लिव-इन में रहने वाली महिला को पति से नहीं मिलेगा गुजारा भत्ता, कोर्ट ने खारिज की महिला की याचिका
पीहर पक्ष लंबे समय तक उसका भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं
कोर्ट ने कहा, इस केस में दूसरे व्यक्ति की ओर से महिला का खर्चा उठाए जाने के साक्ष्य मौजूद हैं।
जोधपुर। लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाली शादीशुदा महिला को उसके पति से गुजारा भत्ता नहीं मिलेगा। जोधपुर फैमिली कोर्ट ने एक मामले में सुनवाई करते हुए ये फैसला सुनाया है। दरअसल सूंथला निवासी एक महिला ने पारिवारिक कोर्ट में घरेलू हिंसा का परिवाद पेश किया था। महिला ने कहा, वह लंबे समय से पति से अलग रह रही है। नागौर के कुचेरा निवासी उसके पति का बिजनेस है। उसकी हर महीने की इनकम करीब सवा लाख रुपए है। इसलिए उसे तीस हजार रुपए मासिक भरण-पोषण दिलाया जाए। महिला के पति के वकील ने कहा, महिला ने खुद दौसा एसपी को उसका खर्च संबंधित व्यक्ति के द्वारा उठाने की जानकारी दी थी। पुलिस जांच में महिला का राजकुमार नामक व्यक्ति के साथ रिलेशनशिप में रहना पाया गया है।
खुद महिला ने भी संबंधित कोर्ट में हुए बयानों में भी लिव-इन रिलेशनशिप को स्वीकार किया। उसका खर्च राजकुमार उठा रहा है। वहीं पति से भरण-पोषण की मांग करते हुए दायर परिवाद में महिला ने कहा, वह कोई काम नहीं जानती। वह पीहर पक्ष पर आश्रित है और पीहर पक्ष की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। पीहर पक्ष लंबे समय तक उसका भरण-पोषण करने में सक्षम नहीं है। इसलिए वह उन पर ज्यादा दिनों तक बोझ नहीं बने रहना चाहती। इसलिए उसे भरण-पोषण दिलाया जाए। सुनवाई करते हुए पारिवारिक कोर्ट संख्या-3 के पीठासीन अधिकारी दलपतसिंह राजपुरोहित ने महिला की मांग को खारिज कर दिया है। कोर्ट ने कहा, इस केस में दूसरे व्यक्ति की ओर से महिला का खर्चा उठाए जाने के साक्ष्य मौजूद हैं। ऐसे में महिला को पहले पति से भरण-पोषण पाने का अधिकार नहीं है।
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