असर खबर का - खाद्य सुरक्षा टीम ने मंदिरों के बाहर प्रसाद-भोग के लिए नमूने
गोदावरी धाम के सामने 7 दुकानों का किया निरीक्षण, दो लिए नमूने
जांच रिपोर्ट आने के बाद नियम अनुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी।
कोटा। दक्षिण भारत के तिरुपति मंदिर में बनने वाले लड्डू के प्रसाद में जानवरों की चर्बी और मछली के तेल मिलाए जाने की खबरों के बाद पूरे देश में हड़कंप मचा हुआ है। वहीं कोटा का चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की भी अलर्ट मोड पर आ गया है। मंगलवार को शहर के विभिन्न मंदिरों के बाहर लगी प्रसाद की दुकानों, प्रसाद और भंडारे और लंगर के अलावा बड़े मंदिरों के प्रसाद की भी जांच कार्य शुरू किया गया। सरकार द्वारा चलाए जा रहे मिलावट के खिलाफ अभियान के तहत मंगलवार को सात स्थानों पर निरीक्षण किया और स्थानों से सैंपल लिए। अभिहित अधिकारी एंव मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. जगदीश सोनी ने बताया कि शुद्ध आहार मिलावट पर वार अभियान के तहत अभियान चलाकर मंदिरों के बाहर स्थित भोग-प्रसाद में गुणवत्ता जांचने का कार्य शुरू हो चुका है। मंगलवार को गोदावरी धाम स्थित प्रसाद की की 7 दुकान व ठेलो का निरीक्षण किया गया यहां से दो नमूने मावे के बने प्रसाद के खाद्य सुरक्षा एंव मानक अधिनियम के तहत लिए गए। साथ ही विभिन्न अस्थाई दुकानें को फूड लाइसेंस लेने हेतु पांबद किया गया। साथ ही कोटा में ही अन्य स्थानों से भी निरीक्षण कर दो नमूने नली पापड़ के लिए गए। लिए गए नमूनो को खाद्य सुरक्षा प्रयोगशाला कोटा में भेजा गया। जांच रिपोर्ट आने के बाद नियम अनुसार विधिक कार्रवाई की जाएगी। टीम में खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल, चंद्र वीर सिंह जादौन मौजूद रहे।
नियमित चलेगी कार्रवाई
खाद्य सुरक्षा अधिकारी संदीप अग्रवाल ने बताया कि आयुक्त खाद्य सुरक्षा एवं औषधि नियंत्रण इकबाल खान एवं अतिरिक्त आयुक्त पंकज ओझा, कलक्टर डॉ रवींद्र गौस्वामी के निर्देशन में मिलावटखोरी पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न खाद्य पदार्थों सैम्पलिंग की जा रही है। यह 23 से 26 सितंबर तक निरंतर जारी रहेगी। इसके तहत गुरुद्वारा, बड़े मंदिरों के बाहर लगी प्रसाद की दुकानों की जांच कर सैंपल लिए जाएंगे।
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