ढाई सौ साल पुराने दाऊ मंदिर को मरम्मत की दरकार, दाऊ जयंती का बजट अलग से मिले तो हो भव्य आयोजन
बरामदा जीर्ण-शीर्ण अवस्था में छत पर उगी झाड़ियां
शहर के सूरजपोल स्थित दाऊ महाराज का मंदिर को मरम्मत की दरकार है। मंदिर का रख रखाव नहीं होने से मंदिर जीण शीर्ण अवस्था में हो रहा है
कोटा। शहर के सूरजपोल स्थित दाऊ महाराज का मंदिर को मरम्मत की दरकार है। मंदिर का रख रखाव नहीं होने से मंदिर जीण शीर्ण अवस्था में हो रहा है। यह मंदिर वल्लभ कुल के पुष्टिमर्गीय संप्रदाय में आता है। मंदिर के पुजारी चेतन शर्मा ने बताया कि करीब मंदिर ढाई सौ साल पुराना है और आजादी के समय से ही देवस्थान विभाग के अधीन है। दाऊ महाराज को धाकड़ समाज का आराध्य देव माना है साथ ही इनको बलराम, हलधर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के दाऊ महाराज जो भी भोग लगाया जाता है वो सब मंदिर में ही बनाया जाता है बाहर से कोई प्रसाद नहीं मंगवाया जाता है। साथ ही मंदिर में चार बार सुबह आरती व शाम को तीन बार आरती होती है। साथ ही मंदिर में प्रतिदिन सुबह बालभोग, दस बजे करीब राजभोग, चार बजे करीब संध्या भोग, करीब छह शयन भोग लगाया जाता है। मंदिर मरम्मत और सफाई हो जाए तो श्रद्धालुओं परेशानी नहीं होगी।
बरामदा हो रहा जर्जर
मंदिर का बरामदा जीर्ण - शीर्ण अवस्था में होने से बारिश में परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही मंदिर की छत पर झाड़िया उग जाने के कारण बारिश का पानी निकलने में परेशानी का सामना करना पड़ता है।
मंदिर में सफाई कर्मचारी व गार्ड की की जरूरत
मंदिर के पुजारी ने बताया कि देवस्थान विभाग को कई बार अवगत कराया कि मंदिर में सुबह व शाम को सफाई कर्मचारी व रात के समय मंदिर की सुरक्षा के लिए एक गार्ड आवश्यकता है। लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
चहुंओर उग रही झाडियां
मंदिर का बरामद जीर्ण शीर्ण अवस्था में साथ ही बरामदे के चहुंओर घास फूस उग गई जिसे छत से पानी निकलने में समस्या आ रही है साथ ही बरामदे में बारिश की वजह से सीलन हो रही है और बारिश के समय बरामदे में से पानी टपकता है जिसे दर्शन करने व आरती के समय श्रद्वालुओं को दिक्कत होती है।मंदिर में लाइट जाने के बाद रोशनी की कोई व्यवस्था नहीं है जिसे कई बार आरती के समय परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही श्रद्वालुओं को दिक्कत होती है।
रोड बना जब निगम ने नालिया बंद कर दी
निगम ने जब रोड बनाया जब नालिया नीचे रह गई व रोड ऊपर ऊपर निकाला गया जिसे मंदिर का पानी निकलने में परेशान का सामना करना पड़ता है बारिश के समय में पानी मंदिर में भरा रहता है। जिसे मंदिर के सामने कीचड़ हो जाता है और साथ ही प्रतिदिन मंदिर के सामने की सफाई भी नहीं होती है।
इनका कहना है
देवस्थान विभाग के जो मंदिर माताजी के है उनको नवरात्र उत्सव का अलग से बजट मिलता है, राममंदिरों में रामनवमी उत्सव व गणेश चतुर्थी पर अलग से बजट मिलता है पर दाऊ जयंती का अलग से बजट नहीं मिलने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- चेतना शर्मा, पुजारी
मंदिर के सामने सफाई नहीं होने के कारण गंदगी पड़ी रहती है जिसे हमें परेशानी का सामना करना पड़ता है।
- कौशल्या, श्रद्वालु
मंदिर में लाइट के लिए इनवर्टर व पीने के पानी की व्यवस्था देवस्थान विभाग को करनी चाहिए जिसे श्रद्वालु ओ पानी के लिए इधर उधर नहीं जाना पड़े।
- प्रशांत कुमार, श्रद्वालु
दाऊ जयंती के बजट की डिमांड भेजवा देंगे। और मंदिर का बरामद यदि जीर्ण - शीर्ण है तो उसको भी ठीक करा देंगे।
- कृष्णा कुमार खडेÞलवाल असिस्टेड कमिश्नर देवस्थान विभाग कोटा

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