एआई के लाभ-हानि से बदलती जीवन रेखा
जीवन का हिस्सा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन गया है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज हमारी जिंदगी का जरूरी हिस्सा बन गया है, यह मोबाइल से लेकर हॉस्पिटल तक अपनी मौजूदगी दर्ज करवा रहा है, एआई हर जगह गुपचुप तरीके से काम कर रहा है, यह एक ऐसी तकनीक है, जिसमें मशीन को इंसानों की तरह सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता प्रदान की जाती है, यह वाकई अद्भुत है, पिछली सदी में शायद ही किसी को पता होगा की मशीनें भी इंसानों की तरह सोचेंगी,ये हमारी जिंदगी को तीव्रता, सुनिश्चितता और सुरक्षा प्रदान करने वाली तकनीक है। इससे काम बहुत ही जल्दी ओर बेहतरीन होता है, जिससे समय और पैसे दोनों की बचत होती है,लेकिन हर चीज के फायदे और नुकसान दोनों ही होते हैं, बावजूद इसके एआई प्रोफे्रशन के पेचीदा मसलों को हल करने में काफी मदद करता है।
जीवन का हिस्सा :
एआई का प्रयोग मोबाइल में, फेस अनलॉक, वॉइस असिस्टेंट्स और फोटो एनहांसमेंट फीचर में इसका प्रयोग किया जाता है। बीमारी की पहचान,स्कैन रीडिंग, रोबोट सर्जरी और रोगी के डेटा एनालिसिस के लिए। स्मार्ट लर्निंग एप, ऑटोमेटेड चेकिंग ओर व्यक्तिगत अध्ययन योजना के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। यूं देखा जाए तो एआई वाकई में बहुत ही मजबूती से हमारे जीवन का हिस्सा बनता जा रहा है,ये हमें न केवल काम जल्दी करके देता है बल्कि हमारे समय, ऊर्जा और पैसे की बचत भी होती है,बहुत ही स्मार्ट निर्णय हम इसके माध्यम से ले सकते हैं, हमारा हर दिन बहुत ही सरलता से गुजरता है। इसके कुछ उदाहरण हैं जैसे गूगल मैप्स, ऑनलाइन शॉपिंग सजेशन्स, ऑटो ट्रांसलेट, सभी में आई है। साथ ही बहुत ही जोखिम भरे कामों में भी यही काम आता है जैसे कि गहरे पानी, ज्वालामुखी क्षेत्रों, अंतरिक्ष विज्ञान आदि में,ये हमारी स्वास्थ्य की दिक्कतों में भी हमें काफी मदद करता है जैसे कि किसी बीमारी की पहचान करना या सर्जरी में मदद करना,लेकिन हर चीज अपने साथ कुछ नुकसान भी लेकर आती है।
आने वाले वक्त में :
इसका सबसे बड़ा नुकसान है की लोगों की नौकरियों को इससे काफी खतरा है, इंसानों की जगह एआई ले लेंगे, तो इंसान कहां काम करेंगे। कभी-कभी एआई गलत एकपक्षीय डेटा होने की वजह से गलत निर्णय भी दे सकता है, जो कि हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकता है,एक बहुत ही मुश्किल चीज यह है कि हम आने वाले वक्त में ए आई के ऊपर काफी ज्यादा निर्भर होने वाले हैं, जो इंसानों के जीवन के लिए उचित नहीं है,हैकर्स एआई का अनुचित प्रयोग करके कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकते हैं जैसे कि डीप फेक वीडियो बनाना आदि। लोग यह भूल जाते हैं कि एआइ केवल एक मशीन है, और हमारे भावुक पक्ष के लिये बिल्कुल भी उचित नहीं है,यह कभी भी मनुष्य के भावुक पक्ष को नहीं समझ सकता है, इसलिए भावनात्मक दिक्कतों के लिए इसका प्रयोग करना उचित नहीं है।
एआई का प्रयोग :
एआई आने वाले वक्त में सारे काम बहुत ही तेजी से करने वाले हैं और इससे बेरोजगारी की समस्या बढ़ेगी खासकर फैक्टरी जॉब्स में, ऑफिस डेटा एंट्री, कस्टमर सपोर्ट और बेसिक अकाउंटिंग जैसी जॉब में लोगों को बेरोजगारी का सामना करना पड़ेगा, ये उन लोगों के लिए काफी खतरनाक है जो कि एआई का प्रयोग करना ही नहीं जानते हैं। फेक न्यूज इसका एक और खतरा है,हमारी प्राइवेसी को इससे गहरा खतरा हो सकता है। इसके गलत डिसीजन जीवन को खतरे में डाल सकते हैं जैसे रॉन्ग मेडिकल रिजल्ट आदि। ऑपरेटिंग हथियारों के कारण ये अचानक युद्ध, बड़े स्तर पर सर्वनाश आदि का कारण बन सकता है। ये मानव की सृजनात्मकता को खत्म कर सकता है, उसकी निर्णय लेने की क्षमता और व्यावसायिक क्षमताओं के साथ ही साथ समस्या निवारण क्षमता को बहुत बुरी तरह प्रभावित करेगा।
निर्देशों की अवहेलना :
आने वाले समय में यह मानवीय निर्देशों की अवहेलना कर सकता है और हमारे सारे माहौल को कंट्रोल में ले सकता है। एआई से अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए, डेटा प्राइवेसी का ध्यान रखें, स्ट्रॉन्ग पासवर्ड, अपना व्यक्तिगत डेटा अनचाहे एप्स पर न डालें। बिना किसी सत्यापन के वायरल वीडियो पर विश्वास न करें, उसकी सोर्स को चेक करें और वास्तविक और फेक विडियोज के अंतर को समझें। अपने स्किल का विकास करते रहें खासकर डिजिटल स्किल्स, रचनात्मकता, समस्या समाधान और एआई टूल्स का प्रयोग। सुरक्षित एआई सिस्टम का प्रयोग करें। कहने का तात्पर्य ये है की यदि हम भविष्य में सुरक्षित रहना चाहते हैं और अपना नियंत्रण किसी मशीन के हाथ में नहीं देना चाहते हैं, तो सबसे पहले हमें इस मशीन को नियंत्रित करने के लिए नियम और कायदों का निर्माण करना होगा, बच्चे-बच्चे को पता होना चाहिए के एआई क्या है, इसका प्रयोग कैसे करें और इस तकनीक को नियंत्रित कैसे करें, नहीं तो कल को यह हम पर हावी भी हो सकती है, इसके ज्यादा प्रयोग से बचें और अपनी सृजनात्मकता को समाप्त न करें,एआई से बचाव का यही एक अंतिम रास्ता है कि हम इसके बारे में जानें और इसको नियंत्रित करने के तरीकों को अपनाएं।
-रितुप्रिया शर्मा
यह लेखक के अपने विचार हैं।

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