असर खबर का - कृषि पर्यवेक्षक व राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में ही बांटें खाद
ऊर्जा मंत्री नागर ने कृषि विभाग के अधिकारियों को दिए निर्देश
सर्द रात के बावजूद भारी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने रात्रि चौपाल में उपस्थित होकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
कोटा। जिले में रबी सीजन की बुवाई का दौर तेज होते ही खाद की डिमांड बढ़ गई है। ऐसे में किसानों को खाद के संकट का सामना करना पड़ रहा है। ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने जिले में खाद के संकट को गम्भीरता से लेते हुए अब कृषि पर्यवेक्षक और राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में ही किसानों को खाद का वितरण करने के निर्देश दिए हैं। मंगलवार रात को कनवास क्षेत्र के विभिन्न गांवों में रात्रि चौपाल की। सर्द रात के बावजूद भारी संख्या में पहुंचे ग्रामीणों ने रात्रि चौपाल में उपस्थित होकर अपनी समस्याओं से अवगत कराया। इस दौरान ग्रामीणों की शिकायत पर मंत्री नागर ने खाद की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
खाद की कालाबाजारी की शिकायत
रात्रि चौपाल के दौरान किसानों ने खाद न मिलने और विक्रेता द्वारा कालाबाजारी की शिकायत की। किसानों ने खाद विक्रेताओं द्वारा तय कीमत से अधिक वसूलने के भी आरोप लगाए। जिस पर ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने तुरंत कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक अतीश कुमार शर्मा से फोन पर वार्ता की। उन्होंने निर्देश दिए कि प्राइवेट और अन्य खाद विक्रेता के जितने भी स्टॉक हैं, उन्हें रोककर आने वाला खाद आगे से कृषि पर्यवेक्षक और राजस्व अधिकारियों की उपस्थिति में ही बांटा जाए। उन्होंने कहा कि अनावश्यक अटैचमेंट न देकर सिर्फ खाद की बिक्री हो। जिससे किसानों की समस्या का समाधान हो सकेगा।
नवज्योति ने प्रमुखता से उठाया था मामला
जिले में खाद के संकट को लेकर दैनिक नवज्योति में गत 3 नवंबर को प्रमुखता से समाचार प्रकाशित किया गया था। इसमें बताया था कि जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार हुई बारिश के बाद खेतों में पर्याप्त नमी आने से रबी फसलों की बुवाई तेजी से शुरू हो गई है। मौसम पूरी तरह अनुकूल होते ही किसानों ने खाद और बीज की खरीदारी आरंभ कर दी है। इससे सहकारी समितियों और निजी विक्रेताओं के यहां खाद की मांग अचानक बढ़ गई है। मांग बढ़ने से कई स्थानों पर खाद की किल्लत जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई। किसानों को सुबह से ही खाद लेने के लिए समितियों के बाहर लंबी कतारों में लगना पड़ रहा है। किसानों को खाद लेने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। इस दौरान कई स्थानों पर खाद के लिए किसानों को कतारों में लगना पड़ रहा है।

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