फिर भी क्यों खतरनाक हो रहा मांझा, जानें वजह
गत दिनों कई लोग घायल व चोटिल हो गए
पाबंदी के बाद भी बाजार में धड़ल्ले से बिक रहा चायनीज मांझा।
कोटा।चायनीज मांझा खतरनाक होने से इसका उपयोग किया जाना प्रतिबंधित है। उसके बाद भी पतंग उड़ाने में अधिकतर इसी मांझे का उपयोग किया जा रहा है। नगर निगम व पुलिस की ओर से हर बार चायनीज मांझे की जब्ती भी की जाती है। उसके बाद भी यह बाजार में बिक रहा है।चायनीज मांझा तीखा व खतरनाक होता है जिससे पतंग उड़ाने पर उड़ाने वाले के हाथ कटने के साथ ही यह राहगीरों के लिए भी घातक हैं। पतंग कटने पर सड़क पर लटका मांझा राह चलते वाहन चालकों के गर्दन पर कट लगने से यह उनके लिए खतरनाक साबित होता है। साथ ही बिजली के तारों पर उझलने पर लाइट गुल करने और आकाश में उड़ते पंछियों के पंख काटने व उन्हें घायल करने तक में घातक होता है।इस कारण से सरकार की ओर से चायनीज मांझे के उपयोग को प्रतिबंधित किया हुआ है। जिससे हर बार दिसम्बर के अंत में और जनवरी में मकर संक्रांति पर उड?े वाली पतंगों में उसका उपयोग करने पर नगर निगम व पुुलिस की ओर से कार्रवाई की जाती है।
नगर निगम के फायर व अतिक्रमण अनुभाग की टीमें हर साल बड़ी मात्रा में चायनीज मांझे के रोल जब्त करती हैं। पतंगों की दुकानों पर औचक जांच के दौरान जब्त मांझे के रोल को दुकानदारों के सामने ही जलाकर नष्ट भी किया गया। लेकिन उसके बावजूद इस बार भी यह बाजार में मिल रहा है। जिसके चलते गत दिनों कई लोग घायल व चोटिल हो चुके हैं।
चोरी छिपे बिक रहा मांझा
चायनीज मांझे के खिलाफ होने वाली कार्रवाई के डर से अब दुकानदार इसे खुलेआम तो नहीं बेचते। लेकिन चोरी छिपे यह अभी भी बाजार में बिक रहा है। सूत्रों के अनुसार दुकानदार अपने घर या अन्य जगह से इनकी बिक्री करते हैं। किराने की दुकान या घर से ही इनकी ब्रिकी कर रहे हैं। जिससे किसी को पता नहीं चल सके।
हालांकि गत वर्ष भी निगम की टीमों ने दुकानदारों के घर, गोदाम व टांड पर छिपाकर रखे मांझे के कई रोल जब्त कर जलाकर नष्ट किए थे।जानकारों के अनुसार चायनीज मांझा सद्दा व स्थानीय मांझे की तुलना में अधिक कारगर होता है। यह सामने वाले की पतंग काटने में बेहतर रहता है। साथ ही सस्ता भी मिलता है। इस कारण से लोग इसे पसंद करते हैं। जबकि यह पतंग उड़ाने वाले के हाथ तक काट देता है।
आयात पर ही लगे रोक
नयापुरा निवासी महेश विजय का कहना है कि चायनीज मांझा बाहर से आ रहा है तभी तो बाजार में बिक रहा है। यदि इसके आने पर ही रोक लगा दी जाए तो यह बिकेगा ही नहीं। साथ ही चायनीज मांझा जब्त कर नष्ट करना ही पर्याप्त नहीं है। इसका उपयोग व बिक्री करने वालों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए।
थोक व्यापारियों पर हो कार्रवाई
खेड़ली फाटक निवासी रामचरण लोधा का कहना है कि नगर निगम व पुलिस वाले छोटे दुकानदारों पर तो कार्रवाई करते हैं। हालांकि वह भी ऊंट के मुंह में जीरे के समाान होती है। जबकि असली कार्रवाई तो चायनीज मांझे के थोक व्यापारियों व दुकानदारों पर होनी चाहिए। वही तो बाहर से यह मांझा लाकर छोटे दुकानदारों तक पहुंचाते हैं। लेकिन प्रशासन ने अभी तक किसी भी बड़े व्यापारी पर कोई कार्रवाई नहीं की। निगम व पुलिस कार्रवाई की भनक लगते ही बड़े व्यापारी माल को गायब कर दते हैं।
करवाएंगे सख्त कार्रवाई
नगर निगम कोटा के आयुक्त ओम प्रकाश मेहरा ने बताया कि वैसे तो निगम की टीम समय-समय पर चायनीज मांझे के खिलाफ कार्रवाई पहले भी करती रही है। इस बार सीएफओ की अगुवाई में टीम का गठन कर औचक जांच के आधार पर बड़े दुकानदारों पर भी कार्रवाई करवाई जाएगी। जिससे इस मांझे का उपयोग नहीं हो और आमजन व पक्षियों को घायल होने से बचाया जा सके।

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