आग जनित घटना होने पर बचाव के नहीं हैं पुख्ता इंतजाम
दशहरा मैदान का मामला : मेले के दौरान जुटती है बड़ी संख्या में भीड़, आग से बचाने के चुनिंदा स्थानों पर ही लगे फायर उपकरण
शहर की बहुमंजिला इमारतों, आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में फायर उपकरणों की जांच कर एनओसी जारी करने वाले नगर निगम के दशहरा मैदान में ही आग से बचाव के पूरे इंतजाम नहीं हैं। यहां सीमित जगह पर ही फायर उपकरण लगे हुए हैं। जबकि दशहरा मेले के अवसर पर मैदान में लाखों की भीड़ जुटती है।
कोटा । शहर की बहुमंजिला इमारतों, आवासीय व व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में फायर उपकरणों की जांच कर एनओसी जारी करने वाले नगर निगम के दशहरा मैदान में ही आग से बचाव के पूरे इंतजाम नहीं हैं। यहां सीमित जगह पर ही फायर उपकरण लगे हुए हैं। जबकि दशहरा मेले के अवसर पर मैदान में लाखों की भीड़ जुटती है। कोरोना काल के दो साल बाद इस बार दशहरा मेले का आयोजन किया जा रहा है। नगर निगम कोटा उत्तर व कोटा दक्षिण द्वारा संयुक्त रूप से मेले का आयोजन किया जाएगा। दो साल बाद मेला भरने से इस बार मेले में अधिक लोगों के आने की भी संभावना है। आमतौर पर रावण दहन, सिने संध्या और समापन के अवसर पर एक ही दिन में लाखों लोग एक साथ मैदान में रहते हैं। जबकि अन्य दिनों में भी यह संख्या हजारों में रहती है। नगर निगम कार्यालय के पास स्थित दशहरा मैदान में जहां हर साल मेले का आयोजन किया जाता है। वहां आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम तक नहीं हैं। कोटा दक्षिण महापौर ने उठाया था मुद्दा नगर निगम की मेला समिति की गत दिनों हुई बैठक में कोटा दक्षिण के महापौर व मेला समिति सदस्य राजीव अग्रवाल ने दशहरा मैदान में आग से सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं होने का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि मैदान के हिसाब से वहां आग से बचाव के जितने इंतजाम होने चाहए वे नहीं है। साथ ही जिस जगह पर फायर उपकरण व हाइडेंट लगे हुए हैं वे चौड़े रास्ते और सिर्फ सीमित स्थान पर ही लगे हुए हैं। जिससे पूरे मैदान को कवर नहीं किया जा सकता। इस पर उन्होंने सुझाव दिया कि मेले से पहले ही लाइन को बढ़ाया जाए। जिसे मैदान के आखिरी छोर तक पहुंचाया जाए। जिससे कभी भी जरूरत पड़ने पर उसका उपयोग किया जा सके और किसी भी बड़े हादसे को टाला जा सके। इन स्थानों पर ही लगे फायर उपकरण स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत करीब 80 करोड़ की लागत से बने इस मैदान में श्रीराम रंगमंच और विजयश्री रंगमंच के आस-पास ही फायर हाइडेंट लगे हुए हैं। जिससे मैदान में आग जनित घटना होने पर एक सीमित स्थान तक ही आग बुझाई जा सकती है। जबकि मैदान में चाहे झूला मार्केट हो या खिलौना बाजार, वहां आग बुझाने के लिए किसी तरह के फायर उपकरण लगे हुए हैं। हालांकि दशहरा मेले के दौरान नगर निगम की ओर से मैदान में दमकलों की व्यवस्था की जाती है। लेकिन मैदान में भीड़ अधिक होने पर दमकल भी नहीं निकल पाएगी। दशहरा मेला दो साल बाद भर रहा है। इसमें लोगों की भीड़ इस बार काफी अधिक रहेगी। ऐसे में मेले में आने वाले लोगों और दुकानदारों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना होगा। इसके लिए सुझाव दिया है कि मैदान में आग से बचाव के पुख्ता इंतजाम हों। फायर हाउडेंट के पाइप बढ़ाने व उपकरणों की संख्या बढ़ाई जा सकती है। वर्तमान में लगे उपकरणों से सीमित जगह पर ही आग बुझाई जा सकती है। पूरे मैदान को कवर करते हुए आग से बचाव के इंतजाम किए जाएंगे। - राजीव अग्रवाल, महापौर नगर निगम कोटा दक्षिण मेला समिति की पहली बैठक हुई है। उसमें जो सुझाव व कमियां सामने आई हैं उन पर विचार कर सुधार भी किया जाएगा। शीघ्र ही दोबारा बैठक होगी। मैदान में फायर उपकरणों की व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए दोनों निगमों के फायर आॅफिसर को निर्देशित कर दिया है। -मंजू मेहरा, महापौर नगर निगम कोटा उत्तर
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