शहर के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्सेज का टूटा दम

गवर्नमेंट कॉमर्स में बीबीए में 60 सीटों पर 3 ही हुए एडमिशन, एमबीए का अता-पता नहीं

शहर के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्सेज का टूटा दम

शहर के दो बड़े कॉलेजों को एमबीए व एमसीए कोर्स शुरू करने की सरकार से वित्तिय व प्रशानिक स्वीकृति मिल चुकी है।

कोटा। जिले के सरकारी कॉलेजों में प्रोफेशनल कोर्सेज दम तोड़ रहे हैं। नई शिक्षा नीति के तहत शुरू किए बीबीए, एमबीए कोर्स व कम्प्यूटर साइंस सब्जेक्ट सरकारी मशीनरी की उपेक्षा की भेंट चढ़ गए। वहीं, राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय, अब तक एमएससी व एमए कोर्स में एडमिशन प्रोसेज भी शुरू नहीं कर सका। इनमें सबसे ज्यादा खराब स्थिति गवर्नमेंट कॉमर्स की है। यहां बीबीए में 60 सीटों पर मात्र 3 ही एडमिशन हुए हैं। ऐसे में इस वर्ष बीबीए कोर्स शुरू होना मुश्किल है। वहीं, राजकीय कला महाविद्यालय कोटा में मात्र 16 विद्यार्थियों ने कम्प्यूटर विषय लिया है। जबकि, सीट 80 है। ऐसे में स्टूडेंट्स व शिक्षक असमंजस के दोहरे भंवर में फंस गए। जिन पाठ््यक्रमों में विद्यार्थियों ने एडमिशन ले लिया वहां, कक्षाएं सस्पेंड होने का खतरा हो गया। वहीं, कॉलेज प्रशासन के लिए निर्धारित एडमिटेड स्टूडेंट्स संख्या के अभाव में कोर्सेज चलाना व दिसम्बर से पहले सेमेस्टर एग्जाम की तैयारी करवाना समझ से परे है। 

इस साल बीबीए कोर्स चलना मुश्किल
राजकीय वाणिज्य महाविद्यालय में बीबीए कोर्स का इस वर्ष संचालित होना मुश्किल लग रहा है। यहां 60 सीटों पर मात्र 3 ही एडमिशन हुए हैं। जबकि, आवेदन 16 विद्यार्थियों ने किया था। लेकिन, फीस मात्र तीन ही स्टूडेंट्स ही जमा करवा सके। इधर, कॉलेज प्रशासन फीस जमा करवाने के लिए छात्रों से सम्पर्क कर रहा फिर भी छात्र रुचि नहीं दिखा रहे। कक्षाएं शुरू करने के लिए 10 छात्रों का एडमिशन लेना आवश्यक है। 

एमबीए व एमसीए का अता-पता नहीं
शहर के दो बड़े कॉलेजों को एमबीए व एमसीए कोर्स शुरू करने की सरकार से वित्तिय व प्रशानिक स्वीकृति मिल चुकी है। लेकिन कॉमर्स कॉलेज को एमबीए एडमिशन पॉलीसी को लेकर कोई गाइड लाइन नहीं मिली। वहीं, एआईसीटी द्वारा पोर्टल नहीं खोले जाने से गवर्नमेंट साइंस कॉलेज एमसीए में प्रवेश प्रक्रिया शुरू नहीं कर सका। शिक्षाविदें का तर्क है, सत्र 2024-25 में यह कोर्स शुरू नहीं हो सकते। विद्यार्थियों को एडमिशन के लिए अब अगले वर्ष का इंतजार करना होगा। 

आरटीयू शुरू नहीं कर सका एमएससी व एमए 
राजस्थान तकनीकी विश्वविद्यालय अपने कोटा कैम्पस में नॉन इंजीनियरिंग एमएससी व एमए पोस्ट ग्रेजुएशन पाठ्यक्रम अब तक शुरू नहीं कर सका। जबकि, आरटीयू द्वारा सितम्बर माह में ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के दावे किए गए थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, एडमिशन कोर्डिनेशन कमेटी का समय पर गठित न होना, सिलेबस पूरी तरह से तैयार न होना, बोर्ड आॅफ स्टडीज की दूसरी बैठक अब तक न होना सहित कई प्रमुख कारण बताए जा रहे हैं। 

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कम्प्यूटर साइंस : 80 सीटों पर 16 विद्यार्थी
राजकीय कला महाविद्यालय में विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने के उद्देश्य से सरकार ने इसी सत्र से कम्प्यूटर विषय खोला है। प्रचार-प्रसार के बावजूद विद्यार्थियों ने कम्प्यूटर विषय चुनने में रुचि नहीं दिखाई। एक सेशन में 80 सीटें हैं और 16 विद्यार्थियों ने ही कम्प्यूटर सब्जेक्ट लिया है। जबकि, यह ऐच्छिक विषय है फिर भी छात्रों ने रुझान नहीं दिखाया। 

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क्या कहते हैं विद्यार्थी
बीबीए में एडमिशन तब शुरू हुए जब बीकॉम प्रथम वर्ष की प्रवेश प्रक्रिया पूरी हो चुकी थी। ऐसे में हम बीकॉम छोड़ बीबीए में कैसे दाखिला  लेते। प्रोफेशनल कोर्स के बुरे हाल के लिए जिम्मेदार सरकार की लेटलतीफी है। 
-योगेंद्र चंद, ज्ञानदेव कुमार, आशिष शृंगी, छात्र कॉमर्स

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आरटीयू से इंग्लिश में एमए करना चाहता हूं। लेकिन, अब तक एडमिशन प्रोसेज ही शुरू नहीं किया। जबकि, पूर्व में सितम्बर से किए जाने की बात कही गई थी। गवर्नमेंट कॉलेज में ही अंग्रेजी में पीजी होती है, जहां सीटे लिमिटेड होने के कारण एडमिशन नहीं मिल पाया।
-सुरेश कहार, हर्षित मेहता, छात्र 

क्या कहते हैं प्राचार्य
बीबीए में 16 स्टूडेंट्स ने आवेदन किए थे लेकिन 3 ने ही फीस जमा करवाई है। एडमिशन प्रोसेज में देरी बड़ा कारण रही है। जबकि, कोर्स का व्यापक प्रचार-प्रयास भी किया है। लेकिन, अधिकतर विद्यार्थी बीकॉम व अन्य कोर्सेज में एडमिशन ले चुके हैं। ऐसे में रुझान कम दिखा। हालांकि, अगले सत्र में अच्छा रेस्पोंस देखने को मिलेगा।
-हितेंद्र कुमार, प्राचार्य गवर्नमेंट कॉमर्स कॉलेज 

विद्यार्थियों को रोजगार से जोड़ने के लिए सरकार ने कम्प्यूटर साइंस विषय खोला है। जिसका व्यापक प्रचार-प्रसार भी किया। सब्जेक्ट चुनाव के लिए आयुक्तालय द्वारा दो बार अंतिम तिथि बढ़ाकर मौका भी दिया। इसके बावजूद अब तक 16 ही विद्यार्थियों ने कम्प्यूटर विषय का चयन किया है। रुझान कम होने के कई कारण हो सकते हैं।
-प्रो. रोशन भारती, प्राचार्य गवर्नमेंट साइंस कॉलेज

हमारी बेहतर व्यवस्थाएं, प्रचार प्रसार, दृढ़ इच्छा शक्ति का ही परिणाम है, जो बीसीए कोर्स में दाखिले के लिए विद्यार्थियों ने जबरदस्त रुझान दिखाया। यहां 40 सीटों पर 21 स्टूडेंट्स ने दाखिला लिया है। जिनकी कक्षाएं भी शुरू करवा दी गई हैं। इन्हें पढ़ाने के लिए विद्या संबल पर वैल क्वालिफाइड तीन शिक्षक नियुक्त किए हैं। 
-प्रो. प्रतिमा श्रीवास्तव, प्राचार्य गवर्नमेंट साइंस कॉलेज

आरटीयू ने नहीं दिया जवाब
खबर के संबंध में नवज्योति ने आरटीयू के परीक्षा नियंत्रक प्रो. रंजन माहेश्वरी से सम्पर्क करने के लिए फोन किए, मैसेज किए लेकिन उन्होंने जवाब नहीं दिए। 

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