मुख्य मार्गों पर गंदगी, बरसों बाद भी कचरा पाइंट मुक्त नहीं हो रहा शहर

कचरा पॉइंट भी कचरे से अटे रहते हैं

मुख्य मार्गों पर गंदगी,  बरसों बाद भी कचरा पाइंट मुक्त नहीं हो रहा शहर

घर-घर कचरा संग्रहण, फिर भी सड़क पर डल रहा कचरा

कोटा। स्मार्ट सिटी से पर्यटन नगरी बनने जा रहे कोटा शहर में जहां नगर निगम द्वारा घर-घर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। उसके बाद भी शहर के मुख्य मार्गों पर ही कचरे का ढेर लगा हुआ है। बरसों बाद भी शहर कचरा पॉइंट मुक्त नहीं बन पाया।एक तरफ तो कोटा शहर को सफाई के मामले में इंदौर की तर्ज पर बनाने का दावा व प्रयास किया जाता है। लेकिन वास्तव में उस दिशा में किए जाने वाले प्रयास पर्याप्त नहीं हो पा रहे हैं। नगर निगम की ओर से पूरे शहर में टिपरों के माध्यम से घर-घर कचरा संग्रहण किया जा रहा है। वैसे तो सुबह-शाम दो पारियों में टिपरों के संचालन का प्रावधान है लेकिन फिलहाल शहर में सुबह के समय ही टिपर चल रहे हैं। सुबह 7 से 11 बजे के बीच हर वार्ड में दो से तीन टिपर डोर टू डोर जाकर कचरा एकत्र कर रहे हैं। उसके बाद भी शहर में मुख्य मार्गों पर तो कचरा डल ही रहा है। अधिकतर जगहों पर कचरा पॉइंट भी दिनभर कचरे से अटे रहते हैं।

शहर को कचरा पॉइंट मुक्त बनाने की थी योजना
नगर निगम अधिकारियों का दावा था कि जिस तरह से इंदौर में सड़क पर कचरा नजर नहीं आता है। उसी तरह से कोटा शहर की सड़कों को भी बनाया जाएगा। इंदौर में ट्रेचिंग ग्राउंड तक पर कचरा नहीं दिखता। वहां हरियाली व गार्डन होने से लोग घूमने के लिए जाते हैं। उसी तरह की योजना कोटा में भी लागू करनी थी। लेकिन अभी तक वह मूर्त रूप नहीं ले सकी है। पिछले कांग्रेस बोर्ड के समय में कोटा उत्तर व दक्षिण निगम में कई कचरा पॉइंट को समाप्त किया गया था। उत्तर निगम क्षेत्र में ही कुछ ही समय में करीब तीन दर्जन कचरा पॉइंट खत्म किए गए थे। उनकी जगह पर हरियाली विकसित की गई। लेकिन उसके बाद यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी। जयपुर गोल्डन पर तालाब किनारे का क्षेत्र हो या नयापुरा में बृज टॉकीज, चम्बल की छोटी पुलिया का रास्ता हो या अन्य स्थान। ऐसी कई जगह पर कचरा पॉइंट खत्म कर वहां छतरी व हरियाली विकसित की गई।

जरा-जरा सी दूरी पर कचरा पॉइंट
शहर में कोई भी वार्ड या मुख्य मार्ग ऐसा नहीं हैं। जहां कचरा पॉइंट नहीं हो। हालत यह है कि जरा-जरा सी दूरी पर ही कचरा पॉइंट बने हुए हैं। फिर चाहे वह बारां रोड अंटाघर चौराहे से एसपी कार्यालय व पुलिस लाइन तक का क्षेत्र हो या नयापुरा का। बूंदी रोड परत बडगांव का क्षेत्र हो या अन्य कोई क्षेत्र। अभी भी वहां वार्डों से आने वाला कचरा निगम के कर्मचारी ही डाल रहे हैं। जानकारी के अनुसार कोटा उत्तर क्षेत्र में ही करीब 200 से अधिक कचरा पॉइंट हैं।वहीं लोग सड़क पर कचरा नहीं डालें इसके लिए निगम की ओर से जगह-जगह पर कचरा पात्र भी रखवाए गए हैं। फिर चाहे छावनी में एलआईसी बिल्डिंग के पास हो या गुमानपुरा में मल्टीपरपज स्कूल के पास। इसके अलावा कई अन्य जगह पर कचरा पात्र रखे गए हैं। उसके बाद भी उन जगह पर सड़कों पर ही कचरे के ढेर लगे हुए हैं।

रात में भी हो रही मुख्य मार्गों की सफाई
शहर साफ व सुंदर दिखे। इसके लिए अभी नगर निगम की ओर से मुख्य मार्गों पर रात के समय भी सफाई करवाई जा रही है। डीसीएम रोड, सीएडी रोड से लेकर स्टेशन तक के क्षेत्र में रात के समय सफाई कर्मचारी झाडू लगाने से लेकर कचरे को हाथ ट्रॉली व ट्रेक्टर ट्रॉली से तुरंत हटा भी रहे हैं। लेकिन सुबह होते ही फिर से सड़क पर कचरा ही कचरा हो रहा है। विशेष रूप से नई धानमंडी के पास हालत अधिक खराब है।

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मजबूरी में बने हैं कचरा पॉइंट
 टिपरों से कचरा एकत्र करने का मकसद ही यह है कि सड़क पर कचरा नहीं डले। लेकिन कई लोग टिपरों के समय में कचरा नहीं डालकर बाद में सड़क पर डाल रहे हैं। जिससे सफाई के बाद भी सड़क व शहर साफ नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं अभी भी डेरा प्रथा शहर में बनी हुई है। जिससे वार्डों का कचरा कचरा पॉइंट पर डल रहा है। वहीं जिन वार्डों में टिपर नहीं जाते वहां का कचरा भी सड़क किनारे ही डल रहा है। कई कचरा पॉइंट तो मजबूरी में ही चल रहे हैं। प्रयास है कि इन्हें कम से कम किया जाए।
 - मोतीलाल चौधरी,स्वास्थ्य अधिकारी, नगर निगम

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