डिमांड से दोगुना 51.50 करोड़ लीटर पानी की प्रतिदिन सप्लाई, फिर भी हलक सूखे
जल वितरण व्यवस्था नहीं सुधारी तो गर्मियों में मचेगा हाहाकार
हैड क्षेत्र में पानी का दुरुपयोग से टेल मे नहीं पहुंच रहा पानी।
कोटा। जलदाय विभाग कोटा शहर में प्रतिदिन 51.50 करोड़ लीटर शुद्ध पानी सप्लाई कर रहा है। इसके बावजूद अंतिम छोर पर बसे लोग प्यासे हैं। जबकि, यह पानी 15 लाख शहरवासियों की डिमांड से दो गुना है, फिर भी पानी की किल्लत बनी है। सवालों के जवाब खोजने के लिए दैनिक नवज्योति ने जल अधिकारियों व जानकारों से बात की तो जल वितरण व्यवस्था अव्यवस्थित होना बड़ा कारण सामने आया। हुआ यूं, जलदाय विभाग शहर के तीन बड़े पम्प हाउस अकेलगढ़, मिनी अकेलगढ़ सकतपुरा व श्रीनाथपुरम से फुल कैपेसिटी से कुल 515 एमएलडी पीने का पानी सप्लाई कर रहा है, जो लीटर में 51.50 करोड़ होता है। इसके बावजूद अंतिम छोर पर बसे लोगों तक पानी नहीं पहुंच पा रहा। कारण यह है, पम्प हाउस के आसपास हैड क्षेत्रों में पानी का दुरुपयोग हो रहा है, यहां लोग अपनी जरूरत से ज्यादा पानी खर्च कर रहे हैं, जिस पर लगाम लगाने की नियंत्रण व्यवस्था नहीं है। वहीं, कई जगहों पर वॉल व पाइपलाइनों में रिसाव होने से छिजत में पानी व्यर्थ बह रहा है। जिसे रोक लिया जाए तो अंतिम छोर तक पानी की कमी नहीं होगी।
किस पम्प हाउस से कितना पानी हो रहा रिलीज
रावतभाटा रोड स्थित अकेलगढ़ से प्रतिदिन 320 एमएलडी यानी 32 करोड़ लीटर पानी सप्लाई होता है। वहीं, मिनी अकेलगढ़ सकतपुरा से 160 एमएलडी यानी 16 करोड़ लीटर तथा श्रीनाथपुरम पम्प हाउस से 35 एमएलडी यानी 3 करोड़ 50 लाख लीटर पानी की सप्लाई की जा रही है। इस तरह प्रतिदिन 51.50 करोड़ लीटर पानी की शहरभर में आपूर्ति की जाती है। शहरवासियों को इतना शुद्ध पानी प्रतिदिन उपलब्ध करवाने के लिए चम्बल से पानी लिफ्ट करने से लेकर बिजली, मशीन मेंटिनेंस, क्लोरिन, बिलिचिंग, एलम सहित कर्मचारियों व अधिकारियों की तनख्वाह पर करोड़ों रुपए खर्च करना पड़ता है। एक रिसर्च के मुताबिक एक समान्य परिवार दिनभर में करीब 750 लीटर पानी रोजमर्रा के काम में बर्बाद कर देता है। जबकि, यह वो पानी है, जिसका इस्तेमाल पीने व खाना बनाने में नहीं किया जाता है।
इन इलाकों में रहता जल संकट
डिमांड से दोगुना पानी सप्लाई करने के बावजूद प्रेम नगर, डीसीएम, कंसुआ, रायपुरा, थेकड़ा, छावनी, संजय नगर, कोटड़ी, बजरंग नगर, बोरखेड़ा क्षेत्र, देवली अरब, आंवली, रोजड़ी, बंधा धर्मपुरा, दौलतगंज, मंडाना सहित कई इलाकों में लोग जल संकट से जूझते हैं। हालात यह हैं, गर्मियों के दिनों में इनमें से कई इलाकों में तो टैंकरों से जलापूर्ति की जाती है।
कहीं 24 घंटे तो कहीं 6 घंटे पानी
विभाग के अनुसार, शहर के विज्ञान नगर, दादाबाड़ी, तलवंडी, जवाहर नगर सहित कई इलाके ऐसे हैं, जहां 24 जलापूर्ति रहती है। वहीं, डीसीएम व नदीपार क्षेत्र सहित कई इलाकों में सुबह-शाम 3-3 घंटे सप्लाई की जाती है। इसके अलावा पानी का प्रेशर मध्यम से निम्न रहने से लोगों को अपनी जरूरत के मुताबिक पानी नहीं मिल पाता।
शहर की डिमांड से दो गुना पानी की सप्लाई
जलदाय विभाग के अनुसार, शहर की 15 लाख आबादी को प्रतिदिन 30 करोड़ लीटर पानी की आवश्यकता होती है। जिसके मुकाबले विभाग द्वारा तीनों पम्प हाउस से कुल 515 एमएलडी यानी 51 करोड़ 50 लाख लीटर पानी की सप्लाई प्रतिदिन की जा रही है, जो डिमांड से दो गुना अधिक है। यदि, प्रति व्यक्ति का आंकड़ा निकाला जाए तो प्रति व्यक्ति को प्रतिदिन 325 से 340 लीटर पानी मिल रहा है। जबकि, प्रति व्यक्ति की जरूरत 200 लीटर पानी रहती है। इसके बावजूद लोग पानी का मोल नहीं समझ रहे। जिससे जल डिस्टीब्यूशन गड़बड़ा रहा है और अंतिम छोर पर जल संकट गहरा जाता है।
इनका कहना है
शहर के तीनों पम्प हाउस से पूर्ण क्षमता से प्रतिदिन 515 एमएलडी पानी की सप्लाई की जा रही है। शहर की डिमांड से अधिक जलापूर्ति कर रहे हैं ताकि लोगों को पानी के लिए परेशानी न हो। वहीं, डीसीएम क्षेत्र में अमृत 2.0 योजना के अनुसार, 100 एमएलडी क्षमता का प्लांट बनाया जाना प्रस्तावित है। इसके निर्माण के बाद से इस क्षेत्र में जल संकट की समस्या नहीं रहेगी। शहरवासियों की सुविधाओं के लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है।
- प्रकाशवीर नथानी, एक्सईएन जलदाय विभाग
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