पिता के साथ चल रहे 7 वर्षीय बेटे को दबोच ले गया लेपर्ड, डेढ़ सौ मीटर दूर झाड़ियों में मिला क्षत-विक्षत शव
परिजनों ने किया शव लेने से इंकार
रणभम्भौर में एक लेपर्ड ने 7 वर्ष के बच्चे को आहार बना डाला। बालक पिता के साथ आटीला बालाजी के दर्शन करने जा रहा था, साथ में बस्ती के कुछ और लोग भी थे। इसी दौरान मंदिर में हैंडपंप के पास घात लगाकर बैठे लेपर्ड ने बच्चे पर झप्पटा मारा और गर्दन पकड़कर ले गया। घटना गुरुवार शाम साढ़े छह बजे की बताई गई है।
सवाई माधोपुर। रणभम्भौर में एक लेपर्ड ने 7 वर्ष के बच्चे को आहार बना डाला। बालक पिता के साथ आटीला बालाजी के दर्शन करने जा रहा था, साथ में बस्ती के कुछ और लोग भी थे। इसी दौरान मंदिर में हैंडपंप के पास घात लगाकर बैठे लेपर्ड ने बच्चे पर झप्पटा मारा और गर्दन पकड़कर ले गया। घटना गुरुवार शाम साढ़े छह बजे की बताई गई है। घटना की जानकारी मिलने पर कलक्टर कानाराम और एसपी अनिल कुमार बेनीवाल भी मौके पर पहुंचे। बच्चे के पिता रामजीलाल बंजारा ने बताया कि बेटा विक्रम उसका हाथ पकड़कर चल रहा था, वह थोड़ा सा पीछे हुआ तभी अचानक बाघ झाड़ियों से निकलकर आया और बेटे को मुंह में दबोचकर ले गया।
बचाने के लिए मैं पीछे भागा और चिल्लाया। शोर सुनकर बस्ती के लोग भी आ गए। इसके बाद झाड़ियों में पत्थर फेंके। कुछ देर बाद जंगल में विक्रम का शव पड़ा मिला। परिजनों का कहना है कि लेपर्ड बच्चे को करीब डेढ़ सौ मीटर दूर झाड़ियों में ले गया। पिता का कहना है कि यहां पिछले कुछ समय से दीवार बनाने को लेकर विवाद चल रहा है। वन विभाग जबरदस्ती यहां दीवार बनाना चाहता है।
परिजनों ने किया शव लेने से इंकार
घटना के बाद परिजनों ने बच्चे का शव लेने से इंकार कर दिया। कलक्टर कानाराम ने कहा कि मोर्चरी में परिजनों से चर्चा की है और उन्हें हरसंभव मदद के लिए आश्वस्त किया है। परिजनों ने शव लेने से इनकार कर दिया है। परिवार वालों को समझाया जा रहा है।

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