ट्रंप ने 132 साल का रिकॉर्ड तोड़ दूसरी बार ली अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ, कहा- शांति दूत बनना चाहता हूं, लेकिन अमेरिका फर्स्ट
दक्षिण सीमा पर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा, सेना भेजी
अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को शपथ ले ली। मायनस 3 डिग्री के तापमान में अमेरिकी संसद के हॉल में हुए शपथग्रहण में कई पूर्व राष्ट्रपतियों सहित उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे
वांशिगटन। अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को शपथ ले ली। मायनस 3 डिग्री के तापमान में अमेरिकी संसद के हॉल में हुए शपथग्रहण में कई पूर्व राष्ट्रपतियों सहित उनके समर्थक भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे। वहां समारोह में भाग लेने के लिए अमेरिकी समयानुसार सुबह 5 बजे ही लोग जुटने लगे थे। सबसे पहले उपराष्ट्रपति के रूप में जेडी बैंस ने शपथ ली और इसके बाद महज पैंतालीस सैंकेण्ड की शपथ दोहराने के बाद अपने करीब आधे घण्टे के पहले सम्बोधन में ट्रम्प ने कहा कि वे चाहते हैं शांति दूत के रूप में दुनिया उन्हें जाने लेकिन अमेरिकी हितों की कीमत पर नहीं। उन्होंने अमेरिका फर्स्ट का अपना संकल्प दोहराया। ट्रम्प ने कहा कि अब से अमेरिका का सुनहरा दौर शुरू हो रहा है। अब दुनिया हमारा इस्तेमाल नहीं कर पाएगी। दुनिया में फिर से अमेरिका का सम्मान होगा। हम अपनी सम्प्रभुता बनाए रखेंगे। अमेरिका में अब घुसपैठ नहीं होगी। बदलाव का दौर आज से ही शुरू होगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका अब आगे की ओर बढ़ेगा। ट्रम्प ने कहा कि 20 जनवरी 2025 अमेरिका के लिए नई आजादी का दिन है। हम अपने देश और संविधान को नहीं भूलेंगे। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति विलियम मैकिन्ली को याद किया और कहा कि हम उनके आदर्शों का पालन करेंगे। मैकिन्ली को अमेरिकी अवसाद से देश को निकालने का श्रेय दिया जाता है। अमेरिका में अब बोलने की पूरी आजादी होगी। किसी तरह की सेंसरशिप नहीं होगी। कोविड के दौरान वैक्सीन का विरोध करने वालों की गई नौकरियां बहाल होंगी।
पहला आदेश सीमा पर सेना भेजने का
ट्रम्प ने सम्बोधन के दौरान अमेरिका की दक्षिणी सीमा पर नेशनल इमरजेंसी की घोषणा करते हुए सेना भेजने का ऐलान कर दिया। उन्होंने घुसपैठ को रोकने की शपथ दोहराई और कहा कि अवैध प्रवासियों को वहीं छोड़कर आएंगे जहां से वे आए हैं। उन्होंने ड्रग्स तस्करों को आतंकी घोषित किया है।
महंगाई रोकना प्राथमिकता
ट्रम्प ने कहा कि महंगाई रोकना उनकी पहली प्राथमिकता है। मैक्सिको बार्डर पर दीवार बनाने और पनामा नहर को वापिस कब्जे में लेने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि अमेरिका के प्रति जिसका जैसा रवैया रहेगा, वैसा ही अमेरिका का उसके प्रति रहेगा। दूसरे देशों पर टैक्स और टेरिफ बढ़ाने की भी उन्होंने बात की।
दूसरे देशों के युद्ध में नहीं घुसेगी सेना
ट्रम्प ने कहा कि अमेरिकी सेना अब दूसरे देशों के युद्ध में नहीं घुसेगी। हम दुनिया में शांति चाहते हैं। ट्रम्प ने इजराइल-हमास के बीच हुए सीजफायर का भी श्रेय लिया और कहा कि मैं चाहता हूं मुझे दुनिया शांति दूत के रूप में जाने। अमेरिका का परचम अन्तरिक्ष तक लहराएगा। उन्होंने कहा कि असंभव को संभव करना अमेरिका को अच्छी तरह आता है। अमेरिका सेना अपने दुश्मनों को हराने के लिए आजाद रहेगी और एक बार फिर दुनिया की सबसे मजबूत सेना होगी।
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