ट्रंप का फैसला : दक्षिण कोरिया से अपने सैनिकों को बाहर निकालेगा, एशिया में अमेरिका के एक और सहयोगी को दिया धोखा 

4500 सैनिकों को वापस बुलाने पर विचार

ट्रंप का फैसला : दक्षिण कोरिया से अपने सैनिकों को बाहर निकालेगा, एशिया में अमेरिका के एक और सहयोगी को दिया धोखा 

डोनाल्ड ट्रंप के करीब चार महीने के प्रशासन को देखने पर ऐसा लगता है कि उन्होंने अमेरिका की विदेश नीति और विश्वसनीयता की सुपारी ले रखी है

वॉशिंगटन। डोनाल्ड ट्रंप के करीब चार महीने के प्रशासन को देखने पर ऐसा लगता है कि उन्होंने अमेरिका की विदेश नीति और विश्वसनीयता की सुपारी ले रखी है। जापान, ब्रिटेन, कनाडा, आॅस्ट्रेलिया, फ्रांस, यूक्रेन और भारत, हर वो देश जिसे अमेरिका के अलग अलग प्रशासन ने काफी मेहनत से अपना सहयोगी बनाया था, उसका डोनाल्ड ट्रंप ने सत्यानाश कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने करीब चार महीने के प्रशासन में अमेरिका के दुश्मनों को छुआ तक नहीं है, लेकिन दोस्तों को परेशान करने का एक भी मौका नहीं छोड़ा है। अब वॉशिंगटन पोस्ट ने दावा किया है कि ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण कोरिया से अपने हजारों सैनिकों को बाहर निकालने का फैसला किया है। ट्रंप का ये खतरनाक फैसला, दक्षिण कोरिया पर उत्तर कोरिया की आक्रामकता का रास्ता खोल सकता है।

4500 सैनिकों को वापस बुलाने पर विचार
वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से कहा गया है कि ट्रंप प्रशासन दक्षिण कोरिया में तैनात अपने हजारों सैनिकों को वापस लाने पर विचार कर रहा है, जिसकी वजह से एशिया में अमेरिका के सहयोगियों के बीच गहरी चिंता उत्पन्न हो गई है। वॉशिंगटन पोस्ट ने कहा है कि पेंटागन करीब 4500 सैनिकों को वापस बुलाने पर विचार कर रहा है, जिन्हें गुआम सहित इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में अलग अलग जगहों पर तैनात किया जा सकता है। दो अमेरिकी अधिकारियों ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के विचार के बाद अमेरिकी अधिकारी सैनिकों को निकालने के प्लान पर काम कर रहे है।

दक्षिण कोरिया में 28 हजार 500 अमेरिकी सैनिक तैनात
दोनों अधिकारियों का कहना है कि अभी तक पेंटागन का प्रस्ताव राष्ट्रपति कार्यलय में उनके डेस्क तक नहीं पहुंचा है, लेकिन विचार काफी गहनता से चल रहा है। वहीं पेंटागन के प्रवक्ता ने इस रिपोर्ट को खारिज नहीं किया है और कहा कि अभी इस पॉलिसी पर करने के लिए कोई घोषणा नहीं है। जबकि अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता पीट गुयेन ने सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर बात नहीं की, लेकिन उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप, उत्तर कोरिया के पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहीं दक्षिण कोरिया के रक्षा मंत्रालय ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है। डोनाल्ड ट्रंप अपने पहले कार्यकाल से ही दक्षिण कोरिया से अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी को बदलने पर विचार कर रहे हैं, जहां करीब 28 हजार 500 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं। अमेरिका के दक्षिण कोरिया से सैनिकों की संख्या कम करने को लेकर पिछले महीने एशिया में अमेरिकी सेना की देखरेख कर रहे शीर्ष कमांडरों ने चेतावनी दी थी। सैनिकों ने कहा था कि संख्या कम करने से उत्तर कोरिया के खिलाफ उनकी क्षमता खतरे में पड़ जाएगी और पूर्वोत्तर एशिया में चीन और रूस के खिलाफ अन्य संभावित संघर्षों में भी उनकी क्षमता प्रभावित होगी।

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