10 से 15 फीसदी उत्पादन होगा प्रभावित

उद्योगों में 10 घंटे बिजली कटौती का उद्यमियों ने किया विरोध

10 से 15 फीसदी उत्पादन होगा प्रभावित

बिना बिजली के न तो फैक्ट्री चल सकती हैं और न ही उद्योग।

कोटा। राज्य में चल रहे बिजली संकट को देखते हुए उद्योगों में सप्ताह में दो दिन 10 घंटे बिजली कटौती करने से कोटा के उद्योगों पर भी इसका प्रभाव पड़ेगा। इससे करीब 10 से 15 फीसदी उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। राज्य में बरसात कम होने से बिजली का संकट गहरा गया है। ऐसे में किसानों को कृषि के लिए पर्याप्त बिजली देने के लिए उद्योगों में बिजली कटौती का निर्णय किया गया है। हालांकि प्रदेश के सभी संभाग मुख्यालयों में सप्ताह में दो दिन  अलग-अलग वार को शाम 7 से सुबह 5 बजे तक दस घंटे की कटौती की जाएगी। उसी के तहत कोटा में बुधवार व गुरुवार को दो दिन बिजली कटौती होगी। 

उत्पादन भी कम होगा
बिजली विभाग द्वारा बार-बार उद्योगों में की जाने वाली बिजली कटौती का कोटा के उद्यमियों ने विरोध जताया है। साथ ही कहा कि इससे उत्पादन भी कम होगा। दी एसएसआई एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष  गोविंद राम मित्तल ने बताया कि कोरोना काल के बाद से उद्योग विशेष रूप से स्माल स्केल इंडस्ट्री वैसे ही संकट के दौर से गुजर रही है। बड़ी मुश्किल से संभलने का मौका मिलता है।  

एक शिफ्ट पूरी बंद होगी
उन्होंने बताया कि कोटा में पत्थर, वेल्डिंग रोड व प्लास्टिक समेत कई ऐसे उद्योग हैं जिनमें पूरे सप्ताह 24 घंटे काम होता है। ऐसे में सप्ताह में दो दिन 10-10 घंटे बिजली कटौती की गई तो एक शिफ्ट पूरी तरह से बंद रहेगी। जिससे कोटा में करीब 10 से 15 फीसदी उत्पादन कम होगा। जिससे हर क्षेत्र प्रभावित होगा।

कीमत बढ़ने की संभावना 
कोटा व्यापार महासंघ के महासचिव अशोक माहेश्वरी ने बताया कि बिना बिजली के न तो फैक्ट्री चल सकती हैं और न ही उद्योग। सप्ताह में दो दिन बिजली कटौती होने का मतलब उद्योगों पर प्रतिकूल असर पड़ना है। उन्होंने बताया कि कोटा में छोटे-बड़े करीब एक हजार उद्योग हैं। उनमें उत्पादन कम होगा। जिससे वस्तुओं की कीमत बढ़ने की संभावना है।  उद्यमी अनिल मूंदड़ा ने बताया कि उद्योग व फैक्ट्रियों में बिजली के बिना काम ही नहीं हो सका। उनमें मशीनों को चलाने  में जनरेटर भी काम नहीं करते हैं। ऐसे में सप्ताह में दो दिन तक एक-एक शिफ्ट पूरी बंद रहने से न केवल उत्पादन प्रभावित होगा वरन् रोजगार से लेकर हर चीज पर प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने बताया कि सरकार हर संकट का दबाव उद्योगों पर डालती है। बिजली पहले से ही महंगी दी जा रही है। उसमें भी पूरी नहीं देकर उद्योग व व्यापार के साथ गलत किया जा रहा है। इस निर्णय का उद्योग जगत में काफी विरोध हो रहा है।  गोविंद राम मित्तल व अशोक माहेश्वरी ने बताया कि उद्योगों में बिजली कटौती का कोटा के उद्यमी विरोध जता रहे हैं।  

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