कहीं थम न जाए मोबाइल वेटरनरी वैन के पहिए
अभी तक नहीं मिला मानदेय : विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने की दी चेतावनी
कर्मचारियों में रोष है और अब हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है।
कोटा। जिले में बीमार पशुओं को घर बैठे उपचार की सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई मोबाइल वेटरनरी वैन सेवा के कभी भी ब्रेक लग सकते हैं। वैन सेवा प्रदाता कम्पनी की ओर से कर्मचारियों को मानदेय का भुगतान नहीं किया गया है। ऐसे में वैन में तैनात कर्मचारियों ने आगामी दिनों में हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। जिले में वर्तमान में छह मोबाइल वेटरनरी वैन संचालित हो रही है। कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से वैन के पहिए थम जाएंगे। इससे पशुपालक घर बैठे पशुओं के उपचार की सुविधा से वंचित हो जाएंगे।
न मानदेय मिल रहा न दवाइयां
पशुपालकों को घर बैठे पशु चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के उद्देश्य से सरकार ने मोबाइल वेटरनरी वैन सेवा इस साल 24 फरवरी को शुरू की थी। कोटा जिले में छह ब्लॉक के लिए छह वैन उपलब्ध कराई गई है। अभी छह वैन जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित हो रही है और घर बैठे बीमार पशुओं का उपचार कर रही है। एक मोबाइल वैन में तैनात पशु चिकित्सक ने बताया कि वैन सेवा शुरू होने के बाद से प्रदाता कम्पनी ने अभी तक उनकों मानदेय का भुगतान नहीं किया है। वहीं नियमित रूप से दवाइयां भी उपलब्ध नहीं कराई जा रही है। सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ज्वाइनिंग लेटर भी नहीं दिया है। इससे कर्मचारियों में रोष है और अब हड़ताल पर जाने का निर्णय किया है।
एक लाख पशुओं पर एक वैन
जिले में पशुओं की एक लाख जनसंख्या के अनुपात में मोबाइल वेटरनरी वैन को तैनात किया गया है। जिले में पशु संख्या के आधार पर वैन सौंपी गई है। कोटा जिले के लिए छह वैन आवंटित की गई है। यह वैन दो चरणों में उपलब्ध कराई गई है। वर्तमान में सभी वैन ब्लॉक वार संचालित की जा रही है और घरों पर जाकर बीमार पशुओं का उपचार भी कर रही है। मोबाइल वेटरनरी वैन के जरिए पशुओं का टीकाकरण, उनका गभार्धान एवं अन्य स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध हो रही है।
वैन में चिकित्सक सहित तीन कर्मी तैनात
सरकार ने एक निजी फर्म को पूरे प्रदेश में मोबाइल वेटरनरी वैन संचालित करने के लिए अधिकृत किया है। इस समय निजी कम्पनी की ओर राज्य में 536 वैन संचालित की जा रही है। प्रत्येक मोबाइल वेटरनरी वैन में फर्म की ओर से एक पशु चिकित्सक, एक सहायक और एक ड्राइवर को तैनात किया गया है। साथ ही दवाओं के वितरण की व्यवस्था भी फर्म के स्तर पर की जा रही है। वैन में पशुओं के गोबर, मूत्र व खून के परीक्षण की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई है।
जिले में मोबाइल वेटरनरी वैन सेवा शुरू होने से पशुपालकों को काफी राहत मिली है। अब गांवों में वैन आने से घर बैठे ही बीमार पशुओं का उपचार हो रहा है। यदि मोबाइल वैन सेवा बंद हो जाएगी तो पशुपालकों को काफी परेशानी होगी। सरकार को इस मामले में दखल देकर कर्मचारियों की समस्या का समाधान करना चाहिए।
- श्योजी गुर्जर, पशुपालक
जिले में छह मोबाइल वेटरनरी वैन सेवा संचालित हो रही है। वैन में तैनात निजी फर्म के कर्मचारियों ने मानदेय नहीं मिलने की शिकायत की है। वहीं अन्य समस्याएं भी बताई है। इन समस्याओं का समाधान नहीं होने पर आगामी दिनों में हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी है। यह मामला निदेशालय स्तर का है। इस सम्बंध में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है।
- डॉ. गिरिश सालफळे, उप निदेशक, पशुपालन विभाग
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