झांग योउक्सिआ ने किया पाकिस्तान का दौरा

क्षा सहयोग बढ़ाने पर गंभीर चर्चा की

झांग योउक्सिआ ने किया पाकिस्तान का दौरा

पाकिस्तानी सेना का दावा है कि दोनों सैन्य अधिकारियों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी कदम और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर गंभीर चर्चा की।

रावलपिंडी। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बाद देश में दूसरे सबसे शक्तिशाली व्यक्ति झांग योउक्सिआ ने अचानक से पाकिस्तान का दौरा किया है। झांग चीन की शक्तिशाली सेना को कंट्रोल करने वाले सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के वाइस चेयरमैन हैं।चीनी सेना के इस शीर्ष अधिकारी का यह पाकिस्तान दौरा ऐसे समय पर हुआ है, जब पाकिस्तान में सीपीईसी से जुड़े चीन के कई इंजीनियरों पर हमले बढ़ गए हैं। कई चीनी लोगों के मारे जाने के बाद चीन ने अपने 300 सैनिकों को आतंकवाद निरोधक अभ्यास के नाम पर पाकिस्तान भेजा है। आइए समझते हैं कि चीनी सैन्य अधिकारी की पाकिस्तान यात्रा का क्या मकसद था और भारत को क्यों खतरा है। चीन और पाकिस्तानी की सेनाएं 5 साल में पहली बार संयुक्त आतंकवाद निरोधी अभ्यास कर रही हैं। पाकिस्तानी सेना का दावा है कि दोनों सैन्य अधिकारियों के बीच क्षेत्रीय सुरक्षा परिदृश्य, क्षेत्रीय स्थिरता के लिए जरूरी कदम और रक्षा सहयोग बढ़ाने पर गंभीर चर्चा की।

पाकिस्तान में चीन की सेना ने पिछले सप्ताह वारियर 8 सैन्य अभ्यास शुरू किया है और यह मध्य दिसंबर तक जारी रहेगा। इसमें आतंकियों के सफाए और उन पर हमले के अभ्यास अंजाम दिए जाएंगे। वहीं चीन ने कहा है कि इस अभ्यास को संयुक्त आतंकवाद निरोधक क्षमताओं को बढ़ाने और उसकी परीक्षा लेने के लिए अंजाम दिया जा रहा है। चीनी सेना पीएलए ने कहा कि इस अभ्यास में दोनों सेनाओं के बीच भागीदारी फोकस किया जा रहा है, ताकि वास्तविक युद्ध के माहौल में इसे अंजाम दिया जा सके। दरअसल, चीन अपने नागरिकों पर बलूचों और टीटीपी के हमलों को रोकने और अरबों डॉलर के सीपीईसी प्राजेक्ट की सुरक्षा के लिए पाकिस्तानी में अपनी सेना को तैनात करना चाहता है।

पाकिस्तान की संप्रभुता का सवाल
पाकिस्तान ने अपनी संप्रभुता का हवाला देकर इससे इंकार कर दिया था, लेकिन अब दोनों के बीच एक डील हो गई है। पाकिस्तानी सेना ने बलूचों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू भी किया है। चीनी सैन्य विश्लेषक सोंग झोंगपिंग ने चीन के अखबार साऊथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट से बातचीत में कहा कि चीन और पाकिस्तान का संयुक्त अभ्यास आतंकियों को संदेश देने के लिए है। उन्होंने कहा कि चीन और पाकिस्तान के बीच आर्थिक सहयोग के लिए एक पुख्ता सुरक्षा गारंटी की जरूरत है। इसकी वजह यह है कि हाल के दिनों में पाकिस्तान में सुरक्षा हालात खराब हुए हैं। सोंग ने खुलासा किया कि इस बार चीनी सेना पाकिस्तान संग अभ्यास के दौरान कई तरह के मानवरहित ड्रोन लेकर आई है ताकि उसे अपने सैन्य हथियार दिखाए जा सकें। सोंग ने कहा कि  साथ ही चीनी सेना विभिन्न सुरक्षा माहौल में अपने ड्रोन हथियारों का परीक्षण करना चाहती है।

उन्होंने कहा कि यूक्रेन युद्ध ने दुनिया को यह दिखा दिया है कि आज के दौर में आतंकवाद निरोधक अभियान और पूर्ण युद्ध के लिए मानवरहित विमान बहुत जरूरी हैं। चीनी सेना इस क्षेत्र में खुद को दुनिया में अगुवा बनाना चाहती है। इससे पहले चीन ने हाल ही में सिंगापुर में शहरों के अंदर सैन्य अभियान चलाने का अभ्यास किया था। इसमें चीन की सेना ने अपने रोबोट सेना को दिखाया था जो बम दागने से लेकर दीवार तक फांद सकते हैं।

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