तपती दुपहरी, खाली बर्तन, आंखों में इन्तजार

जलदाय विभाग ने 16 दिन में बढ़ाया 15 लाख लीटर पानी, फिर भी मारामारी

तपती दुपहरी, खाली बर्तन, आंखों में इन्तजार

पार्षद बोले-डिमांड के अनुरूप नहीं मिल रहा पानी।

कोटा। गर्मी की तपिश बढ़ने के साथ ही चंबल किनारे बसी आबादी में जल संकट गहरा गया। लोग पानी के इंतजार में तपती दोपहरी में इधर-उधर भटक रहे तो कहीं निजी ट्यूबवेलों से पानी खरीदने को मजबूर हो रहे हैं। हालांकि, जलदाय विभाग भी पूरी क्षमता से टैंकरों के माध्यम से संकटग्रस्त इलाकों में पानी पहुंचा रहा है। 16 दिन में ही 5.55 लाख लीटर पानी की सप्लाई बढ़ाकर 15 लाख लीटर प्रतिदिन कर दी गई है। इसके बावजूद इन इलाकों में पानी की मारामारी मच रही है। वार्ड पार्षदों का तर्क है, टैंकर मात्र विकल्प है लेकिन स्थाई समाधान लाइनों से घर-घर पानी की सप्लाई से ही हो सकेगा। ऐसे में जलदाय विभाग को आंवली-रोजड़ी से बंधा धर्मपुरा इलाकों में स्थाई समाधान किया जाना चाहिए। हालांकि, जल अधिकारियों का कहना है कि गर्मी बढ़ने के साथ ही टैंकरों की संख्या में इजाफा किया जाएगा।  

16 दिन में 21 से 47 हुई टैंकरों की संख्या
जलदाय विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, नयागांव, रतकांकरा, आवंली, रोजड़ी सहित एक दर्जन इलाकों में पानी की डिमांड बढ़ने के साथ ही पिछले दिनों के मुकाबले  बुधवार तक 26 टैंकर बढ़ा दिए गए हैं। गत 9 अप्रेल को  21 टैंकरों से पानी की सप्लाई की जा रही थी, जिसे बढ़ाकर 47 कर दी गई है। वहीं, 111 ट्रिप बढ़ाकर 387 कर दी गई है। इसके अलावा गर्मी में तेजी होने पर टैंकरों की संख्या में इजाफा किया जाएगा।  

20 लाख लीटर पानी प्रतिदिन हो रहा सप्लाई 
अकेलगढ़ से इन दिनों 47 टैंकरों की मदद से संकटग्रस्त 9 इलाकों में 20 लाख लीटर शुद्ध पानी प्रतिदिन सप्लाई किया जा रहा है। जबकि, 16 दिन पहले 21 टैंकरों की मदद से 5.55 लाख लीटर पानी पहुंचाया जा रहा था। इधर, संकटग्रस्त इलाकों के पार्षदों ने जलदाय अधिकारियों से जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिलने की शिकायत की। उन्होंने कहा कि सुबह से दोपहर तक प्रतिदिन बड़ी संख्या में वार्डवासी पानी न मिलने की शिकायत करते हैं। विभाग की जल वितरण व्यवस्था प्रभावी नहीं होने से लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा। 

निजी नलकूपों से खरीदना पड़ रहा पानी 
आंवली-रोझड़ी, बरड़ा व क्रेशर बस्ती के बाशिंदे जल संकट से जूझ रहे हैं। जलदाय विभाग की ओर से आने वाले टैंकरों से जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा। इसकी वजह से लोगों को निजी नलकूपों से टैंकर मंगवाकर पानी खरीदना पड़ रहा है। लोगों का कहना है, बस्ती को बसे वर्षों हो गए, लेकिन अब तक सरकार ने पानी के प्रबंध नहीं किए। हर साल गर्मी में पानी खरीदना पड़ता है। 

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इन इलाकों में चल रहे टैंकर 
नगर निगम कोटा दक्षिण के एक दर्जन से  अधिक इलाके हर साल जल संकट से जूझते हैं। जिसमें नयागांव, आवंली, रोजड़ी, दौलतगंज, सुभाष नगर, बरड़ा व क्रेशर बस्ती, जगपुरा, रानपुर, बंधा धर्मपुरा, जेके चौकी एरिया में टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। हालात यह हैं, नगर नगर के अस्तित्व में आने के बाद से अब तक इन इलाकों में पाइप लाइन नहीं बिछी है। हर वर्ष यहां पानी के लिए मारामारी मचती है। गर्मियों में लोगों के लिए पानी का जुगाड़ करना किसी चुनौती से कम नहीं रहता। 

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दिनभर टैंकर का इंतजार, आते ही लगती भीड़
रतकांकरा, जगपुरा व बंधा धर्मपुरा के बाशिंदों का कहना है, भीषण गर्मी में भी घरों में कूलर नहीं चलते, क्योंकि यहां पीने को पानी नहीं मिल रहा तो कूलर में कहां से भरेंगे। दिनभर टैंकरों के आने का इंतजार करना पड़ता है। एक टैंकर 5 हजार लीटर क्षमता का होता है, जबकि इलाके की एक गली में ही 30 से ज्यादा परिवार रहते हैं। प्रत्येक घर में औसत 6 सदस्य हैं। ऐसे में पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। ऐसे में सुबह ही खाली चरे, बाल्टियां लेकर पानी के जुगाड़ के लिए निकलना पड़ता है। 

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न सड़क बनी न पाइप लाइन बिछी, हर बार पानी को तरसते 
बरड़ा बस्ती हो या क्रेशर बस्ती, दोनों जगह मूलभूत सुविधाओं का अभाव है। दोनों बस्तियों के हजारों लोग गर्मियों में पानी के लिए दर-दर भटकते हैं। लेकिन, पाइप लाइन नहीं बिछाई जाती। टैंकर आता है तो आधे घंटे में ही खत्म हो जाता है, जो दो घंटे तक वापस नहीं आता। घर के जरूरत के कार्य भी पूरे नहीं हो पाते। सड़कें नहीं बनने से धूल के गुबार उड़ते हैं। 
- रमेश लाल, राकेश मेहरा, शंभु बैरवा आवंली रोजड़ी 

क्या कहते हैं बाशिंदे
हर साल गर्मी में पानी के लिए मारामारी रहती है। जलदाय विभाग द्वारा टैंकर तो भेजे जाते हैं लेकिन पानी जरूरत के मुताबिक नहीं मिल रहा। पानी का जुगाड़ करने में पूरा दिन निकल जाता है। टैंकर आते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ता है। चंद मिनटों में ही टैंकर खाली हो जाता है। खाना बनाने व पीने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल पाता। पानी का जुगाड़ करने के चक्कर में मजदूरी तक छूट जाती है।  
- बनवारी, कुंज बिहारी गुर्जर, रोजड़ी

आवंली रोजड़ी, दौलतगंज, नयागांव वाले इलाके में करीब 60 हजार से ज्यादा आबादी है। यहां 500 टैंकरों से प्रतिदिन  प्रतिदिन पानी की सप्लाई किए जाने की जरूरत है। जबकि, वर्तमान में 150 से 200 टैंकर चल रहे हैं। सुबह से शाम तक इलाके की दो दर्जन से अधिक महिलाएं पानी न मिलने की शिकायत करती हैं। लोगों को जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल रहा। मजबूरन उन्हें मोल खरीदना पड़ता है। महिलाएं पानी के लिए परेशान हो रहीं हैं। यह समस्या टैंकरों से खत्म होने वाली नहीं है। आबादी के लिहाज से यहां पानी की टंकी का निर्माण करवाकर पाइप लाइन बिछानी चाहिए ताकि बाशिंदों को सुचारू रूप से पानी मिल सके।
- धनराज गुर्जर, पार्षद वार्ड-29

प्रभावित इलाकों में वास्तविक डिमांड के अनुरूप टैंकरों से नियमित पानी की सप्लाई की जा रही है। पिछले दिनों की अपेक्षा टैंकरों की संख्या के साथ ट्रिप भी बढ़ा दिए गए हैं। गर्मी बढ़ने के साथ ही टैंकरों की संख्या में और इजाफा किया जाएगा। हर परिवार को जरूरत के मुताबिक पानी मिले, इसके लिए जलदाय विभाग पूरी क्षमता से काम कर रहा है। लोगों से आग्रह है पानी व्यर्थ बहाने से बचाएं ताकि जरूरतमंद लोगों के घरों में पानी पहुंचा सकें।  
- प्रकाशवीर नाथानी, एक्सईएन जलदाय विभाग 

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