जनता उठाएगी भार : प्रदेश सरकार को अडानी कंपनी को देने है 5000 करोड़ रुपए
बिजली बिलों का फ्यूल सरचार्ज देगा करंट : अभी पांच पैसे प्रति यूनिट, अगले तीन साल इसे दस पैसे प्रति यूनिट करने की तैयारी
जयपुर। केस हारने के बाद अडानी ग्रुप को भुगतान की जाने वाली राशि को राजस्थान की जनता चुकाएगी। जनता से बिजली बिलों में फ्यूल सरचार्ज के नाम पर हो रही वसूली को अगले तीन साल और बढ़ाया जा सकता है। अभी पांच पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से हो रही वसूली को सितम्बर 2022 के बाद दस पैसे प्रति यूनिट होने की संभावना है। अडानी ग्रुप को भुगतान की बड़ी रकम होने के कारण यह वसूली अगले तीन साल तक वसूली जा सकती है। दरअसल, कोयला खरीद मामले में अडानी पावर राजस्थान से केस हारने के बाद ऊर्जा विभाग को मोटे तौर पर अभी पांच हजार करोड़ रुपए का भुगतान और करना पड़ेगा। इस मामले में बिजली कम्पनियां अडानी पावर को इससे पहले 2426 करोड़ का अंतरिम भुगतान कर चुकी हैं।
इसलिए उपभोक्ताओं से पिछले दो सालों से बिलों में वसूली जारी है। भुगतान की वसूली के लिए विद्युत विनियामक आयोग ने गत 13 जून 2019 को डिस्कॉम को वसूली के लिए अधिकृत किया था। डिस्कॉम का 36 किश्तों में वसूला जाने वाला यह पैसा सितम्बर 2019 से लिया जाना जारी है, जो सितम्बर 2022 तक पांच पैसे प्रति यूनिट है।
होगी दुगुनी वसूली
केस हारने के बाद ऊर्जा विभाग को अडानी ग्रुप को करीब पांच हजार करोड़ रुपए और देने है। इसलिए यह भार भी जनता के ऊपर ही आएगा। इसी वजह से विशेष फ्यूल सरचार्ज को पांच पैसे से बढ़ाकर दस पैसे प्रति यूनिट करने पर विचार चल रहा है। यानि सितम्बर 2022 के बाद अगले तीन साल तक दस पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से वसूली होगी।
फ्यूल सरचार्ज वसूली के लिए भाजपा जिम्मेदार
फ्यूल सरचार्ज वसूली के पीछे भाजपा जिम्मेदार है। भाजपा सरकार ने जाते जाते अडानी पावर को पैसा देने का फैसला कर दिया था। हमने आते ही चुनौती दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज हो गई।
-डॉ. बीडी कल्ला, ऊर्जा मंत्री
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