ऑस्ट्रेलियन मैथड से बन रही है दरा की टनल
एक्सप्रेस वे पर पौधों की होगी ड्रिप इरीगेशन से सिंचाई
एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों के ठहरने के लिए रेस्ट एरिया भी बनाए जा रहे हैं जहां वाहन चालक आवश्यकतानुसार रुक सकेंगे।
कोटा। देश के सबसे बड़े भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बन रहे दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस वे भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा कई सारी नई आधुनिक तकनीकों का उपयोग किया जा रहा है। जिनमें फिर दरा में निर्माणाधीन टनल को न्यू ऑस्ट्रेलियन मेथड से बनाना हो या लेनों की चौड़ाई को बढ़ाना। इन सबके अलावा एनएचआई एक्सप्रेसवे के डिवाइडरों पर मौजूद पौधों को पानी देने के लिए अब टैंकरों की जगह ड्रिप इरीगेशन का इस्तेमाल करेगा जिससे वाहनों के लिए एक्सप्रेस वे पर अनावश्यक रूप से किसी तरह की कोई बाधा नहीं आएगी। ऐसे कई सारी नई तकनीक और नई सुविधाओं से लैस होने जा रहा है दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेस वे।
ड्रिप इरीगेशन से होगी पौधों की सिंचाई
कोटा युनिट के डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर योगेश बरार ने बताया कि दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेसवे पर यू आकार में खाईनुमा डिवाइडर बनाए जा रहे हैं जिसमें लगे पौधों की सिंचाई के लिए प्राधिकरण द्वारा ड्रिप इरीगेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। इस तकनीक के इस्तेमाल से एक्सप्रेसवे पर पानी के टैंकरों का अनावश्यक रूप से आवागमन रुकेगा जिससे एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना की संभावनाओं में कमी आएगी। इस तकनीक के लिए एक्सप्रेसवे पर हर 10 किलो मीटर पर टंकियों की व्यवस्था की जाएगी जहां से सिंचाई के लिए पानी स्टोर किया जाएगा।
दरा टनल में नेटवर्क के लिए होगी पूरी सुविधा
एक्सप्रेसवे के कोटा जिले के हिस्से में दरा में न्यू आॅस्ट्रेलियन मेथड से 5 किलामीटर की टनल बनाई जा रही है। इस टनल का एक हिस्सा उम्मेदपुरा की और तो दुसरा नयागांव जागीर की तरफ खुलेगा। टनल से गुजरने पर वाहनों को किसी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए टनल को दो अलग-अलग हिस्सों में बनाया जा रहा है जो दोनों आपस में इंटर कनेक्ट होंगे ताकी किसी अपातकालीन स्थिति में वाहनों को बाईपास किया जा सके। वहीं टनल को वाटरप्रुफ बनाने के साथ साथ इसके अंदर प्रेशर पंप भी बनाया जा रहा है जिससे बारीश के समय में टनल में पानी ना भरे। टनल के अंदर मोबाइल फोन नेटवर्क बिना किसी बाधा के चालू रहे इसके लिए भी प्राधिकरण द्वारा नेटवर्क बॉक्स लगाए जाएंगे। वहीं प्रदूषण कंट्रोल के लिए भी टनल में सेंसर लगाए जाएंगे जो प्रदूषण की मात्रा बढ़ने पर एक्टिव हो जाएंगे।
सुरक्षा पर भी फोकस, यू आकार डिवाइडर से दुर्घटना में होगी कमी
एक्सप्रेस वे पर दुर्घटना के समय में वाहनों को एक तरफ से दूसरी तरफ जाने से रोकने के लिए यू आकार के खाईनुमा डिवाइडर बनाए जा रहे हैं। डिप्टी प्रोजेक्ट मैनेजर योगेश बरार ने बताया कि एक्सप्रेस वे पर हादसे के समय नुकसान में कमी लाने के लिए यू आकार के खाईनुमा डिवाइडर बनाए जा रहे हैं जिनमें बीमा बम्बू जो एक प्रकार का लचीला बांस है प्राकृतिक बाउंड्रीवाल की तरह कार्य करेगा। जो वाहन को दुर्घटनाग्रस्त होकर एक्सप्रेसवे के दुसरे हिस्से की और जाने से रोकेगा। वहीं आमतौर पर किसी हाइवे या एक्सप्रेसवे सड़क पर लेन की चौड़ाई 3.5 मीटर रखी जाती है लेकिन दिल्ली मुम्बई एक्सप्रेसवे पर इनकी चौड़ाई 0.25 मीटर बढ़ाकर 3.75 मीटर रखी गई है जिससे तेज गति में वाहनों को सम्भालने के लिए अतिरिक्त स्थान मिलेगा। लेन की चौड़ाई ज्यादा होने से वाहन चलाने में भी सरलता होगी। वहीं सड़क के दोनों ओर पूर्ण रूप से क्रेश बेरियर और फ्लश मीडियम होंगे जो ड्राइवर को लेन और सड़क के बारे में जानकारी देंगे।
रेस्ट एरिया भी होगा
एक्सप्रेसवे पर वाहन चालकों के ठहरने के लिए रेस्ट एरिया भी बनाए जा रहे हैं जहां वाहन चालक आवश्यकतानुसार रुक सकेंगे। रेस्ट एरीया में वाहन चालकों के लिए हॉटल, रेस्टोरेंट, ढाबे, पेट्रोल पंप, कैफे और चार्जिंग स्टेशन की भी सुविधा होगी। इसके अलावा इन रेस्ट एरीया में प्राधिकरण द्वारा ट्रोमा सेंटर भी बनाए जाने की संभावना है।
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