असर खबर का - नए सिरे से होंगे टैंडर, कोटा बैराज के बदलेंगे गेट
जल संसाधन मंत्री ने कहा, सभी काम प्राथमिकता से होंगे
बैराज की दायीं और बायीं जर्जर नहरों की भी मरम्मत कराई जाएगी।
कोटा। चंबल नदी पर स्थित तीनों बांधों की मरम्मत के लिए करोड़ों रुपए का बजट करीब एक साल पहले स्वीकृत हो चुका है, लेकिन इन बांधों की मरम्मत के लिए संवेदक कंपनियां साहस नहीं जुटा पा रही हैं। हालात ऐसे हैं कि तीन बार टेंडर करने के बावजूद कोई भी कंपनी उसमें भाग लेने ही नहीं पहुंची। अब बांधों के लिए नए सिरे से टेंडर किए जाएंगे। इसके तहत कोटा बैराज के सभी पुराने गेटों को बदला जाएगा। वहीं टेल क्षेत्र तक नहरी पानी पहुंचाने के लिए बैराज के दोनों नहरों की मरम्मत के कार्य भी प्राथमिकता से करवाए जाएंगे। मंगलवार को कोटा दौरे पर आए जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सरकार बांधों की मरम्मत के लिए गम्भीर है और जल्द ही इसके लिए नए सिरे प्रयास किया जाएगा।
नवज्योति ने उठाया था जर्जर बांधों का मुद्दा
चंबल वैली प्रोजेक्ट के तहत राणा प्रताप सागर (आरपीएस), जवाहर सागर (जेएस) बांध और कोटा बैराज के जीर्णोद्धार का काम होना है। इसके लिए वर्ल्ड बैंक से डैम रिहैबिलिटेशन इंप्रूवमेंट प्रोजेक्ट (ड्रिप) के तहत राशि भी स्वीकृत हो गई है, लेकिन अभी बांधों की मरम्मत नहीं हो पाई है। यहां पर 236.23 करोड़ रुपए में रिनोवेशन का काम करवाया जाना प्रस्तावित किया है। इसके लिए तीन बार टैंडर आमंत्रित किए गए, लेकिन फर्मो के रुचि नहीं लेने से मामला आगे नहीं बढ़ पाया है। पुराने बांधों की मेंटेनेंस के काम के लिए काफी दिक्कत आती है, संवेदक इसलिए भी सामने नहीं आ रहे हैं। क्योंकि बांध में पानी काफी भरा रहता है और इस दौरान ही गेट और अन्य उपकरणों की मेंटेनेंस होनी है, जो हर कोई नहीं कर सकता है। अब जल संसाधन मंत्री ने नए सिरे से टैंडर प्रक्रिया करने की बात कही है, इससे अब बूढे बांधों को नवजीवन मिलने की उम्मीद जगी है।
बैराज हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण
जल संसाधन मंत्री रावत ने बताया कि कोटा बैराज हमारे लिए काफी महत्वपूर्ण हैं। इससे हाड़ौती क्षेत्र के किसानों को सिंचाई के लिए सुविधा उपलब्ध होती है। इसलिए सरकार कोटा बैराज सहित अन्य बांधों की मरम्मत कराने के लिए गम्भीर है। पूर्व में बांधों की मरम्मत के लिए टैंडर निकाले जा चुके हैं, लेकिन किसी कारणवश वह पूरे नहीं हो पाए हैं। अब नए सिरे टैंडर निकाले जाएंगे और कोटा बैराज के पुराने गेटों को बदला जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के टेल तक पानी पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है। इसके लिए बैराज की दायीं और बायीं नहर की मरम्मत कराई जाएगी। जहां पर गे्रेविटी से पानी नहीं पहुंच रहा है, वहां पर लिफ्ट के जरिए पानी पहुंचाया जाएगा ताकि किसानों को किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

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