CM गहलोत का बीजेपी पर निशाना, कहा- धर्म के नाम पर राजनीति खतरनाक, यह मानवता पर कलंक
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति खतरनाक है, यह मानवता पर कलंक है कि हम मानव-मानव में भेद करते हैं। क्या कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है। गहलोत ने कहा कि वोट का अधिकार, लोकतंत्र कांग्रेस ने देश को दिया। संविधान की मूल भावना का पाठ करने पर गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र की फिर तारीफ की।
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि धर्म के नाम पर राजनीति खतरनाक है, यह मानवता पर कलंक है कि हम मानव-मानव में भेद करते हैं। क्या कोई इसके खिलाफ आवाज उठाता है। गहलोत ने कहा कि वोट का अधिकार, लोकतंत्र कांग्रेस ने देश को दिया। संविधान की मूल भावना का पाठ करने पर गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र की फिर तारीफ की। गहलोत मंगलवार को जलियांवाला बाग दिवस पर 'स्वतंत्रता संग्राम एवं हमारे युवा' विषय पर वीसी के माध्यम से राज्य स्तरीय संगोष्ठी को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश में कई तरह के वर्ग बन गए हैं। पैसा वाला भी विचारवान हो और गरीब को गणेश माने, यदि देश हित को ऊपर रखे तो काफी योगदान दे सकता है। नेहरू की तरह अमीर बाप का बेटा भी देश हित में कुछ भी कर सकता है। गहलोत ने गांधीजी की जीवनी पढ़ने की अपील करते हुए कहा कि राज्य में ऐसा प्लेटफॉर्म बने, जिससे लगातार बात होती रहे। मैंने बचपन में तरुण शांति सेना में भाग लिया था, तब मैं शरणार्थी शिविर में 24 परगना गया था। अब वक्त आ गया कि वैसी ही कोई सेना बनें। मुझे काम करने के ज्यादा अवसर मिले हैं, मैं तीसरी बार प्रदेश का मुख्यमंत्री बना हूं।
गहलोत ने केंद्र पर साधा निशाना
गहलोत ने कहा कि आज इतिहास पढ़ने की आवश्यकता है, पैसे वाला भी समाज सेवा की बात सोचे तो देश हित में कुछ भी कर सकता है। उन्होंने कहा कि आज देश में ज्यूडिसरी, चुनाव आयोग, ईडी, सीबीआई सभी दबाव में है। कानून का राज रहेगा, तो सभी सुरक्षित रहेंगे, लोकतंत्र को बचाना है तो संवैधानिक संस्थाओं को बचाना जरूरी है। कोई कमी लगे तो उसके खिलाफ आवाज उठाओ। युवा पीढ़ी को सोचना चाहिए कि लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है। आज हम भगत सिंह, मंगल पांडे, लक्ष्मी बाई को याद करते हैं, क्योंकि उन्होंने इतिहास बनाया था, क्या आज के युवा इतिहास नहीं बना सकते। गांधी के विचार पर चलते हुए भी क्रांतिकारी बन सकते हैं। हर मुद्दे पर राष्ट्रीय बहस होनी चाहिए। सही तो सही, गलत तो गलत। आज पांच महीने से किसान सड़क पर बैठे हुए हैं। क्या लोकतंत्र में लोगों की बात नहीं सुननी चाहिए, जो हालात बने हैं, उनको समझने की जरूरत है। तरुणाई को अंगड़ाई लेने का समय आ गया है।
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