जब रोम जल रहा था, नीरो बंसी बजा रहा था
दो विद्यार्थियों के आत्महत्या करने के बावजूद एलन कोचिंग के निदेशक गीत संगीत कार्यक्रम का आनंद उठा रहे थे
संस्थान के छात्रों के साथ दोपहर और शाम को यह घटनाएं होने के बावजूद एलन के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी रात आठ बजे गीत संगीत के कार्यक्रम में पहुंच गए थे।
नवज्योति/कोटा।जब रोम जल रहा था तब नीरो बंसी बजा रहा था। ठीक उसी तरह एक तरफ रविवार को जब एलन कोचिंग संस्थान के विद्यार्थी पढ़ाई के तनाव में आकर अपने ईहलीला समाप्त कर रहेथे, तब एलन कोचिंग के संचालक मंडल में शामिल निदेशक डा. गोविन्द माहेश्वरी गीत संगीत के कार्यक्रम में गीत संगीत का आनंद उठा रहे थे। रविवार को दो विद्यार्थियों ने आत्महत्या कर ली थी। प्रशासन द्वारा रविवार को टेस्ट नहीं लेने की गाइडलाइन जारी होने के बावजूद एलन कोचिंग संस्थान गाइडलाइन की अवहेलना करते हुए लगातार विद्यार्थियों के टेस्ट ले रहा था। रविवार को भी उसने ऐसा ही टेस्ट आयोजित किया था। टेस्ट देने के बाद दोपहर को महाराष्ट्र निवासी छात्र संभाजी कास्ले ने रिलायबल कोचिंग (एलन) के भवन से कूद कर ही आत्महत्या की थी। जबकि शाम को बिहार निवासी छात्र आदर्श पुत्र जयशंकर ने फांसी का फंदा लगा लिया था। संस्थान के छात्रों के साथ दोपहर और शाम को यह घटनाएं होने के बावजूद एलन के निदेशक गोविन्द माहेश्वरी रात आठ बजे गीत संगीत के कार्यक्रम में पहुंच गए थे। उनके चेहरे पर किसी तरह की उदासी या उल्लास में कमी नहीं थी। वह पूरी तन्मयता से कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे। उनके संस्थान के बच्चे की मौत पर उनके चेहरे पर किंचित मात्र भी क्लेश नजर नहीं आ रहा था। गोविन्द माहेश्वरी ने ना केवल गीत संगीत का आनन्द उठाया अपितु अन्य कलाकारों के साथ स्वर से स्वर मिलाकर उल्लास प्रकट किया।
वह अन्य कलाकारों द्वारा लगाए जा रहे स्वरों की मुरकियों, लयकारी और बंदिशों पर तालियां भी बजाते दिख रहे थे। दूसरी तरफ जिन बच्चों ने पढाई के तनाव में आकर आत्महत्या की थी उन विद्यर्थियों के माता-पिता के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। आंसुओं की धारा उनके चेहरों को जैसे अश्रुु स्नान करा रही थी।

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