पूर्वी राजस्थान के सिनेमा घरों में दिखाई जाएगी डॉक्यूमेन्ट्री मूवी चंबल की चिट्ठी
ईआरसीपी को लेकर देगी जागरूकता का संदेश
पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की 13 जिलों में आवश्यकता को लेकर बनाई गई डॉक्यूमेन्ट्री मूवी चंबल की चिट्ठी का प्रदर्शन पूर्वी राजस्थान के सिनेमा घरों में किया जाएगा, ताकि ईआरसीपी के प्रति आमजन जागरूक हो सकें।
टोडाभीम। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) की 13 जिलों में आवश्यकता को लेकर बनाई गई डॉक्यूमेन्ट्री मूवी चंबल की चिट्ठी का प्रदर्शन पूर्वी राजस्थान के सिनेमा घरों में किया जाएगा, ताकि ईआरसीपी के प्रति आमजन जागरूक हो सकें। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेश मीडिया प्रभारी दीनदयाल सारस्वत ने बताया कि चंबल की चिट्ठी मूवी की लॉचिंग गत 3 मई को जयपुर के ईपी (मिराज सिनेमा) में मैग्सेसे पुरस्कार विजेता जलपुरुष राजेन्द्र सिंह और अभिनेत्री युविका चौधरी की विशेष उपस्थिति में की गई थी। इस फिल्म का निर्माण पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष भामाशाह रामनिवास मीना और मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना ने ईआरसीपी की आवश्यकता को देखते हुए कराया है। पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कराने के लिए प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना और मुख्य संयोजक रविन्द्र मीना ने जनजागरूकता अभियान चलाया हुआ है। इसी अभियान के तहत किसान विकास समिति ने तय किया है कि ईआरसीपी के प्रति आमजन जागरूक हो सके, इसके लिए चंबल की चिट्ठी मूवी का प्रदर्शन पूर्वी राजस्थान के सिनेमा घरों में किया जाएगा। इसके साथ विभिन्न सोशल साइट्स पर भी इस मूवी को देखा जा सकता है। मुख्य संयोजक रविंद्र मीना ने बताया कि सिनेमाघरों के अलावा चंबल की चिट्ठी मूवी को प्रोजेक्टर एवं एलईडी के माध्यम से गांवों में भी दिखाया जाएगा। प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने कहा है कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित नहीं कर सरकार धरतीपुत्रों पर अत्याचार कर रही है। पेयजल और सिंचाई के अभाव में पूर्वी राजस्थान के किसान कंगाली के कगार पर पहुंच गए हैं। इसे सरकार को गंभीरता से समझते हुए ईआरसीपी को अविलंब राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का कार्य करना चाहिए। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना किसान विकास समिति के प्रदेशाध्यक्ष रामनिवास मीना ने कहा है कि सरकार को पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के 83 विधानसभा क्षेत्रों में चल रहे भीषण जल संकट को समझना चाहिए। राजस्थान की 41.63 आबादी ईआरसीपी के अभाव में पेयजल के साथ सिंचाई के बड़े संकट से जूझ रही है।ईआरसीपी से राजस्थान का 23.67 प्रतिशत क्षेत्र कवर किया जा सकेगा। ईआरसीपी के माध्यम से 13 जिलों में पीने का पानी और 26 विभिन्न बड़ी एवं मध्यम परियोजना के माध्यम से 2.8 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई हेतु जल उपलब्ध हो सकेगा।
टोडाभीम फोटो नंबर दो।

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