टीम के ट्रायल पर अजमेर ने उठाई अंगुली
अजमेर की चार खिलाड़ियों ने लगाया भेदभाव का आरोप
चयन समिति द्वारा दिए गए राष्टÑीय स्तर की चयन प्रक्रिया के फॉर्म भरकर लाना है, लेकिन ट्रायल में अजमेर की चार खिलाड़ियों में से दो खिलाडियों के फॉर्म राष्टÑीय स्तर के होने के बाजाए राज्य स्तरीय ट्रायल के फॉर्म थे, जो तुरंत ही ट्रायल से बाहर हो गई।
कोटा। राजकीय महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय नयापुरा में मंगलवार को हुए राज्य स्तरीय टीम चयन प्रक्रिया में विवाद उत्पन्न हो गया। राज्य स्तरीय अंडर 17 टीम के ट्रायल देने आई अजमेर की खिलाड़ियों का कहना है कि चयन समिति ने भेदभाव के तहत उन्हें चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया जबकि वो चयन किए गए खिलाड़ियों से बेहतर हैं। वहीं दूसरी ओर स्कूल प्रशासन का कहना है कि खिलाड़ियों द्वारा समय पर फॉर्म नहीं जमा करा पाने के कारण उनका चयन नहीं किया गया। बता दें की 23 दिसम्बर से बिहार के छपरा में राष्टÑीय स्तर की अंडर 17 चैंपियनशिप प्रतियोगिता का आयोजन होना है जिसके लिए राज्य की टीम का चयन ट्रायल मंगलवार को कोटा के राजकीय महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय नयापुरा में हुआ था। यहां राज्य की 26 खिलाड़ियों ने ट्रायल में भाग लिया था।
प्रशासन का कहना: गलत फॉर्म भरे
राजकीय महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय नयापुरा में मंगलवार को हुई चयन प्रक्रिया में फुटबॉल कोच गुरूचरण सिंह का कहना है कि सभी खिलाड़ियों को 16 दिसम्बर को फोन पर सूचना दी गई थी कि उन्हें नयापुरा स्थित स्कूल में सुबह 8 बजे ट्रायल में पहुंचना है। जिसमें चयन समिति द्वारा दिए गए राष्टÑीय स्तर की चयन प्रक्रिया के फॉर्म भरकर लाना है। लेकिन ट्रायल में अजमेर की चार खिलाड़ियों में से दो खिलाडियों के फॉर्म राष्टÑीय स्तर के होने के बाजाए राज्य स्तरीय ट्रायल के फॉर्म थे, जो तुरंत ही ट्रायल से बाहर हो गई। वहीं जिन दो खिलाडियों के फॉर्म ठीक थे उनके खेल का प्रदर्शन बाकी खिलाडियों के कमजोर रहा इस कारण उनका चयन नहीं किया गया। इसके अलावा चयन समिति का कहना है कि खिलाड़ियों के साथ जो कोच आना चाहिए था वो भी उनके साथ नहीं था जिससे असमंजस की स्थिति बनी रही।
खिलाड़ियों का आरोप : ट्रायल में भेदभाव
अजमेर से चयन प्रक्रिया में भाग लेने पहुंची खिलाड़ी मोनिका प्रजापत, ममता गुर्जर, पूजा और मोनू शर्मा का आरोप है कि तीन महीने पहले बारां में आयोजित हुई राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में राज्य की 50 टीमों में अजमेर की टीम ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। लेकिन मंगलवार को हुई चयन प्रक्रिया में चयन समिति ने भेदभाव करते हुए अजमेर की चार व हनुमानगढ़ की 2 खिलाडियों को चयन प्रकिया से बाहर कर दिया। खिलाडियों ने आगे बताया कि चयन प्रक्रिया के लिए उन्हें रात को 10 बजे कॉल किया कि खिलाडियों को सुबह फॉर्म सहित ट्रायल में उपस्थित होना है, आरोप है कि जो ट्रायल 16 और 17 दिसम्बर को करना था वो ना करके 17 और 18 दिसम्बर को किया गया जिसकी सूचना भी खिलाडियों को नहीं दी गई। इसके अलावा खिलाड़ी ममता गुर्जर ने कहा कि ट्रायल के दौरान जो खिलाड़ी फुटबॉल को ठीक से किक भी नहीं कर पा रही थी उनका भी चयन कर लिया गया।
ये खिलाड़ी अपने साथ गलत फॉर्म भर लाई थी जो राष्टÑीय स्तर का ना होकर राज्य स्तर के ट्रायल का था। ये सवाल खिलाड़ियों के कोच और शिक्षकों से बनता है कि उन्होंने गलत फॉर्म क्यों भरवाया। वहीं चयन प्रक्रिया में किसी प्रकार का भेदभव नहीं किया गया। अगर इनके ट्रायल के लिए आगे से आदेश आते हैं तो ट्रायल ले लिया जाएगा।
- गुरूचरण सिंह, फुटबॉल कोच, कोटा
हमारी टीम तीन महीने पहले े राजस्थान में तीसरे स्थान पर रहीं तो ट्रायल आसानी से पास कर सकती हैं। चयन समिति ने भेदभाव के तहत पहले फॉर्म का बहाना बनाया फिर स्टेमिना को लेकर आरोप लगा रहे हैं। हमारी मांग है कि इनका पुन: ट्रायल लिया जाए जिससे दूध का दूध पानी का पानी हो जाए।
- सुधीर जोसेफ, सचिव, जिला फुटबॉल संघ अजमेर
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