मिठाइयों पर अधिकांश दुकानदार नहीं लिख रहे एक्सपायरी डेट
1 अक्टूबर 2021 को शुरू किया था नियम, खुली मिठाई पर एक्सपायरी डेट लिखना जरूरी
खाद्य सुरक्षा अधिकारी पिछले दो साल नये नियमों को को लेकर समझाइश ही कर रहे अभी तक किसी पर जुर्माना कार्रवाई नहीं होने से व्यापारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे है।
कोटा । नवरात्र के साथ ही त्यौहारी सीजन शुरू हो चुका है। शहर में मिठाइयों की दुकानें सजने लगी हैं। लेकिन इन मिठाइयों की शुद्धता की जांच के लिए एफएसएसएआई द्वारा दो साल पहले बनाए नियम लागू होते दिखाई नहीं दे रहा है। लोगों को बासी मिठाई खाने से बचाने के लिए भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने एक अक्टूबर 2021 से बाजार में बिकने वाली खुली मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट लिखने के आदेश जारी किए थे। इसमें छोटी बड़ी सभी दुकानों पर मिठाई बनाने, उसकी एक्सपायरी डेट, कब तक खाना है कि पूरी जानकारी मिठाई की ट्रे के उपर लिखना जरूरी किया था। इससे ग्राहक को पता चल सके कि मिठाई ताजा है या बासी है। अब तक यह सुविधा पैकिंग वस्तुओं पर ही लागू थी । इसे एक अक्टूबर 2021 से देश में खुली वस्तुओं की बिक्री पर भी लागू कर दिया है। लेकिन दो साल बीतने आए फिर भी शहर में अभी इस नियम का पालन मिठाइयों की दुकानों पर होता दिखाई नही दे रहा है।
हालांकि शहर के कुछ प्रतिष्ठ मिठाई की दुकानों वाले जरूर इस नियम का पालन कर रहे है लेकिन वो भी रोज तारीख ही बदलते माल नहीं। बाकी बचे अधिकांश दुकानदार अभी मिठाई दुकानदार पुराने ढ़र्रे पर ही बिना एक्सपायरी डेट लिखे फ्रीजर में रखी मिठाइयां बेच रहे हैं। खाद्य सुरक्षा अधिकारी पिछले दो साल नये नियमों को को लेकर समझाइश ही कर रहे अभी तक किसी पर जुर्माना कार्रवाई नहीं होने से व्यापारी इसे गंभीरता से नहीं ले रहे है। दो साल साल बाद भी अभी कई दुकानदारों को तो इस नियम की पूरी जानकारी ही नहीं है। दूसरी तरफ मिठाई कारोबारियों को का कहना है कि हालांकि शहर की कुछ बड़ी मिठाई की दुकानों ने तो एक्सपायरी डेट लिखना शुरू किया लेकिन वो भी रोज डेट बदल कर ग्राहकों चुना ही लगा रहे है।
बासी और खराब पर रोक के लिए बनाया था नियम
बासी और पुरानी मिठाइयां बेचने की लगातार आ रही शिकायतों के बाद भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण ने मिठाई की दुकानों के लिए यह नियम अनिवार्य कर दिया कि वे मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट को लिखें। पहले यह निर्णय जून 2021 से लागू होना था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते इसे 1 अक्टूबर 2021 से लागू किया। दो साल पहले लागू हुए इस नियम की कोटा जिले में पालना होती नहीं दिखाई दे रही है। जबकि सरकार ने प्रदेश में भी सभी खाद्य सुरक्षा अधिकारियों को इस नियम की पालना कराने के निर्देश चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग जयपुर की ओर से जारी किए हैं। लेकिन पालना अभी भी नहीं हुई है।
मिठाई की खपत से दस फीसदी कम तैयार कर रहे माल
नये नियम के वजूद में आने के बाद से मिठाई की खपत से दस फीसदी मिठाई कम तैयार कर रहे है। जिससे नुकसान से बचा जा सके। इसका असर बिक्री पर ज्यादा पड़ेगा। मिठाई के डिब्बे तैयार कराएं जिस पर मिठाई तैयार करने की डेट, एक्सपायरी डेट, कब तक खा सकते हैं आदि जानकारी अंकित की हुई है। इस नियम से खाद्य सुरक्षा अधिकारी जानबूझकर दुकानदारों को परेशान कर सकते हैं। वो मिठाई का सैंपल लेने के बाद उसी दिन लैब में भेज देंगे इस बात की क्या गारंटी है इससे इंस्पेक्टर राज को ही बढ़ावा मिलेगा।
-रामप्रकाश सैनी, मिठाई व्यापारी कोटा
दुकानदार बोले नया नियम अप्रासंगिक है
देश में 80 फीसदी मिठाई का काम असंगठित क्षेत्र से होता है। ऐसे में इस तरह के नियम दुकानदारों को परेशान करने के लिए हैं। दो साल पहले बनाया ये नियम अप्रासंगिक है। जिससे लोग पालना नहीं कर रहे है। एफएसएसआई को टर्नओवर और एक से अधिक दुकान जैसी कई श्रेणी बनाकर इस प्रकार के नियम लगाने चाहिए थे। शहर में करीब दो सौ से अधिक मिठाई की दुकानें हैं। अधिकांश छोटे दुकानदार है कैसे करेंगे नियमों की पालना।
-राजू अग्रवाल, मिठाई व्यापारी कोटा
इनका कहना
दो साल पहले एक अक्टूबर 2021 से खुली मिठाइयों पर एक्सपायरी डेट लिखने का नियम लागू है। शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के दौरान मिठाई दुकानदारों को इसके लिए पाबंद किया जा रहा है। विभाग की ओर से अनवरत जांच का अभियान जारी है। दुकानों की जांच कर सैंपल लेने का कार्य जारी है। दशहरा पर्व के बाद शुद्ध के लिए युद्ध अभियान में बिना एक्सपायरी लिखी मिठाई की दुकानों पर कार्रवाई की जाएगी।
-संदीप अग्रवाल, खाद्य सुरक्षा अधिकारी कोटा
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