मां की आंखें नम, दिल में गर्व : बेटा शहीद हुआ है, अब बहू को भी सेना में भेजूंगी
कुन्नूर हेलिकॉप्टर हादसे में झुंझुनूं जिले के ग्राम घरड़ाना खुर्द निवासी कुलदीप राव भी हुए शहीद
झुंझुनू/चिड़ावा। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार को भारतीय वायु सेना के हेलिकॉप्टर क्रैश में सीडीएस बिपिन रावत की पत्नी सहित 11 अन्य सेना अफसर और जवान शहीद हो गए। इनमें झुंझुनूं जिले के ग्राम घरड़ाना खुर्द निवासी को-पायलट स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह राव भी हैं। शहीद के पिता रणधीर सिंह, माता कमला देवी, ताऊ और चाचा पैतृक गांव पहुंच गए हैं। अन्य परिजन भी दिल्ली तथा अन्य स्थानों से शहीद कुलदीप के पैतृक गांव घरडाना खुर्द पहुंच रहे हैं। पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ी हुई है। शहीद की मां कमला देवी की आंखें नम हैं, लेकिन उनकी आंखों में बेटे के लिए गर्व भी है। उन्होंने जमकर वंदेमातरम के नारे लगाए। कुलदीप की मां का कहना है कि उनका बेटा शहीद हो गया, लेकिन उसके बेटे की यही कमाई है। देश की सेवा करते हुए बेटा शहीद हुआ है। अब बहू को भी सेना में भेजूंगी।
पूरे गांव में दौड़ी शोक की लहर, नहीं जले चूल्हे :
गांव के पूर्व सरपंच हरपाल सिंह ने बताया कि पूरे गांव को कुलदीप पर गर्व है। गांव के लाडले को पूरे सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। देर शाम ही शहीद होने की सूचना मिल गई थी। पूरे गांव में शोक का माहौल हो गया। रात को पूरे गांव में चूल्हे नहीं जले। पूरा गांव इस घड़ी में शहीद के परिवार के साथ है। शहीद का शुक्रवार को अंतिम संस्कार किया जाएगा। चौधरी हरपाल सिंह राव ने बताया कि शहीद कुलदीप सिंह का घरड़ाना खुर्द गांव के स्कूल के सामने चौक में अंतिम संस्कार किया जाएगा। यहां सफाई भी शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि शहीद को क्रिकेट भी खेलने का शौक था।
शहीद कुलदीप राव के चाचा के बेटे एक्स नेवी पर्सन राजेंद्र राव ने बताया कि बचपन से ही कुलदीप पायलट बनना चाहता था। कुलदीप खिलौने का हवाई जहाज हाथ में लेकर घूमता था और कहता था कि वह एक दिन पायलट जरूर बनेगा। राजेन्द्र ने बताया कि 7 महीने पहले कुलदीप परिवार में चाचा के लड़के की शादी में कुलदीप घरडाना खुर्द में आए थे। अपने स्कूल भी गए थे, वहां बच्चों से मिलकर उन्हें सेना में जाने के लिए प्रेरित किया।
पिता भी नेवी में रहे हैं अफसर
शहीद कुलदीप सिंह राव माता कमला देवी और पिता रणधीर सिंह के अकेले पुत्र थे। इनका विवाह करीब दो वर्ष पूर्व मेरठ की रहने वाली यशवनी के साथ हुआ था। उनकी एक बहिन अनिता इंडियन कोस्ट गार्ड में अधिकारी है। शहीद की माता गृहणी है। पिता रणधीर सिंह भी नेवी में अफसर रहे हैं जो अब रिटायर्ड है। कुलदीप मुम्बई से बीएससी व आईआईटी कर वर्ष 2013 में वायु सेना में भर्ती हुए थे। स्क्वॉड्रन लीडर कुलदीप सिंह का परिवार वर्तमान में जयपुर रहता है।
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