजेंसी सेवाओं में आने से बचती है।
इन डिपार्टमेंट में इतनी महिलाएं
एसएमएस मेडिकल कॉलेज से लगते हॉस्पिटल में सर्विस दे रही महिला डॉक्टर्स में सबसे ज्यादा गायनोकोलॉजिस्ट हैं जो जनाना, सांगानेरी गेट महिला, गणगौरी और एसएमएस हॉस्पिटल में सेवाएं दे रही हैं। इनकी संख्या 80 से ज्यादा है। जबकि दूसरा नंबर ऐनिस्थीसिया डिपार्टमेंट का आता है जहां 40 से ज्यादा महिला डॉक्टर्स है। वहीं तीसरा नंबर माइक्रोबायोलॉजी का है, जहां 25 से ज्यादा महिला डॉक्टर्स है।
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रमुख डिपार्टमेंट्स में महिला डॉक्टरों की स्थिति
डिपार्टमेंट संख्या
मेडिकल ऑन्कोलॉजी 3
कार्डियोलॉजी 1
कार्डियक सर्जरी 2
डेंटिस्ट 1
गेस्ट्रॉलोजी 1
जनरल सर्जरी 8
न्यूरोलॉजी 1
न्यूरोसर्जरी 0
नेफ्रोलोजी 0
जनरल मेडिसिन 7
पीडियाट्रिक्स 9
स्किन 2
ऑप्थेमोलॉजी 7
यूरोलॉजी 0
एनाटोमी 14
एंडोक्राइनोलोजी 0
प्लास्टिक सर्जरी 1
रेडियोडाइगनोसिस 13
ईएनटी 3
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