किशोर सागर में मृत मिली ढेरों मछलियां, विशेषज्ञों का तर्क- ऑक्सीजन का लेवल कम होना बड़ा कारण
पिछले तीन दिन से मर रही मछलियां : पर्यटक बोले-गंदा हो रहा तालाब का पानी
किशोर सागर तालाब में गुरुवार को बड़ी संख्या में मछलियां मृत मिली। जिसे देखने के लिए पर्यटकों व राहगीरों की भीड़ लगी रही
कोटा। किशोर सागर तालाब में गुरुवार को बड़ी संख्या में मछलियां मृत मिली। जिसे देखने के लिए पर्यटकों व राहगीरों की भीड़ लगी रही। लोगों का कहना है कि पानी गंदा हो चुका है। बदबू आ रही है। जिसकी वजह से मछलियों का दम टूट रहा है। हालांकि स्पष्ट कारणों का पता नहीं चला है। लेकिन, विशेषज्ञों का तर्क है कि लंबे समय से पानी स्थिर है, नहरों में पानी नहीं छोड़े जाने से तालाब का पानी बदल नहीं सका। जिसकी वजह से पानी में एलगी बढ़ गई और पीचए लेवल बिगड़ गया। जिससे पानी में ऑक्सीजन की कमी होने से मछलियां मर गई। एलगी बढ़ने से पानी का रंग हरा हो जाता है। ऐसी स्थिति में जलीय जीवों को ऑक्सीजन नहीं मिल पाने से उनकी मौत हो जाती है।
बारहदरी पर तालाब किनारे पड़ी मृत मछलियां
राहगीर कुलदीप शृंगी, लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि बारहदरी स्थित तालाब किनारे जेटी के आसपास के दायरे में बड़ी संख्या में छोटी-बड़ी मछलियां मृत पड़ी हैं। सफाई नियमित नहीं होती। पानी का रंग भी हरा हो चुका है। यहां खड़े रहने पर बदबू आती है। पिछले तीन दिन से मछलियां मर रही हैं। जबकि, इसकी साफ-सफाई का जिम्मा केडीए का है लेकिन संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता।
लंबे समय से नहीं बदला पानी
गुमानपुरा निवासी बलवीर सिंह, हितेंद्र कुमार, श्याम सुंदर का कहना है, हम प्रतिदिन सुबह मॉर्निंग वॉक पर आते हैं। बारहदरी पर बनी छतरी पर बैठने के दौरान पानी सडांध मारता है। सीएडी विभाग ने लंबे समय से नहरों में पानी नहीं छोड़ा। जिसकी वजह से तालाब का पानी बदल नहीं पाया। एक ही जगह स्थिर रहने से पानी दूषित हो रहा है। जिसकी वजह से मछलियां मर रही हैं। सिंचाई विभाग को नहरों में पानी छोड़ना चाहिए ताकि पानी के तेज बहाव से किशोर सागर तालाब का गंदा पानी बहकर निकल जाए और साफ पानी एकत्रित हो सके।
लंबे समय तक एक ही जगह स्थिर रहने से एलगी बढ़ती है और पानी का पीएच बिगड़ जाता है। जिससे आॅक्सीजन का लेवल घटता है, जो जलीय जीवों की मृत्यु का बड़ा कारण बनता है। ऐसे में हफ्ते में एक बार नहरों में पानी छोड़कर तालाब का पानी बदलना चाहिए।
- सुमित एडविन, फिश रिसर्चर कोटा
तालाब की नियमित सफाई करवाते हैं। अधिक समय तक पानी स्थिर रहने से हरा हो जाता है। सिंचाई विभाग से नहरों में पानी छोड़ने का आग्रह करेंगे। ताकि, किशोर सागर का पानी बदल सकेगा।
- सुमित चित्तौड़ा, एक्सईएन केडीए

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