प्रदेश की 247 मंडियों में हड़ताल : राजधानी कृषि उपज मंडी कूकर खेड़ा में पसरा सन्नाटा, तेल मिल, आटा मिल, दाल मिल तथा मसाला उद्योग में कामकाज ठप
मंगलवार को होगी जयपुर में प्रदेशभर के व्यापारियों की आम सभा
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से घोषित हड़ताल जारी है। 247 मण्डियों के साथ तेल मिल, आटा मिल, दाल मिल तथा मसाला उद्योग में कामकाज ठप है
जयपुर। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की ओर से घोषित हड़ताल जारी है। 247 मण्डियों के साथ तेल मिल, आटा मिल, दाल मिल तथा मसाला उद्योग में कामकाज ठप है। राज्य सरकार के द्वारा कृषक कल्याण फीस को समाप्त नहीं करने, बाहर से आने वाली कृषि जिंसों पर लिया जाना वाला मण्डी सेस तथा कृषक कल्याण फीस समाप्त नहीं करने, श्रीअन्न पर आड़त 2.25 प्रतिशत करने की मांग को लेकर 26 फरवरी तक चार दिवसीय व्यापार बंद रहेगा। राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के अध्यक्ष बाबू लाल गुप्ता ने रोष व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार हमारी उचित मांग नहीं मान रही है। कृषक कल्याण फीस जिसका उपयोग कृषि मण्डी के किसी कार्य में नहीं होता है, चाहे वह विकास का कार्य ही क्यों नहीं हो, न ही किसी कृषक के कल्याण के लिये उपयोग में लाया जाता है, न ही किसी व्यापारी को किसी प्रकार की राहत देने के लिये काम में लिया जाता है। ऐसे में कृषक कल्याण फीस का अनावश्यक डाला जाने वाला बोझ सहन नहीं किया जायेगा। चार दिन का बंद कर 26 फरवरी को राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ की आमसभा अग्रिम आंदोलन की रूपरेखा तय की जाएगी।
राजस्थान खाद्य पदार्थ व्यापार संघ के चेयरमेन बाबूलाल गुप्ता ने बताया कि राज्य की 247 मण्डियों के व्यापारी, 1700 तेल मीलों, 1200 दाल मीलों, 800 छोटी-बड़ी आटा मीलों तथा मसाला उद्योगों से संबंधित 40 फैक्ट्रियों के उद्योगपति राज्य में लगने वाले कृषक कल्याण फीस तथा बाहर से आने वाले कृषि जिंसों पर राज्य में लगाये जा रहे मण्डी टैक्स तथा कृषक कल्याण फीस से तथा श्रीअन्न पर यानि ज्वार, बाजरा, मक्का, जीरा, ईसबगोल आदि पर आड़त 2.25 प्रतिशत नहीं किये जाने के कारण व्यापार करने में दिक्कत महसूस कर रहा है। उद्योग धीरे-धीरे बंद हो रहे हैं। राज्य सरकार से बार-बार निवेदन करने पर भी राज्य में कृषि जिंस के क्रय-विक्रय पर संधारित कृषक कल्याण फीस को समाप्त नहीं किया जा रहा है। मोटे अनाज तथा जीरा व ईसबगोल पर आड़त 2.25 प्रतिशत नहीं की जा रही है। बाहर से आने वाले कृषि जिंस पर मण्डी टैक्स तथा कृषक कल्याण फीस वसूली जा रही है।
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