किसान अपनी शक्ति और आर्थिक क्षमता को पहचानें : जगदीप धनखड़
अखिल मेवाड़ क्षेत्रीय जाट महासभा के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे
किसानों से अपील की कि वे कृषि विज्ञान केंद्रों से जुड़ें, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और सहकारिता के माध्यम से कृषि उत्पादन और मूल्य वृद्धि में हिस्सा लें।
उदयपुर। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 25 वर्ष पहले मातृकुंडिया में सामाजिक न्याय और आरक्षण आंदोलन की शुरुआत को याद करते कहा कि वर्ष 1999 में मेवाड़ की इस पवित्र भूमि पर एक महत्वपूर्ण आंदोलन शुरू हुआ था, जिसने जाट और अन्य जातियों को आरक्षण दिलवाया और आज उसके परिणाम सरकारी सेवाओं में देखे जा रहे हैं। धनखड़ रविवार को मातृकुंडिया में जाट समाज के मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने आए थे और शिव मन्दिर में दर्शन के बाद अखिल मेवाड़ क्षेत्रीय जाट महासभा के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उस आंदोलन को शांति और सौहार्दपूर्ण बताते कहा कि इसमें किसी प्रकार की हिंसा नहीं हुई। उन्होंने कृषि और किसानों के महत्व को उजागर करते कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें कृषक पुत्र की पहचान दी। उन्होंने किसानों की सेवा का संकल्प दोहरा किसानों से अपील की कि वे कृषि विज्ञान केंद्रों से जुड़ें, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं और सहकारिता के माध्यम से कृषि उत्पादन और मूल्य वृद्धि में हिस्सा लें।
इसके अलावा उन्होंने किसानों से अपील की कि वे अपने उत्पादों का व्यापार बढ़ाएं और कृषि में तकनीकी सुधार लाएं, जिससे देश की अर्थव्यवस्था और ग्रामीण व्यवस्था मजबूत हो। उप राष्ट्रपति ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में काम करने की प्रेरणा दी और गांवों को शहरों पर निर्भर नहीं रहने की बात कही। उन्होंने यह भी कहा कि किसान को अपनी शक्ति और आर्थिक क्षमता को पहचान विकास की दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए। उन्होंने संकल्प लिया कि वे किसान के अधिकारों और हितों के लिए हमेशा संघर्ष करेंगे और सुनिश्चित करेंगे कि कृषि क्षेत्र में परिवर्तन आए।
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