महुए के फूलों से चुआएंगे शराब

महुए के फूलों से चुआएंगे शराब

श्रीगंगानगर शुगर मिल्स की पहल मिलेगा

जयपुर। आदिवासी महिलाओं की आजीविका बढ़ाने और आर्थिक संबल देने के लिए श्रीगंगानगर शुगर मिल्स लिमिटेड महुए के फूल खरीदकर शराब बनाएगा। इससे अवैध शराब पर काफी हद तक कंट्रोल होने की उम्मीद है। राजस्थान अनुसूचित जनजाति परामर्शदात्री परिषद की बैठक में इस पर चर्चा भी हो चुकी है। चर्चा के बाद पारंपरिक रूप से सेवन की जा रही मदिरा की मांग और खपत का परीक्षण करवाया गया। परीक्षण में सामने आया की महुआ की शराब का करोड़ों रुपए का अवैध कारोबार होता है।


इन जिलों में ज्यादा प्रचलित

श्रीगंगानगर शुगर मिल्स के अधिकारियों का मानना हैं कि महुआ शराब प्रदेश में उदयपुर, चित्तौड़गढ़, राजसमंद, बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़ सिरोही और बारां जिले में सबसे ज्यादा प्रचलित है। आदिवासी क्षेत्र में सबसे ज्यादा इसी शराब का सेवन किया जाता है। वैध बनने से यहां का करोड़ों रुपए का कारोबार आबकारी के खाते में जाएगा और अवैध पर लगाम लगेगा।


अवैध शराब से होने वाली मौतों में आएगी कमी

अवैध हथकढ़ शराब से होने वाली मौतों में भी कमी आएगी। वहीं अब तक स्थानीय आदिवासी लोग महुए के फूलों को कम दामों में बेचते थे उनको विभाग 80 रुपए किलो में खरीदकर उनकी आय बढ़ेगी। राजस्थान श्रीगंगानगर शुगर मिल्स महुआ की मदिरा के लिए महुए के फूलों की खरीद वन-धन समितियों से राजीविका उदयपुर के माध्यम से करेगा। फूलों को एकत्रित करने से आदिवासियों को रोजगार मिलेगा। फिलहाल आदिवासी इलाकों में अवैध शराब पर नियंत्रण करने और आदिवासियों को रोजगार देने के लिए पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसकी शुरुआत की जा रही हैं। जयपुर में जीएसएम की यूनिट पर इसको तैयार किया जाएगा। बाजार में आने के बाद इसका अच्छा रिस्पांस मिलता हैं तो इसे उदयपुर जीएसएम यूनिट में शिफ्ट किया जाएगा।
 

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