अब स्टेपनी डीलर नहीं कर सकेगा राशन वितरण, गेहूं वितरण में फर्जीवाड़े पर लगेगी लगाम
अधिकृत डीलर के अंगूठे से ही खुलेगी पोस मशीन
सरकार ने पोस मशीनों को अपडेट करने का निर्णय किया था।
कोटा । खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने जिले में राशन वितरण व्यवस्था को और पारदर्शी बनाने के लिए नई तकनीक लागू करने का निर्णय लिया है। अब उचित मूल्य दुकानों (राशन डिपो) पर पॉइंट आॅफ सेल (पोस) मशीनें केवल संबंधित डीलर के अंगूठे से ही संचालित होंगी। इससे किसी भी अन्य व्यक्ति द्वारा फर्जी वितरण, हेराफेरी या मशीन के गलत इस्तेमाल की संभावना खत्म हो जाएगी। सरकार के पास पूरे प्रदेश में गेहूं वितरण में गड़बड़ी होने की शिकायत पहुंच रही थी। ऐसे में सरकार ने पोस मशीनों को अपडेट करने का निर्णय किया था। इसके लिए गत दिनों पोस मशीनों ने नया साफ्टवेयर अपलोड किया गया है। ऐसे में अधिकृत राशन डीलर के फिंगरप्रिंट से पोस मशीन का संचालन हो सकेगा। जिससे अब राशन डीलर की जगह स्टेशनी डीलन राशन का वितरण नहीं कर पाएगा।
ऐसे काम करेगा नया सिस्टम
विभागीय सूत्रों के अनुसार पहले पोस मशीनें किसी भी व्यक्ति के लॉगिन से खुल जाती थीं, जिससे कई बार अनियमितताएं सामने आती थीं। जैसे राशन का वितरण किसी सहायक या अन्य व्यक्ति द्वारा किया जाना, लाभार्थियों से अनाज की कटौती या फर्जी एंट्री करना। अब नई व्यवस्था में मशीन तभी एक्टिव होगी जब संबंधित डीलर स्वयं बायोमेट्रिक स्कैनर पर अंगूठा लगाएगा। एक बार लॉगिन के बाद भी मशीन कुछ समय बाद आॅटो लॉक हो जाएगी, ताकि कोई और व्यक्ति इसका उपयोग न कर सके। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यह प्रणाली राजस्थान राज्य खाद्य विभाग के सर्वर से सीधे जुड़ी होगी, जिससे हर लेन-देन का रिकॉर्ड रियल टाइम में अपडेट होगा। इससे राशन वितरण की व्यवस्था में कोई गड़बड़ी नहीं हो पाएगी।
पायलट प्रोजेक्ट सफल, अब सभी जगह लागू
रसद विभाग की ओर से गत दिनों कुछ जिलों में इस नई व्यवस्था का परीक्षण किया था। परीक्षण के दौरान पाया गया कि जहां पहले वितरण में औसतन 5-7 मिनट लगते थे, अब नई प्रणाली में यह प्रक्रिया अधिक सटीक और सुरक्षित हो गई है। वहीं राशन वितरण में गड़बड़ी की संभावना भी समाप्त हो गई। पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से इस व्यवस्था को पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है। कोटा जिले की सभी राशन की दुकानों पर अपडेट पोस मशीनों से गेहूं का वितरण शुरू हो गया है। जिले में अधिकृत राशन डीलरों के माध्यम से ही लाभार्थियों को गेहूं का वितरण किया जा रहा है।
संभावित लाभ
- फर्जी वितरण पर रोक
- डीलर की जवाबदेही सुनिश्चित
- उपभोक्ताओं का विश्वास बढ़ेगा
- शिकायतों का त्वरित निस्तारण संभव
पहले कभी-कभी राशन डीलर द्वारा कहा जाता था कि नाम कट गया या राशन निकल गया। अब अगर डीलर खुद अंगूठा लगाएगा तो गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं रहेगी।
- पुष्पा देवी, राशन लाभार्थी
अब तक डीलर या उसके कर्मचारी द्वारा की जा रही फर्जी एंट्री की शिकायतें आती थीं। नई प्रणाली में जब तक डीलर स्वयं उपस्थित नहीं होगा, मशीन नहीं खुलेगी। इससे जवाबदेही तय होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
- कुशाल बिलाला, जिला रसद अधिकारी

Comment List