कब बजेगी टोल फ्री नम्बर 1962 की घंटी
ढाई माह बाद भी शुरू नहीं हो पाया कॉल सेंटर
मोबाइल वेटरनरी वैन का घर बैठे नहीं मिल रहा लाभ।
कोटा। पशुपालकों के बीमार पशुओं का इलाज करने के लिए पशुपालन विभाग ने मोबाइल वेटरनरी वैन तो शुरू कर दी, लेकिन अभी तक टोल फ्री नम्बर (कॉल सेंटर) 1962 को चालू नहीं किया है। इससे किसानों को उनके घर पर मोबाइल वेटरनरी वैन को बुलाने के लिए परेशान होना पड़ रहा है। पशु चिकित्सा विभाग ने एक लाख पशुओं की संख्या पर एक मोबाइल वेटरनरी वैन चालू की है। ऐसे में कोटा जिले में छह मोबाइल वेटरनरी वैन शुरू की गई। ढाई माह बाद भी टोल फ्री नम्बर शुरू नहीं हो पाया है। पशुपालकों को इसके चालू होने का इंतजार है।
निजी फर्म ने मई तक का मांगा समय
पशुपालन विभाग के अनुसार गुजरात की एक फर्म को पूरे प्रदेश में मोबाइल वेटरनरी वैन के संचालन का जिम्मा दिया गया है। वैन और स्टॉफ भी निजी फर्म का है। निजी फर्म की ओर से पूरे प्रदेश में 536 वैन का
संचालन किया जाएगा। कोटा में फिलहाल छह वेटरनरी वैन संचालित हो रही है। वैन शुरू होने के बाद टोल फ्री नम्बर 1962 को भी शुरू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी, लेकिन तकनीकी दिक्कत आने के कारण यह सेवा अभी तक शुरू नहीं हो पाई। निजी फर्म की ओर टोल फ्री नम्बर शुरू करने के लिए मई माह तक का समय मांगा गया है।
वैन में उपचार की पूरी व्यवस्था
पशुपालकों को राहत देने के उद्देश्य से कोटा जिले में छह मोबाइल वैन उपलब्ध कराई गई है। इस वाहन सेवा में पशुओं का उपचार सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा। वाहन में पशुओं के उपचार की पूरी व्यवस्था होगी। दवाओं को रखने के लिए इसमें फ्रिज भी लगाए हैं। इसके चिकित्सक व कंपाउंडर सहित तीन लोगों का स्टाफ होगा। साथ ही वाहन में उपचार से जुड़ी सभी सुविधाएं इसमें की गई है। जिससे इलाज के कारण पशुओं को तड़पना नहीं पड़ेगा।
वैन में चालू रहेगा जीपीएस
पशु चिकित्सा विभाग ने हर मोबाइल वेटरनरी यूनिट में जीपीएस लगाया है। जीपीएस का कंट्रोल जयपुर से रहेगा। ऐसे में इसमें तैनात चिकित्सक, पशुधन सहाय एवं वैन चालक गड़बड़ी नहीं कर सकेगा। टीम को वैन लेकर पशुपालक के घर जाना ही होगा और रिपोर्ट देनी ही होगी। जब तक टोल फ्री नम्बर चालू नहीं होगा तब तक वैन के माध्यम के गांवों में कैम्प लगाकर बीमार पशुओं का उपचार किया जाएगा। वर्तमान में रूट चार्ट के हिसाब से वेटरनरी वैन का संचालन किया जा रहा है।
1962 नम्बर पर करना होगा कॉल
मोबाइल वेटरनरी यूनिट में एक पशु चिकित्सक, एक पशुधन सहायक एवं मोबाइल वेटरनरी यूनिट चालक रहेंगे। सरकार ने एक लाख पशुओं की आबादी पर एक मोबाइल वैटेनरी यूनिट लगाई है। वैसे पूरे प्रदेश की बात की जाए तो पूरे राजस्थान में 536 मोबाइल वेटरनरी यूनिट काम करेगी। कॉल सेंटर चालू होने के बाद बीमार पशु का मालिक मोबाइल वेटरनरी यूनिट को बुलाने के लिए अपने मोबाइल से 1962 नम्बर पर कॉल करेगा और नाम पता बताएगा, उस नाम पते पर यह यूनिट पहुंच जाएगी।
सरकार ने मोबाइल वेटरनरी यूनिट तो शुरू कर दी, सभी पशुपालकों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। उसकी भैंस बीमार हो गई थी। ऐसे में मोबाइल वेटरनरी यूनिट की जरूरत थी, लेकिन वह नहीं मिली। बाद में पशु चिकित्सालय में ले जाकर उसका उपचार कराना पड़ा।
-श्योजी गुर्जर, पशुपालक
कोटा जिले में छह मोबाइल वेटरनरी वैन का संचालन किया जा रहा है। निजी फर्म ने अभी तक टोल फ्री नम्बर 1962 चालू नहीं किया है। फर्म ने इसे चालू करने के लिए मई माह तक का समय मांगा तब तक गांवों में कैम्प लगाकर बीमार पशुओं का उपचार किया जा रहा है।
-डॉ. जयप्रकाश मीणा, वरिष्ठ पशु चिकित्सक, पशुपालन विभाग

Comment List