संसद का मानसून सत्र: सदन में विपक्षी दलों का हंगामा, लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित
पेगासस जासूसी केस, महंगाई तथा कृषि कानून समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह के आखिरी दिन भी जारी रहा, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई।
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी केस, महंगाई तथा कृषि कानून समेत अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी दलों के सदस्यों का हंगामा मानसून सत्र के दूसरे सप्ताह के आखिरी दिन भी जारी रहा, जिसके कारण लोकसभा की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित कर दी गई। एक बार के स्थगन के बाद पीठासीन अधिकारी राजेंद्र अग्रवाल ने 12 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की विपक्ष के सदस्य पहले की तरह हाथों में नारे लिखी तख्तियां लिए सदन के बीचों-बीच आ गए और नारेबाजी तथा शोरशराबा करने लगे। पीठासीन अधिकारी ने शोरशराबे के बीच ही जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए और सदन को चलाने का प्रयास किया।
उन्होंने सदस्यों से आग्रह किया कि बहुत महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा होनी है। इसके अलावा विपक्ष के सदस्य जिस विषय पर चर्चा करवाना चाहते हैं, वह विषय भी आज सदन में चर्चा के लिए सूचीबद्ध है, इसलिए सभी सदस्य हंगामा करने की बजाए अपनी सीटों पर जाएं और सदन की कार्यवाही होंने दें और चर्चा में हिस्सा लें। सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी और हंगामा करते रहे। अग्रवाल के आग्रह पर जब सदस्यों ने ध्यान नहीं दिया और हंगामा बढ़ता गया तो उन्होंने सदन की कार्यवाही सोमवार सुबह तक के लिए स्थगित कर दी।
इससे पहले 11 बजे अध्यक्ष ओम बिरला ने भी हंगामे के बीच प्रश्नकाल शुरू किया। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम लोग सत्र की शुरुआत से ही पेगासस जासूसी, महंगाई समेत अन्य मुद्दों पर चर्चा कराने की मांग कर रहे हैं, लेकिन चर्चा नहीं कराई जा रही है। इस पर सत्तापक्ष की तरफ से भी टिप्पणी की जाने लगी और इसी बीच प्रश्नकाल शुरू कर दिया गया। हंगामे के बीच संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि विपक्ष गैर गंभीर विषयों को मुद्दा बना रहा है जबकि इस मामले में सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दोनों सदन में बयान दे दिया है। विपक्ष बिना मुद्दे के हंगामा कर सदन के कामकाज में अवरोध उत्पन्न कर रहा है। पिछले 8 दिनों से हंगामा करके सदन के कामकाज को ठप करना दुर्भाग्यपूर्ण है। विपक्षी सदस्य नहीं माने और हंगामा बढ़ने लगा तो सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित की गई।
राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित
राज्यसभा में जासूसी मामलों और किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी दल के सदस्यों का हंगामा शुक्रवार को भी जारी रहा जिसके कारण शून्यकाल और प्रश्नकाल नहीं हो सका तथा भोजनावकाश के बाद शोर शराबे के बीच सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित कर दी गई। उप सभापति हरिवंश ने 2.30 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए गैर सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए सदस्यों का नाम पुकारा तो किसी भी सदस्य ने निजी संकल्प पेश नहीं किया और न ही किसी सदस्य ने निजी संकल्प पर चर्चा शुरू की। इस बीच कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम दलों के सदस्य आसन के समक्ष आ गए और तख्तियां लहराने लगे। हरिवंश ने कहा कि यह सदस्यों के निजी संकल्प का समय है और सदस्यों को सदन का संचालन सुचारू रूप से करने के लिए सहयोग करना चाहिए। उन्होंने बार बार सदस्यों से अपनी सीटों पर लौटने और शांत होने की अपील की।
हंगामे के बीच ही हरिवंश ने सीमित दायित्व भागीदारी (संशोधन) विधेयक 2021 और निपेक्ष बीमा और प्रत्यय गारंटी निगम (संशोधन) विधेयक 2021 पेश कराए। इसके बाद कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने नारियल विकास बोर्ड (संशोधन) विधेयक 2021 चर्चा के लिए पेश किया और बिना चर्चा के ही सदन ने ध्वनिमत से यह विधेयक पारित कर दिया। इसके बाद उप सभापति ने सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थगित करने की घोषणा कर दी। लोकसभा भी इससे पहले विपक्ष के हंगामे के कारण स्थगित कर दी गई थी।
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