मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-8 का सफल रेस्क्यू : साठ घंटे बाद कनकटी ट्रैंकुलाइज, पकड़ कर एनक्लोजर में वापस छोड़ा

रणथम्भौर में एक बच्चे और रेंजर को उतार चुकी मौत के घाट 

मुकुंदरा टाइगर रिजर्व में बाघिन एमटी-8 का सफल रेस्क्यू : साठ घंटे बाद कनकटी ट्रैंकुलाइज, पकड़ कर एनक्लोजर में वापस छोड़ा

मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एनक्लोजर से बाहर निकली बाघिन कनकटी को तीसरे दिन ट्रैंकुलाइज कर लिया गया। जिसे वापस दरा के 82 वर्ग किमी के एनक्लोजर में शिफ्ट कर दिया गया है। शिफ्टिंग के बाद दहशत में रहे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।  मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा बाघिन एमटी-8 को दो दिनों तक लगातार निगरानी एवं रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद गुरुवार दोपहर को सफलतापूर्वक ट्रैक्यूलाइज करने में सफलता मिली।

कोटा। मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में एनक्लोजर से बाहर निकली बाघिन कनकटी को तीसरे दिन ट्रैंकुलाइज कर लिया गया। जिसे वापस दरा के 82 वर्ग किमी के एनक्लोजर में शिफ्ट कर दिया गया है। शिफ्टिंग के बाद दहशत में रहे ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।  मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व प्रशासन द्वारा बाघिन एमटी-8 को दो दिनों तक लगातार निगरानी एवं रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद गुरुवार दोपहर को सफलतापूर्वक ट्रैक्यूलाइज करने में सफलता मिली। इसके बाद उसे दरा रेंज के एनक्लोजर में सुरक्षित रूप से छोड़ दिया गया। बाघिन कनकटी पूर्व में रणथम्भौर में एक बालक व रेंजर को मौत के घाट उतार चुकी है, जिससे मुकुंदरा से सटे गांवों के लोग भी वाकिफ है।

ऐसे में मंगलवार की सुबह टइग्रेस एमटी-8 एनक्लोजर से बाहर निकलकर गांवों के बीच पहुंच गई। इससे ग्रामीण कनकटी के खौफ से भयभीत हो गए। एनक्लोजर से निकलने के बाद बाघिन पहले अमझार गांव की दिशा में गई। इसके बाद वह झामरा वैली क्षेत्र की ओर मूव कर गई। इस दौरान इसके मूवमेंट की निगरानी रेडियो टेलीमेट्री से निरंतर की जाती रही थी। फील्ड टीमें 24 घंटे अलर्ट पर रहीं क्योंकि, बाघिन का मूवमेंट कई बार रेलवे लाइन तथा कोटा-झालावाड़ राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच-52 ) के नजदीक रहा, जो बाघिन और आमजन दोनों के लिए जोखिमपूर्ण हो सकता था।

मौका मिलते ही किया ट्रैंकुलाइज, स्वास्थ्य जांचा
मुकुंदरा के सीसीएफ सुगनाराम जाट ने बताया कि गुरुवार की दोपहर टीम को बाघिन लक्ष्मीपुरा की ओर अनुकूल स्थान पर दिखाई दी। जहां से उसे सुरक्षित रूप से ट्रैंक्वलाइज किया जा सकता था। इस पर विशेष ट्रैंक्विलाइजेशन टीम ने बिना समय गंवाए बाघिन को सफलतापूर्वक ट्रैंक्वलाइज किया। इसके बाद मौके पर ही उसका प्राथमिक स्वास्थ्य परीक्षण किया फिर सुरक्षित रूप से 82 वर्ग किलोमीटर के एनक्लोजर में छोड़ दिया गया, जहां अब उसकी निरंतर निगरानी की जा रही है। बाघिन एमटी-8 सुरक्षित, स्थिर और एनक्लोजर में निगरानी में है। एनक्लोजर की सुरक्षा एवं फेंसिंग की जांच -मरम्मत को और सुदृढ़ की जा रही है। ट्रैकिंग टीमें आने वाले दिनों में भी सघन निगरानी जारी रखेंगी।

 ऐरोहेड टाइग्रेस की संतान है कनकटी
बाघिन एमटी-8 रणथंभौर टाइगर रिजर्व की प्रसिद्ध बाघिन ऐरोहेड टी-84 की संतान है। रणथंभौर में मानव  वन्यजीव संघर्ष की घटना के बाद इसे मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में स्थानांतरित किया गया था। यहां इसे 82 वर्ग किमी के संरक्षित एनक्लोजर (दरा रेंज) में रखा गया था।
 

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