ट्रांसजेंडर वकील और रोडवेज बस कंडक्टर की तकरार : कहा- मैं मामले में हाइकोर्ट मेंं रिट दायर करूंगी, हमारे अधिकारों का हो रहा लगातार हनन

मुझे ट्रांसजेंडर या अन्य कैटेगरी का टिकट मिले

ट्रांसजेंडर वकील और रोडवेज बस कंडक्टर की तकरार : कहा- मैं मामले में हाइकोर्ट मेंं रिट दायर करूंगी, हमारे अधिकारों का हो रहा लगातार हनन

राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बस में सवार ट्रांसजेंडर वकील व परिचालक के बीच टिकट को लेकर हुई तीखी बहस थाने तक जा पहुंची। वाकया गुरुवार सुबह करीब 8 बजे उस समय हुआ जब ब्यावर डिपो की जयपुर-जोधपुर रूट पर चलने वाली रोडवेज बस जोधपुर जा रही थी। बस में सवार ट्रांसजेंडर वकील रवीना को परिचालक ने फीमेल कैटेगरी का टिकट दे दिया।

दूदू। राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम की बस में सवार ट्रांसजेंडर वकील व परिचालक के बीच टिकट को लेकर हुई तीखी बहस थाने तक जा पहुंची। वाकया गुरुवार सुबह करीब 8 बजे उस समय हुआ जब ब्यावर डिपो की जयपुर-जोधपुर रूट पर चलने वाली रोडवेज बस जोधपुर जा रही थी। बस में सवार ट्रांसजेंडर वकील रवीना को परिचालक ने फीमेल कैटेगरी का टिकट दे दिया। जिस पर रवीना ने टिकट लेने से इंकार कर दिया और आपत्ति जताते कहा कि उन्हें ट्रांसजेंडर या अन्य कैटेगरी का टिकट दिया जाए। जिस पर परिचालक ने कहा कि मशीन में केवल पुरुष व महिला जेंडर का ही ऑप्शन है। कंडक्टर ने मजबूरी जताते कहा कि वह ट्रांसजेंडर का टिकट नहीं दे सकता। इसी बात को लेकर ट्रांसजेंडर वकील भड़क गई।

टिकट की बात को लेकर दोनों में काफी देर तक तीखी बहस हुई, अंत में चालक-परिचालक सवारियों सहित बस को थाने ले गए। जहां थानाधिकारी मुकेश कुमार व पुलिसकर्मियों ने बस में ही एडवोकेट रवीना और कंडक्टर से आधा घंटे तक बातचीत कर मामला शांत करवाया। रवीना ने बताया कि मैं ट्रांसजेंडर कैटेगरी में आती हूं। सरकार ट्रांसजेंडर को मान्यता दे रही है। आधार में थर्ड जेंडर का विकल्प मौजूद है। जब सिस्टम में ट्रांसजेंडर का विकल्प नहीं था तो कंडक्टर को मुझे जीरो टिकट देकर यात्रा की सुविधा देनी चाहिए थी। रवीना ने यह भी कहा कि मैं जल्द ही मामले में हाइकोर्ट मे रिट दायर करूंगी। क्योंकि हमारे अधिकारों का लगातार हनन हो रहा है। 

राजस्थान की पहली ट्रांसजेंडर वकील है रवीना
रवीना सिंह राजस्थान के पाली जिले के सोजत की रहने वाली है। बचपन में उसकी पहचान लड़के के रूप में थी। उनका नाम रविन्द्र सिंह था, बाद में वह जेंडर बदलकर रविन्द्र से रवीना सिंह बन गई। रवीना ने बीकानेर से एलएलबी की पढ़ाई की। इसी वर्ष 2 अगस्त को उसने राजस्थान बार काउंसिल में पंजीकरण करवाया। इसी के साथ वे राजस्थान हाइकोर्ट की पहली ट्रांसजेंडर वकील बनीं।  

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