कोटा के 4 तालाबों पर दो दिन में मिले 150 प्रजातियों के 8 हजार परिंदे, अब ई-बर्ड ऐप से पक्षियों की गणना
मिड विंटर वाटर फॉल पापुलेशन ऐस्टीमेशन-2025 के आंकड़ों से हुआ खुलासा
वन्यजीव विभाग के डीसीएफ ने बताया कि बर्ड्स पर रिसर्च की दृष्टि से शहर के तलाब बर्ड्स डेस्टिनेशन प्वाइंट बन रहे हैं।
कोटा। शहर के वैटलेंड अब बर्ड्स डेस्टिनेशन प्वाइंट्स बन रहे हैं। देश-विदेश से हर साल हजारों की तादाद में परिंदे प्रवास पर आ रहे हैं। जिनमें से कई पक्षी तो ऐसे हैं, जो पिछले पांच सालों में पहली बार नजर आ रहे हैं। इसका खुलासा हाल ही में वन्यजीव विभाग की ओर से करवाए गए मिड विंटर वाटर फोल पोपुलेशन ऐस्टीमेशन-2025 की रिपोर्ट से हुआ। ऐस्टीमेशन के तहत शहर के 4 तालाबों पर करवाई गई गणना में 150 प्रजातियों के 8 हजार से ज्यादा देसी-विदेशी परिदें काउंट हुए हैं। आंकड़ों के मुताबिक महज चार तालाबों पर ही हजारों की तादाद में परिंदे मिले हैं, जबकि यहां तीन दर्जन से अधिक तालाब हैं, जहां बड़ी संख्या में पक्षियों का समूह देखने को मिल रहे हैं।
इन तालाबों पर मिले 8 हजार परिंदे
वन्यजीव विभाग के डीसीएफ अनुराग भटनागर ने बताया कि बर्ड्स पर रिसर्च की दृष्टि से शहर के तलाब बर्ड्स डेस्टिनेशन प्वाइंट बन रहे हैं। गत 30 व 31 जनवरी को मिड विंटर वाटर फोल पापुलेशन ऐस्टीमेशन-2025 के तहत पक्षियों की गणना करवाई गई थी। जिसमें जोराबाई, अभेड़ा व सालकिया तालाब व उम्मेदगंज पक्षी विहार को मिलाकर करीब 150 प्रजातियों के 8000 से ज्यादा पक्षी नजर आए हैं। ऐसे में यह वैटलैंड न केवल रिसर्च की दृष्टि से बल्कि बर्ड्स वॉचिंग के लिए बेहतर डेस्टिनेशन के रूप में विकसित हो रहे हैं।
अब ई-बर्ड ऐप से पक्षियों की गणना
कोटा जिले के किस कोने में कौनसे प्रजातियों के पक्षियों की संख्या कम या अधिक है, इसकी जानकारी एकत्रित किए जाने के लिए वन्यजीव विभाग की ओर से ई-बर्ड ऐप लॉन्च किया है। जिसके जरिए शहरवासी पक्षियों से जुड़ सकेंगे। वह अपने घर आंगन में आने वाले पक्षियों को देख उनका डेटा इस ऐप में फीड कर सकते हैं। जिससे ऐप पर पक्षियों का डेटा एकत्रित हो सकेगा। साथ ही यह भी पता लग पाएगा कि हमारे इलाके में किस तरह के पक्षियों की संख्या कम होती जा रही है।
शोधार्थियों के लिए तैयार होगा डेटा
डीसीएफ भटनागर ने बताया कि इस ऐप के जरिए एकत्रित होने वाला डेटा बर्ड्स पर रिसर्च करने वाले विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण होगा। ऐप में हर साल जिले में आने वाले विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की संख्या, हैबीटाट, दिनचर्या, व्यवहार सहित कई जानकारी मिल पाएगी। क्योंकि, इस ऐप को पक्षी विशेषज्ञ भी समय-समय पर अपडेट कर रहे होते हैं।
इन प्रजातियों के यह पक्षी आए नजर
जोराबाई तालाब, अभेड़ा व सालकिया तालाब पर गत 30 जनवरी को करवाई गई पक्षी गणना में देश-विदेश से आए विभिन्न प्रजातियों के प्रवासी पक्षी नजर आए। यहां 65 प्रजातियों के विदेशी पक्षियों सहित 80 अन्य प्रजातियों के 5000 पक्षी नजर स्पोर्ट हुए। जिसमें कोमन पोचार्ड, क्रेस्टेड पोचर्ड, टफ्टेड पोचार्ड, लिटिल गीब, गल, स्टार्क, लिटिल रिंग फ्लॉवर, रफ, कॉमन टील, ब्लू थ्रोट, विस्किर्ड टर्न, रिवर टर्न, कॉमन कूट, गेडवेल, गागीर्नी, इंडियन कर्सर,कॉटन पिग्मी गीज, बुटेड ईगल,ग्रेटर स्पॉटेड ईगल, टावनी ईगल, मार्स हैरियर, इंडियन वाइट आई, ब्लू फ्लाई कैचर, हनी बजार्ड, ग्रे हेडेड कैनरीफ्लाई कैचर, यूरेशियन कर्लुव सहित कई पक्षी शामिल है।
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