उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के रियाज से बताया था टोंक के मुजीब का संपर्क

एटीएस ने पूछताछ के बाद निर्दोष मानकर मुजीब को छोड़ा

उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के रियाज से बताया था टोंक के मुजीब का संपर्क

उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों में रियाज के साथ टोंक के मुजीब का संपर्क होने की खबरें सामने आने से पहले 3 अप्रैल को एटीएस ने पूछताछ के बाद मुजीब को निर्दोष मान कर छोड़ दिया था। मुजीब ने कहा कि मेरा इन आरोपियों से कोई संबंध नहीं हैै। मुजीब आज टोंक में सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है।

टोंक। उदयपुर के कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों में रियाज के साथ टोंक के मुजीब का संपर्क होने की खबरें सामने आने से पहले 3 अप्रैल को एटीएस ने पूछताछ के बाद मुजीब को निर्दोष मान कर छोड़ दिया था। मुजीब ने कहा कि मेरा इन आरोपियों से कोई संबंध नहीं हैै। मुजीब आज टोंक में सामान्य जीवन व्यतीत कर रहा है।
जानकारी के अनुसार, उदयपुर में कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियो के संबंध में टोंक के मुजीब अब्बासी नामक युवक से प्रचारित किया जा रहा है कि मुजीब एसआई का एजेंट था जो कि मौजूदा समय में जेल में है। जबकि हकीकत यह हैै कि निम्बेहड़ा में पकडे  गए विस्फोस्टक के आरोपियों से मोबाईल पर बातचीत की पुष्टी के बाद 31 मार्च को मुजीब को जयपुर की एटीएस टीम टोंक की पुलिस के सहयोग से पकड़ कर ले गई थी और तीन दिन तक एटीएस के अधिकारियों ने मुजीब से गहन पूछताछ की, जिसमें उसका संबंध किसी भी आतंकी संगठन या आतंकी से नहीं होने पर निर्दोष मानकर 3 अप्रैल को छोड़ दिया,तब से मुजीब टोंक में रहकर अपना जीवन बसर कर रहा है। लेकिन जब से उदयपुर का कन्हैयालाल हत्याकांड हुआ है, तब से लगातार मीडिया में मुजीब को एसआई का एजेंट बताया जा रहा हैै और हत्याकांड के आरोपियों से मुजीब से संबंध बताया जा रहा हैै, जो कि बहुत ही गलत है।

इससे राजस्थान ही नही बल्कि पूरे भारत में टोंक का नाम बदनाम भी हो रहा है।गुरुवार को सुबह मुजीब अब्बासी अपने भाई के साथ पत्रकारों के पास पहुंचा और उसने रोते हुए बताया कि मैने आज तक कोई अपराध नही किया, आंतकी संगठन के लिए काम करना तो बहुत दूर की बात है, मुझे आतंकी बता जेल में बताया जा रहा है। जबकि पहले में उदयपुर में  ज्वैलरी की दुकान चलता था, लेकिन कोरोना के बाद टोंक में ही रहकर अपना जीवन बसर कर रहा हूँ। टीवी चैनलों, अखबारों ने मुझे आतंकी बताकर मेरा जीना हराम कर दिया, लोग मुझे गलत नजरों से देखते है। मेरे साथ व्यापार करने से कतराते है।

जिससे मेरे को व मेरे परिवार की हालत फाकाकशी तक पहुंच गई हैै, खाने के लाले पड़े है। मेरे को कोई रोजगार नही देता है और मेरे बच्चों को दूध पिलाने के पैसे भी नही है। जयपुर एटीएस मेरे को एक बार पकड़ कर ले गई और तीन दिन तक काफी पूछताछ की, लेकिन जब मेरा कोई किसी आतंकी संगठन या आतंकी से संपर्क नही पाया गया तो मुझे निर्दोष मानकर छोड़ दिया गया। लेकिन एक बार फिर मीडिया ने उदयपुर कन्हैयालाल हत्याकांड के आरोपियों के संबंध मुझसे बताकर खबरे चलाकर मेरा जीना हराम कर दिया हैै। जिससे में बहुत परेशान हूँ। जिन्होने कन्हैलाल हत्याकांड किया है उनको मैं नही जानता हूं। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी चाहिए।

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