स्ट्रीट डॉग की जिम्मेदारी डॉग लवर्स को मिले तो श्वान समस्या से मिले मुक्ति

निगम जगह दे तो डॉग लवर्स एरिया वाइज स्ट्रीट डॉग की जिम्मेदारी लेने को तैयार

स्ट्रीट डॉग की जिम्मेदारी डॉग लवर्स को मिले तो श्वान समस्या से मिले मुक्ति

देखभाल से लेकर उनके खिलाने-पिलाने तक की व्यवस्था की निभाएंगे जिम्मेदारी।

कोटा। कोटा शहर ही नहीं पूरे प्रदेश व दिल्ली तक में आमजन के लिए समस्या बने स्ट्रीट डॉग का अभी तक स्थानीय निकाय स्थायी समाधान नहीं निकाल सकें हैं। एक तरफ आए दिन श्वानों के हमले और काटने की गंभीर घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं से लोग परेशान हैं । दूसरी तरफ डॉग लवर्स भी इन बेजुबान प्राणियों की पूरी तरह से मदद नहीं कर पा रहे हैं। इस समस्या को देखते हुए गत दिनों सुप्रीम कोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा। इसके बावजूद स्ट्रीट डॉग लवर्स व पीड़ितों के बीच तनाव के मामले सामने आ रहे हैं। यदि स्ट्रीट डाग लवर्स को ही इलाके वार इन श्वानों की रखवाली करने की जिम्मेदारी देने के साथ साथ उन्हें कुछ सरकारी मदद दी जाए तो इस समस्या का निष्पादन हो सकता है।

क्या किया जा सकता है
1-डाग लवर्स को श्वानों की रखवाली की मौहल्लेवार जिम्मेदारी दे सकते हैं।
2- नगर निगम जो पैसा इन्हें पकड़ने,रखने और अन्य कामों पर खर्च करती है उसे डाग लवर्स के माध्यम से खर्च किया जा सकता है।
3- सुप्रीम कोर्ट ने एरियावाइज फीड़िंग जोन बनाने को कहा है। फीड जोन बनाकर निगम उसकी जिम्मेदारी डाग लवर्स को दे सकती है।
4- निगम पार्क, सामुदायिक भवन, पुराने भवन अथवा अन्य स्थान इन्हें रखने के लिए मौहल्लेवार उपलब्ध कराए और जिम्मेदारी डाग लवर्स को दे तो हमले और काटने जैसी घटनाएं नहीं हो पाएंगी।
5-मौहल्ले के लोग इन्हें फीड देने में अपनी भूमिका निभा सकते हैं। इससे दान का दान और घटनाओं पर अंकुश भी लगेगा। टीकाकरण और बधियाकरण भी डॉग लवर्स की निगरानी में नियमित होने से इनकी संख्या पर अंकुश लगने के साथ रैबीज का डर भी कम हो जाएगा।

क्या कहते हैं स्ट्रीट डाग लवर्स
सरकारी जगह जो आमजन के लिए उपयोगी नहीं हो उसे आवंटित कर दें
स्ट्रीट डॉग के लिए वैसे तो डॉग लवर्स अपने स्तर पर देखभाल व खिलाने की व्यवस्था कर रहे हैं। लेकिन वह अलग-अलग व निजी स्तर पर या संस्था के स्तर पर किया जा रहा है। जिसका स्थानीय लोगों द्वारा कई बार विरोध भी किया जाता है। यदि नगर निगम एरिया वाइस पार्क या सामुदायिक भवन में से कोई भी सरकारी जगह जो आमजन के लिए उपयोगी नहीं हो उसे आवंटित कर दे तो डॉग लवर्स अपने स्तर पर उन स्थानों पर क्षेत्र के स्ट्रीट डॉग को रखकर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी लेने को तैयार है। हमारी संस्था से करीब पांच हजार डॉग लवर्स जुड़े हुए हैं जो इस जिम्मेदारी को पूरे शहर में अलग-अलग जगह पर निभाने को तैयार हैं। सहयोग निगम को करना होगा। साथ ही उनका टीकाकरण व बधियाकरण निगम को करवाना होगा।
- सोनल गुप्ता, स्ट्रीट डॉग लवर्स

डॉग लवर्स स्ट्रीट डॉग की एरिया वाइज देखभाल की जिम्मेदारी निभाने को तैयार
स्ट्रीट डॉग यदि लम्बे समय तक एक ही जगह पर रह जाता है तो वह दूसरी जगह पर बहुत मुश्किल से जा पाता है। नगर निगम द्वारा पकड़कर ले जाने के बाद भी वे वापस उसी जगह पर आ जाते हैं। डॉग लवर्स अपने स्तर पर डॉग को रोटी खिलाने से लेकर उनके बीमार व चोटिल होने पर उनके इलाज तक की व्यवस्था कर रहे हैं। लेकिन यह हर किसी के लिए संभव नहीं हो पाता है। ऐसे में यदि नगर निगम एरिया वाइस जगह उपलब्ध करवा दे और उनके घायल होने पर पशु चिकित्सालय भिजवाने व उपचार की व्यवस्था कर दे तो डॉग लवर्स स्ट्रीट डॉग की एरिया वाइज देखभाल की जिम्मेदारी निभाने को तैयार हैं। यह अच्छा प्रयास रहेगा।
- वैशाली, स्ट्रीट डॉग लवर्स

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समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है
स्ट्रीट डॉग द्वारा लोगों को काटने की समस्या से अधिक आदमी द्वारा आदमी को काटने व मारने के मामले अधिक हो रहे हैं। स्ट्रीट डॉग को खिलाने व देखभाल करने वाले कई लोग हैं जो अपने स्तर पर उनकी देखभाल कर रहे हैं। लेकिन यदि नगर निगम उनके लिए हर क्षेत्र में जगह उपलब्ध करवा दे तो इस समस्या का स्थायी समाधान हो सकता है। नगर निगम इतने बड़े स्तर पर एक जगह पर सभी डॉग को रखकर उनकी देखभाल की जिम्मेदारी नहीं निभा सकता। निगम डॉग पर अभी जो खर्चा कर रहा है उससे कम खर्च में लोग अपने स्तर पर इनकी देखभाल की जिम्मेदार निभा सकते हैं। जिससे स्ट्रीट डॉग का विरोध भी नहीं होगा।
- राकेश वर्मा, स्ट्रीट डॉग लवर्स

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स्ट्रीट डॉग को तो शहर व आबादी क्षेत्र से दूर ही रखा जाना चाहिए
स्ट्रीट डॉग कोटा शहर ही नहीं पूरे देश की समस्या बनी हुई है। वल्लभ नगर क्षेत्र में ही कुछ लोग स्ट्रीट डॉग को रोटी खिलाकर पाल रहे हैं। जिससे वहां न्यूसेंस होता है। इसका कई बार विरोध किया गया तो मामला पुलिस तक भी पहुंच गया। स्ट्रीट डॉग को तो शहर व आबादी क्षेत्र से दूर ही रखा जाना चाहिए। ये अधिकतर बच्चों और महिलाओं को अपना शिकार बना रहे हैं। डॉग बाइट के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।
- सुरेश गुप्ता,स्ट्रीट डॉग से परेशान

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श्वानों की समस्या का इससे अच्छा इलाज नहीं
यदि श्वानों को मौहल्लेवार शेल्टर में रखा जाए तो इससे अच्छा इलाज कोई हो नहीं सकता। इनके खाने पीने की व्यवस्था सोसाइटी के रहवासी कर सकते हैं। साथ ही श्वानों के काटने, हमला करने की घटनाएं भी रुक जाएंगी।
- भगवान सिंह हाड़ा. अध्यक्ष, आदर्श नगर विस्तार हाउसिंग सोसाइटी बोरखेड़ा,

वफादार जानवर आराम से रह सकेगा
सोसाइटी में एक निश्चित स्थान पर स्वानों को रखने का सुझाव बहुत अच्छा है। इससे आए दिन काटने, वाहनों के पीछे दौड़ने जैसी घटनाओं से तो निजात मिलेगी ही, इन्हें सोसाइटी से ही पर्याप्त भोजन भी मिलने लगेगा जिससे यह वफादार जानवर आराम से रह सकेगा।
- शैलेन्द्र सुमन.कैशवपुरा प्रगतिशील सोसाइटी,सेक्टर सात

इनका कहना है
सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में श्वानशाला में स्ट्रीट डॉग का बधियाकरण व टीकाकरण तो किया ही जा रहा है। वहीं श्वानशाला के पास ही डॉग शेल्टर हाउस भी बनाया है। नगर निगम के पास जो जगह उपलब्ध है उसी का उपयोग किया जा रहा है वह भी शहर व आबादी से दूर। एरिया वाइज निगम के स्तर पर जगह उपलब्ध करवा पाना संभव नहीं है। पहले तो इतनी जगह नहीं है। दूसरी तरफ आबादी क्षेत्र में डॉग लवर्स से अधिक इनका विरोध करने वाले अधिक है। एक जगह पर कई डॉग के रहने पर उनके द्वारा किए जाने वाले एक साथ शोर से लोगों को परेशानी का भी सामना करना पड़ेगा। कोर्ट का आदेश स्ट्रीट डॉग को आबादी क्षेत्र से दूर ही रखने का है।
- ओम प्रकाश मेहरा, आयुक्त, नगर निगम कोटा

 

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